अपने फेवरेट क्रिकेटर या मनपसंद कलाकार के जैसी हेयरस्टा इल की कामना हम सभी करते हैं। ऐसे में खूबसूरत बाल हमारे सम्पूर्ण व्यकि्तत्व को बदल देते हैं।
अपने फेवरेट क्रिकेटर या मनपसंद कलाकार के जैसी हेयरस्टाइल की कामना हम सभी करते हैं। ऐसे में खूबसूरत बाल हमारे सम्पूर्ण व्यकितत्व को बदल देते हैं।
सौन्दर्य का व्यावख्यान करते समय सदियों से कवि बालों की महत्वपूर्ण भूमिका को मानते आये हैं। बात चाहे पुरूष वर्ग की करें या महिला वर्ग की बालों का सौंदर्य हम सभी के लिए बहुत महत्वषपूर्ण है। चाहे खूबसूरती या फिटनेस की बात करें, बालों का प्रभाव हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व पर पड़ता है। आपकी पहली छाप के अलावा आपके बाल आपकी स्टाइल स्टेटमेंट होते हैं। बालों का गिरना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और यह अलग–अलग लोगों को अलग–अलग प्रकार से प्रभावित करती है। आज कई कारणों से पुरूषों और महिलाओं में बालों का झड़ना एक बहुत ही आम प्रक्रिया हो गयी है। महिलाओं में बालों का गिरना एक कहर की तरह होता है और कई बार तो इसके परिणाम डिप्रेशन या साइकालाजिकल समस्याओं को भी जन्म देते हैं। हमारी खूबसूरती हमारे लिए बहुत ही महत्वयपूर्ण है। यहां तक कि ऐसा भी माना गया है कि खूबसूरत बाल आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।
बालों के गिरने के कुछ खास कारण हैं :
- अधिक समय तक धूप या प्रदूषण का सामना करना
- बालों पर अधिक मात्रा में रसायन का प्रयोग करना
- आधुनिक उपकरणों का प्रयोग
- कुपोषण या अस्वगस्थ खान पान की आदतें
- आनुवांशिक गंजापन या हार्मोन में असंतुलन
- अधिक समय तक हैलमेट का प्रयोग करना
जाने माने चिकित्सक अरिहन्त सुराना के अनुसार सर पर बालों के ना होने से व्यकि्त की सम्पूरर्ण खूबसूरती प्रभावित होती है और इसी कारण से व्यिक्त में डिप्रेशन और असुरक्षा की भावना जन्म लेने लगती है। पुरूषों और महिलाओं में बालों के गिरने का समय भी अलग अलग होता है। पुरूषों के बाल 40 वर्ष की उम्र से पहले ही गिरने शुरू हो जाते हैं और महिलाओं के बाल अकसर 40 वर्ष की उम्र के बाद गिरने शुरू होते हैं।
आज जब हर एक व्यक्ति स्वयं की तुलना जाने माने सेलिब्रिटी से करता है, तो ऐसे में बालों का गिरना व्यकित की पहली छाप को भी प्रभावित करता है। हालांकि बालों का गिरना एक सामान्य प्रक्रिया है ,लेकिन इसका असर व्य कित के काम पर भी पड़ता है। आज लगभग सभी प्रकार की नौकरियों में अच्छा दिखना भी बहुत महत्वभपूर्ण है। बात चाहे जाने माने क्रिकेटर विरेन्द्र सेहवाग की करें, गायक हिमेश रेशमिया की या अभिनेता संजय दत्ता और सलमान खान की करें बालों की समस्या कहीं ना कहीं उनके काम में बाधा बनी है। हालांकि विज्ञान ने आज इस समस्या का भी निदान ढूंढ निकाला है।
क्रिकेटर विरेन्द्र सेहवाग का तो मानना भी है कि जो अच्छा दिखता है वो ही बिकता भी है। एक समय था जबकि गंजेपन के शिकार हुए विरेन्द्रत सेहवाग को उन्हीं के प्रशंसकों ने मज़ाक का पात्र भी बनाया था। लेकिन उन्होंने बाल उगाने की नयी तकनीक को अपनाया और अपने बालों को वापस पाकर वो स्वेयं को और युवा महसूस करने लग हैं ।
गंजेपन में कारगर कुछ आधुनिक तरीके हैं :
टॉप स्टोरीज़
- दवाओं का प्रयोग
- लेज़र चिकित्सा जैसे लेज़र कांब
- क्लीनिकल उपचार जैसे खोपड़ी की चिकित्सा, अल्ट्रावायलेट और इन्फ्रारेड लाइट थेरेपी ,लेज़र मसाज
- डाइरेक्ट हेयर इम्प्लांट ( डी एच आई )
इन थेरेपीज़ में से कुछ के साइड इफेक्टा भी पाये गये हैं और कुछ दर्दरहित हैं जैसे डी एच आई। चिकित्सा से पहले व्यक्ति को चिकित्सा के खर्च और चिकित्सा के साइड इफेक्ट के बारे में पूरी तरह से जानकारियां इकट्ठी कर लेनी चाहिए।