जूतों, चलने का स्‍टाइल और भी बहुत से कारणों से प्रभावित होती है पैरों की सेहत

पैरों की सेहत के लिए जरूरी है कि आप उनकी नियमित सफाई करते रहें व उनकी उचित देखभाल करें तो वे न केवल खूबसूरत होंगे, बल्कि उनकी सेहत भी बनी रहेगी।
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जूतों, चलने का स्‍टाइल और भी बहुत से कारणों से प्रभावित होती है पैरों की सेहत

पैर हमारे लिए क्‍या कुछ नहीं सहते। ऐसे में पैरों की सही देखभाल करना हमारा दायित्‍व बनता है। जानिए कैसे हम अपने पैरों की सही तरीके से देखभाल कर सकते हैं। 

हमारे हाथों की तुलना में पैरों की त्वचा अधिक मोटी होती है जिसकी रोजाना देखभाल नहीं करने से यह समय के साथ गंदी हो जाती है। अनेक लोगों को फटी एड़ियों की समस्या का सामना करना पड़ता है जो लम्बे वक्त में पैरों के स्वास्थ्य पर ध्यान न देने के कारण होती है।

 

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सही न हो देखभाल हो तो सकता है नुकसान

हमारे पैरों की डेड त्वचा सेल्स को एक्सफॉलिएटेड करने की ज़रूरत होती है और नियमित माइश्चराईज़िग त्वचा को सूखने से बचाने के लिये महत्त्वपूर्ण है अन्यथा पैरों में बिवाईयां फट सकती हैं जिनमें खून भी आ सकता है। आपके पैरों की माइश्चराईज़िंग आपके चेहरे की देखभाल जैसी महत्वपूर्ण है। हर बार स्नान के वक्त पैरों को अच्छी तरह धोने या स्क्रब करने की आदत डालें। इससे आपके पैरों की केयर आसान हो जाती है।

 

चलने का स्‍टाइल है जिम्‍मेदार

पैरों की त्वचा के साथ फ्रिक्शन की संभावना ज़्यादा होती है जिसके लिये सही से फिट न होने वाले जूते या चलने का गलत स्टाईल जिम्मेदार होता है। पैर के तलुवे पर एक ही बिन्दु पर लगातार दबाव पड़ने से कॉर्न और कॉलस विकसित हो जाते हैं त्वचा कड़ी हो जाती है और बाद में इसमें दर्द हो सकता है।

 

प्‍यूमिस स्‍टोन से करें स्‍‍क्रब

रोजाना पैरों की देखभाल जैसे कि झांवा पत्थर (प्युमिस स्टोन) से स्क्रबिंग करना डेड सेल्स को हटा सकता है और पैरों में समस्याएं उत्पन्न होने की रोकथाम में मदद करता है। प्युमिस स्टोन या फुट स्क्रब से स्क्रबिंग करके कार्न्स और कॉलसेज से बचाव करें यह डेड त्वचा को हटाने में मददगार है जो बाद में कडी और मोटी होना शुरू हो जाती है और चलने-फिरने के समय दर्द उत्पन्न करती है।


माश्‍चरइजर रखे पैरों को नरम

अपने पैरों को वैसे ही माइश्चराइज़ करें जैसे आप शरीर के अन्य हिस्सों की केयर करते हैं। पैरों के तलुवों को मुलायम रखने के लिये इनमें कोई ऑयल ग्लैंड्स नहीं होतीं इसलिये किसी क्रीम को नियमित लगाने का रूटीन बनाना ज़रूरी है।यदि आपके पैर अत्यन्त सूखे हैं और त्वचा कटी-फटी है तो रात में सोने जाने के वक्त किसी हैवी ड्यूटी मॉइश्चराईज़र या पेट्रोलियम जेली का अच्छी तरह प्रयोग करें और बेहतर अवशोषण के लिये इसे कॉटन सॉक्स से कवर करें।

 

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जूते हों सही

सही तरह से फिट आने वाले जूते पहनें क्योंकि ढीला या ज़्यादा कसा जूता आपके पैरों को सही तरह से सहारा न देकर काफी नुकसान पहुंचा सकता है। नये जूतों की खरीदारी दोपहर के काफी बाद या शाम के वक्त करें क्योंकि कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि दिन के दौरान हमारे पैरों में कुछ सूजन आ जाती है।

देख लें कि आपके अंगूठे हिल सकते हैं लेकिन नये जूते ट्राई करते वक्त आपकी एड़ियां बाहर नहीं आनी चाहिये।

  • हमारे पैरों में फंगल इंफेक्शन होने की संभावना ज़्यादा होती है और इससे बचाव के लिये हाइजीन का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। पैरों को कभी भी गीला नहीं रखना चाहिये इन्हें अच्छी तरह से खासकर अंगूठों के बीच की जगह को सुखा लेना चाहिये। पैरों के नाखून नेल कटर की सहायता से सही तरह से काटने चाहिये।
  • यदि आपके पैर दर्द करते हैं तो आप इन्हें सी सॉल्ट मिले गुनगुने पानी में डुबो सकते हैं। इससे दर्द से राहत मिलती है और नर्व को आराम मिलता है।
  • अपने पैरों को रिलैक्स करने के लिये आप हाथों से हल्के गूंधते हुए तलुवों की मसाज कर सकते हैं। हल्के से हाथों को घुमाने और सॉफ्ट मसाज से आपके पैरों को रिलैक्स होने में मदद मिलती है।
  • यदि आपकी एड़ियों में दर्द हो तो हाई हील शूज से बचें क्योंकि इससे खिंचाव और दर्द ज़्यादा बढ़ सकता है।

 

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