डायबिटीज अब कम उम्र के लोगों को भी अपनी चपेट में लेने लगी है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने के बाद व्य क्ति को और भी दूसरी बीमारियां होने लगती हैं। अगर सही समय पर इलाज न हो, तो डायबिटीज पीडि़त धीरे-धीरे रोग का घर बन जाता है। खाने-पीने और रहन-सहन से जुड़ी कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो हम जाने-अनजाने कर ही जाते हैं। इनमें कई ऐसी गलतियां भी होती हैं, जिनकी वजह से डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। हम आपको उन पांच आदतों के बारे में आगाह कर रहे हैं, जो डायबिटीज की वजह बनती है। इनमें से तीन को भी आपने छोड़ दिया, तो इस से रोग काफी दूर हो जाएंगे।
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रात को ज्यादा देर तक न देखें टीवी
रात को खाना खाने के बाद थोड़ी देर टीवी के सामने बैठना कोई बुरा नहीं है, लेकिन घंटों बिताना आपको नुकसान देगा। कुछ दिनों पहले पीटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी में किया गया एक शोध कहता है कि टीवी के सामने बिताया हुआ आपका हर एक घंटा डायबिटीज के रिस्कह को 4 फीसदी बढ़ा देता है। इसकी वजह है ज्या दा बैठे रहना। ज्यासदा बैठे रहने से आपकी कमर का फैट बढ़ जाता है और पेट का फैट सीधे डायबिटीज के रिस्क। से जुड़ा हुआ है।
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विटामिन डी है जरूरी
ऐसा हो सकता है कि आपका वजन काबू में हो, लेकिन यह इस बात की गारंटी नहीं है कि आप डायबिटीज के शिकार नहीं होंगे। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है, तो कम वजन वाले लोगों को भी डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। दूध और धूप दोनों में विटामिन डी पाया जाता है।
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मानसिक तनाव से रहें दूर
मानसिक तनाव का आपकी बॉडी के शुगल लेवल पर सीधा असर पड़ता है। खासकर अगर वो कामकाज से जुड़ा हो तो। जर्मनी में हुआ एक अध्यायन बताता है कि ऐसे लोग जो कामकाज को लेकर बेहद तनाव में रहते हैं, उनमें टाइप टू डायबिटीज का खतरा 45 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसलिए चीजों को अपने अंदर समेटना बंद करें और तनाव की हवा बीच-बीच में निकालते रहें।
देर रात तक काम करने से बचें
देर रात तक काम करने वाले लोग अन्यह के मुकाबले डायबिटीज के रिस्कन के दायरे में ज्या दा आते हैं। इसकी दो वजहें हैं, एक तो यह कि ऐसे लोगों की नींद अच्छीन नहीं होती। वे भले ही आठ घंटे की नींद ले लें, लेकिन वो नींद रात की गहरी नींद जैसी नहीं होती। दूसरी वजह यह है कि रात को जागने वाले लोग रोशनी के संपर्क में ज्या दा रहते हैं। रात को तो लाइट जलती ही है, दिन में खिड़कियों से आती रोशनी, मोबाइल, लैपटॉप, सेल फोन और टीवी वगैरा की रोशनी को भी वो एवॉइड नहीं कर सकते। इस सिलसिले में हुए कुछ शोध कहते हैं कि इनका असर इंसुलिन और ब्ल ड शुगर के लेवल पर पड़ता है। कुछ दिनों पहले कोरिया में हुआ एक अध्यरयन इसकी पुष्टि करता है।
अच्छे बैक्टीरिया की जरूरत
हमारे पेट में दो तरह के बैक्टी रिया रहते हैं। अच्छेर वाले और बुरे वाले। अगर अच्छे वाले को खुश नहीं रखेंगे, तो बुरा बैक्टी रिया आपकी आंतों की ताकत को कम कर देता है। इससे जो जलन जैसी स्थिोति पैदा होती है, वो डायबिटीज के लिए रास्ता खोलती है। योगहर्ट, केला, प्या,ज और होल ग्रेन में अच्छाट बैक्टीारिया होता है, खाइए और आंतों को खुश रखिए।
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