सिंगल पैरेंटिंग के सामने होती हैं ये चुनौतियां

सिंगल पेरेंट्स को बहुत ही धैर्य और समझदारी से हर कदम उठाना पड़ता है। आइए जानें एकल माता-पिता को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं।
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सिंगल पैरेंटिंग के सामने होती हैं ये चुनौतियां

एकल अभिभावकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ सिंगल पेरेंट्स जहां इस चुनौती को सहजता से स्वीकार करते हैं वहीं कुछ अभिभावक सिंगल होने के सदमें से उबर नहीं पातें नजीतन वे न सिर्फ अपने भविष्य को दांव पर लगा देते हैं बल्कि अपने बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ करते हैं। सिंगल पेरेंट्स को बहुत ही धैर्य और समझदारी से हर कदम उठाना पड़ता है। आइए जानें एकल माता-पिता को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं।

 

Single parenting

 

 

  • सिंगल पेरेंट्स को सबसे पहले खुद से ही इन चुनौतियों का सामना करना होता है, उन्हें अपने अतीत से उबरने में, अतीत को भुलाने की भी हर मुमकिन कोशिश करनी पड़ती है।
  • अगर किसी सिंगल पेरेंट के दो बच्चे हें तो उनके लिए मुश्किलें आसान नहीं होती। उन्हें बच्चों के भविष्य, कैरियर और उनके जीवन की तमाम चीजों के निर्णय खुद ही लेने होते हैं ।
  • बच्चों के सवालों के जवाब देना, बच्चों  को माता-पिता दोनों को प्यार देना, बच्चे को किसी तरह की कोई कमी महसूस न होने देना भी किसी चुनौती से कम नहीं।
  • आर्थिक तौर पर मजबूत हों- सिंगल मदर्स के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। बच्चे की जरूरतें, उसकी ख्वाहिशें आर्थिक रूप से मजबूत हुए बिना पूरी नहीं की जा सकती। लेकिन बच्चे को भी शुरू से अपनी स्थितियों से परिचित करवा दें और उन्हें ये शिक्षा दें की आप दोनों के लिए एक-दूसरे के साथ रहना ही सबसे बड़ी खुशी है।
  • यह जरूरी नहीं कि आपके साथ बुरा हुआ तो बाकी सब भी एक जैसे ही होते हैं बल्कि आपको अपने बच्चे के लिए अन्य अभिभावकों और अपने बच्चे के दोस्तों से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की जरूरत है।
  • योग करें- कई बार ऐसा समय आता है जब आप अकेला महसूस करने लगते हैं यह समस्या सिंगल पेरेंटिंग में खासतौर पर आती ही है। इससे बचने के लिए आप अपने आपको भी योगा आदि में व्यस्त रख सकते हैं। योग आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तौर पर मजबूत बनाएगा।
  • घर और बाहर की जिम्मेदारी- सिंगल पैरेंटिंग के दौरान सिंगल पैरंट्स को घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी एक साथ निभाना सिंगल पेरेंट़स के लिए बड़ी चुनौती है। इस जिम्मेदारी को निभाते वक्त काफी धैर्य रखना पड़ता है। कई बार इस जिम्मेदारी को निभाने के दौरान बच्चे पर से ध्यान हट जाता है। ऐसे में इन जिम्मेदारियों को निभाते वक्त सबसे ज्यादा ध्यान रखें कि कहीं बच्चा खुद को अकेला तो महसूस नहीं कर रहा। 
  • किसी पर विश्वास ना करें- बच्चा  छोटा है तो बच्चे को अकेले छोड़ना और उसकी अच्छी़ परवरिश पर विशेष ध्यान देना भी उनके लिए चिंता का विषय होता है। अगर बच्चा बड़ा भी है तो भी उसे किसी के भरोसे ना छोड़ें। आज की दुनिया में किसी पर विश्वास करना ही सबसे बड़ी गलती होती है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को आप इस तरह से समझदार बना सकें कि वो छोटी उम्र से ही थोड़ी देर आपके बिना सबकुछ संभालना सीख जाए। 

एकल माता-पिता को इसी तरह की कई और चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है लेकिन वे चाहें तो धैर्य, समझदारी और सहजता से इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

 

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