जीका वायरस से प्रेगनेंट महिलाओं को हो सकता है ये बुखार

जीका वायरस का प्रभाव अभी भी कई देशों में बना हुआ है। हालांकि इससे बचने के उपायों पर भी काम चल रहा है। फिर भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है। इस बारे में विस्तार से पढ़े।
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जीका वायरस से प्रेगनेंट महिलाओं को हो सकता है ये बुखार

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जीका वायरस के संक्रमण और बचाव को लेकर को सलाह जारी की जिसमें कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस की वजह से भ्रूण में ही माईक्रो स्फैली का कारण बन सकता है। गर्भवती मां के जरिए कोख में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। साथ ही गुदा व मुख मैथुन के साथ सामान्य यौन संबंधों के जरिए भी इसका संक्रमण हो सकता है।


इस बारे में आईएमए के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि अगर आप गर्भवती हैं या होना चाह रहे हैं तो जीका वायरस वाले देशों में जाने से परहेज करें। इसका कोई खास इलाज नहीं हैं, बस मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए, अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और बुखार पर नियंत्रण करने के लिए पैरासीटामोल का प्रयोग करना चाहिए।

जीका वायरस वाले क्षेत्रों से लौट रहे सैलानियों को यौन संबंध बनाने से आठ सप्ताह तक परहेज करना चाहिए या सुरक्षित यौन संबंध ही बनाएं. गर्भधारण की योजना बना रहे जोड़ों को आठ सप्ताह के लिए रुक जाना चाहिए. अगर पुरुष में इसके लक्षण नजर आएं तो छह महीने के लिए रुक जाना चाहिए. पहले आईएमए ने जीका वाले क्षेत्र से आए लोगों को 4 सप्ताह के लिए यौन संबंध ना बनाने की सलाह दी थी. रियो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे सभी खिलाड़ियों और दर्शकों को रियो में और लौटने के आठ सप्ताह तक केवल सुरक्षित यौन संबंध ही बनाने चाहिए.


जीका का संक्रमण अफ्रीका, साउथ एशिया, पैसिफिक आयलैंड, सेंट्रल और साउध अमेरीका, मैक्सिको, कैरेबियन, प्योरिटो रीको और यूएस वर्जिन आयलैंड में पाया गया है।  भारत में इसका अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। 80 प्रतिशत तक लोगों में इसके नाम मात्र या बहुत मामूली लक्षण देखे गए हैं।  मच्छर के काटने के 2 से 12 दिन के अंदर यह लक्षण नजर आने लगते हैं।



 

 

Image Source-Getty

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