कहीं आपके उठने-बैठने के तरीके में तो नहीं छिपा आपकी बीमारी का राज?

गलत बॉडी पोश्चर से आपके शरीर में दर्द, बल्ड सर्कुलेशन, मांसपेशियों की समस्याएं और कुछ रोगों का खतरा रहता है। अगर आप अपना बॉडी पोश्चर ठीक रखते हैं, तो इससे आपकी पर्सनैलिटी अच्छी दिखती है।
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कहीं आपके उठने-बैठने के तरीके में तो नहीं छिपा आपकी बीमारी का राज?

कई बार आपके शरीर में दर्द होता है या कोई अन्य परेशानी होती है और जांच में किसी तरह की बीमारी का पता नहीं चलता है या चिकित्सक की तमाम दवाओं के बाद भी आराम नहीं मिलता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि आपको कोई बीमारी हो ही न, बल्कि आपके शारीरिक परेशानी की वजह आपका गलत बॉडी पोश्चर हो। जी हां! गलत बॉडी पोश्चर से आपके शरीर में दर्द, बल्ड सर्कुलेशन, मांसपेशियों की समस्याएं और कुछ रोगों का खतरा रहता है। अगर आप अपना बॉडी पोश्चर ठीक रखते हैं, तो इससे न सिर्फ आपकी पर्सनैलिटी अच्छी दिखती है बल्कि आपको कई तरह की शारीरिक परेशानियां होने की संभावना भी कम हो जाती है। बचपन से अगर बच्चे को सही बॉडी पोश्चर के साथ रहना सिखाया जाए, तो उसकी लंबाई-चौड़ाई बहुत अच्छी होती है।

क्यों जरूरी है सही बॉडी पोश्चर

हमारे उठने-बैठने के तरीके का हमारे शरीर और दिमाग पर असर पड़ता है। अगर हमारा बॉडी पोश्चर सही है, तो दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक होता है और दिमाग देर तक बिना थके हुए अच्छी तरह काम कर सकता है। गलत बॉडी पोश्चर जहां आपमें आलस और थकान का कारण बनता है वहीं सही बॉडी पोश्चर से आपका शरीर ज्यादा देर तक ऊर्जावान बना रहता है। सही बॉडी पोश्चर रखने से तनाव और सिर दर्द जैसी रोजमर्रा की परेशानियां नहीं होती हैं। इसके अलावा मनोविज्ञान की दृष्टि से देखें तो जब आपका बॉडी पोश्चर ठीक रहता है, तब आप में ज्यादा आत्मविश्वास होता है। आइये आपको बताते हैं कैसा होना चाहिए आपका सही बॉडी पोश्चर।

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कैसे हों खड़े

कई बार इंतजार में या किसी अन्य उद्देश्य से आपको कुछ समय तक खड़े रहना पड़ता है। ऐसे में कुछ लोग खड़े होते समय आगे की तरफ झुके हुए होते हैं या या गर्दन को एक तरफ झुका कर खड़े होते हैं। ऐसी पोजीशन रखने से आपकी रीढ़ की हड्डी या गर्दन में दर्द हो सकता है। खड़े होने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आपकी कमर और गर्दन सीधी हो और दोनों तलवों पर समान भार पड़ रहा हो। इससे पैरों की किसी खास मांसपेशी पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता और आप जल्दी थकते नहीं हैं।

वजन उठाते समय

अगर आपको जमीन से कोई वजनदार चीज उठानी है तो सिर्फ कमर को झुकाकर उठाने से आपको वजन उठाने में परेशानी होगी और इससे कमर की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। इसलिए भारी चीजों को उठाने के लिए कमर के साथ-साथ घुटनों को भी थोड़ा मोड़ लेना चाहिए। इसके अलावा अगर सामान ज्यादा भारी है तो इसे दो भागों में उठाएं यानि सीधे जमीन से कंधे की उंचाई तक उठाने के बजाय पहले इसे किसी स्टूल, मेज या कुर्सी पर रख लें और फिर उठाएं। इससे मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा।

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बैठने का सही तरीका

ज्यादातर लोग गलत तरीके से बैठते हैं। अगर ऐसे लोगों को नौकरी या किसी अन्य उद्देश्य से रोज देर तक बैठना पड़े तो गलत बॉडी पोश्चर के कारण इन्हें बुढ़ापे में कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। याद रखिये कुर्सी पर बैठते समय अपने दोनों पैरों को जमीन को पूरी तरह छूने दें, उन्हें लटकाकर न बैठें। इसके अलावा आगे की तरफ झुककर न बैठें बल्कि कमर को सीधा रखते हुए बैठें। कंप्यूटर पर काम करते हुए की-बोर्ड को अपनी नाभि की उंचाई तक रखें।

सोने का सही तरीका

पीठ के बल सोना, सोने की सबसे आदर्श स्थिति है। इसे सोल्जर स्लीपिंग पोजीशन भी कहते हैं। डॉक्टर्स अक्सर इस पोजीशन में सोने की सलाह देते हैं। इससे आपके रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और पेट में अनावश्यक एसिड नहीं बनता है। लेकिन अगर आपको खर्राटों की समस्या है तो इस पोजीशन में ये समस्या बढ़ सकती है।

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