नर्वस सिस्टम हमारे शरीर के संचालन के लिए बेहद आवश्यक है। नर्वस सिस्टम में कोशिकाओं की मदद से शरीर के एक हिस्से से संदेश दूसरे हिस्से तक पहुंचाने का काम किया जाता है। नर्वस सिस्टम में परेशानी होने की वजह से शरीर व अंगों के संचालन में समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी वजह से नर्वस सिस्टम का ठीक रहना बेहद जरूरी होता है। योगासनों की मदद से भी आप अपने नर्वस सिस्टम को बेहतर बना सकते हैं। आगे जानते हैं इनके बारे में।
मकरासन
इस आसन से भी आपको कई फायदे मिलते हैं। इसमें व्यक्ति को मगरमच्छ की तरह पेट के बल पर जमीन पर लेटना होता है। दोनों हाथों को सिर के पास तकिये की तरह रखना होता है। इस अवस्था में मन को शांत रखते हुए शरीर के अंगों को रिलैक्स करना होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से व्यक्ति का दिमाग शांत होता है और उसको बैचेनी, डिप्रेशन, उलझन व माइग्रेशन में आराम मिलता है।
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सेतुबंधासन
इसे लोग ब्रिज पोज के नाम से भी जानते हैं। सेतुबंध आसन में पीठ व कमर की मांसपेशियां लचीली बनती हैं। साथ ही कमर व पीठ में जमा फैट तेजी से बर्न करता है। सेतुबंधासन के नियमित अभ्यास से नर्वस सिस्टम और एनर्जी का लेवल बेहतर बनता है। ये दिमाग को रिलैक्स कर हल्के अवसाद को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। ये पाचन क्रिया को बेहतर करता है।
वृक्षासन
वृक्षासन में व्यक्ति को एक पेड़ की तरह खड़ा होना होता है। इसमें व्यक्ति के दोनों हाथ ऊपर की तरफ होते हैं और उसका एक पैर घुटने की ओर मुड़ा होता है। इस योगासन से शरीर के बैलेंसिंग पावर बढ़ती है, जिससे दिमाग शांत होताा है और एकाग्रता बढ़ती है। इससे नर्वस सिस्टम बेहतर होता है।
वितरीत करणी मुद्रा
वितरीत करणी मुद्रा में व्यक्ति को दीवार के पास पीठ के बल पर लेटना होता है। इसके बाद पैरों को दीवार के सहारे ऊपर की ओर उठाना होता है। इस योगासन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसके साथ ही पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और नर्वस सिस्टम बेहतर होता है। इस योगासन को नियमित करने से एनर्जी लेवल में बढ़ोतरी होती है।
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बालासन का करें अभ्यास
बालासन शिशु के लेटने की तरह आसन होता है। इससे योग आसन से कंधों, पीठ व गर्दन का तनाव दूर होता है। शरीर की मांसपेशियों में तनाव आने पर इसे किया जा सकता है। इससे नर्वस सिस्टम बेहतर बनता है। इससे व्यक्ति को मानसिक विकारों में भी फायदा होता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव व चिंता कम होती है।
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