माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए 5 योगासन, योगा एक्सपर्ट से जानें करने का तरीका

माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए योग प्रशिक्षक क्या देते हैं सलाह। जानें कौन का योग करें।
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माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए 5 योगासन, योगा एक्सपर्ट से जानें करने का तरीका

नियमित तौर पर योग करने से माइग्रेन को जड़ से खत्म किया जा सकता है। हम आपको योग के पांच आसन के बारे में बताएंगे जो माइग्रेन के प्रभाव को कम करते हैं। अनुलोम- विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम ,कपालभाति, सूर्य नमस्कार, जल नेति क्रिया और सूत्र नेति क्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह प्रमुख योगासन कई मायनों में खास हैं, क्योंकि ये माइग्रेन के असर को खत्म करते हैं। इससे मस्तिष्क शांत रहता है। जो माइग्रेन के असर को खत्म करता है। जेआरडी टाटा ऑडिटोरियम में प्रशिक्षण देने वाले व टाटा स्टील और देश के प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक अरविंद कुमार ने माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए योगान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसे कैसे किया जाए और इसके फायदों के बारे में भी बताया। तो आइए इस आर्टिकल में हम योग से माइग्रेन को दर्द को मिटाने के उपायों के बारे में जानते हैं।

सही तरीके से योग करेंगे तभी मिलेगा फायदा

टाटा स्टील के योग प्रशिक्षक अरविंद कुमार ने कहा- योग की विधि सही होनी चाहिए तभी इसका फायदा मिलता है। आज कल देखा जा रहा है कि लोग गलत ढंग से योग करते हैं। इसका लाभ नहीं मिलने पर परेशान हो जाते हैं। माइग्रेन से निजात पाने के लिए 5 आसान प्रमुख हैं। जो इसमें ज्यादा फायदा देते हैं, हम उसपर बात करेंगे। लेकिन यह जरूरी है कि इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए। अगर गलत विधि से योग करेंगे तो यह फायदा नहीं पहुंचेगा और नुकसान भी होगा। माइग्रेन से सिर में कफ हो जाता है। यह नाड़ी तंत्र विकृति से होता है। इससे सर का आधा हिस्सा दर्द करता है। माइग्रेन से ग्रसित मरीज रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं।

इन आसन से माइग्रेन होगा कम

भस्त्रिका प्राणायाम को अपनाएं, जानें इसे कैसे करें

एक्सपर्ट बताते हैं कि इसमें नाक के दोनों छिद्र से सांस लेना है और दोनों छिद्र से सांस छोड़ना है। बल का प्रयोग कर सांस नहीं लेना है। सांस लेने के समय आवाज नहीं होनी चाहिए। सांस भरने में हम जितना समय लेंगे उससे ज्यादा समय में सांस छोड़ना होगा। जैसे हम सांस भरने में 10 सेकेंड लेते हैं तो छोड़ने में 11 से 12 सेकेंड का समय लेना होगा। सांस को कुछ देर तक (छाती में)अंदर रखना होगा।

अलोम विलोम है काफी कारगर

योग प्रशिक्षक अरविंद कुमार बताते हैं कि इस आसन में नाक के बाएं छिद्र से सांस भरेंगे और दाहिने से छोड़ेंगे। इस योग को करने के लिए कुछ देर तक अंदर सांस को रोककर रखना होता है। जैसे कि अगर हम बाएं छिद्र से 10 सेकेंड में सांस ले रहे हैं तो चार सेकेंड तक सांस को अंदर रखेंगे। 12 से 14 सेकेंड में सांस छोड़ेंगे। इस प्रकार दाहिने छिद्र से भी करना है। अगर सिर्फ यह एक छिद्र से करेंगे तो यह पूरा एक साइकिल होगा। यह नाक के नोजल को ठीक कर देगा। माइग्रेन से ग्रस्त मरीज को इसे 20 मिनट तक करना चाहिए। नियमित तौर पर माइग्रेन से पीड़ित मरीज यदि यह करें तो उन्हें निश्चित तौर पर फायदा होता है।

Migraine Pain

कपालभाति को नियमित योगाभ्यास में करें शामिल

एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन में नाक से सांस को छोड़ना नहीं है, सांस को तेजी से फेंकना (इसे तेजी से छोड़ना कह सकते हैं ) है। इस आसान में बहुत लोग सांस फेंकते समय छाती में झटका देते हैं। लोगों को छाती में झटका नहीं देना है।  तीन तरह के कपालभाति होते हैं जो चंद्र कपालभाति , सूर्य कपालभाति और सामान्य कपालभाति। इसमें से कोई एक कपालभाति के आसन करने से माइग्रेन के असर को कम करता है। कपालभाति में कंधा, छाती हिलना नहीं चाहिए। पेट बस अंदर बाहर होगा। इसे सात से 10 मिनट तक करना चाहिए। लोगों को अपने योगाभ्यास में कपालभाति को भी शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें निश्चित तौर पर फायदा होगा।

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जल नेति क्रिया और सूत्र नेति क्रिया को योगाभ्यास में करें शामिल

जानें जल नेति कैसे करें

योग प्रशिक्षक अरविंद ने कहा- जलनेति एक महत्वपूर्ण शरीर शुद्धि योग है, जिसमें पानी से नाक की सफाई की जाती और आपको माइग्रेन, साइनस, सर्दी, जुकाम , पॉल्लुशन, इत्यादि से बचाता है। जलनेति करने के लिए पानी में हल्का नमक डाल हल्का गर्म कर गुनगुना कर लिया जाता है, फिर इसी पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पानी को नेटिपोट से नाक के एक छिद्र से डाला जाता है और दूसरे से निकाला जाता है। पानी नाक से पूरा निकल जाना चाहिए नहीं तो यह नुकसान पहुंचा सकता है। इस योगाभ्यास को अच्छे योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो परिणाम घातक हो सकते हैं।

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सूत्र नेति को अपनाकर समस्या से पाएं निजात

योग प्रशिक्षक बताते हैं कि इस क्रिया को करने के लिए पहले धागे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब यह आसानी से मेडिकल स्टोर में मिल जाता है। इस क्रिया में पहले इस सूत्र नेति को पानी से साफ करके नाक में धीरे-धीरे डाला जाता है जिसे मुंह से निकाला जाता है।  इस क्रिया से शरीर का शुद्धिकरण होता है। माइग्रेन की समस्या को यह कम करता है।

माइग्रेन की बीमारी होने पर दिखते हैं ये लक्षण

माइग्रेन की बीमारी होने पर कष्टदायक झनझनाहट वाला दर्द होता है जो आपकी हलचल से बढ़ जाता है और आपको सामान्य गतिविधियां करने से रोकता है। कुछ मामलों में दर्द सिर की दोनों ओर हो सकता है और आपके चेहरे व गर्दन को प्रभावित कर सकता है। सिर में ऐसा दर्द होता है कि मानो कोई हथौड़े मार रहा हो। यह दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है तो कभी-कभी पूरे सिर में भी होने लगता है। दर्द की यह स्थिति कुछ घंटों से लेकर कुछ दिन तक बनी रह सकती है। इस दर्द को माइग्रेन, अधकपारी या अर्धशीशी कहते हैं। इसमें सिरदर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं। दर्द वाले हिस्से में सूजन भी आ जाता है।

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