सबसे पहले तो आपका यह जानना जरूरी है कि हार्मोन्स (Hormones) हमारे लिए क्यों जरूरी हैं? दरअसल हार्मोन्स (Hormones) हमें एनर्जी देने, हमारा मेटाबॉलिज्म को सही बनाए रखने, हमारे अच्छे स्वास्थ्य और शारीरिक विकास, अन्य सभी शारीरिक गतिविधियों में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। हमारा एंडोक्राइन सिस्टम बहुत सारे हार्मोन्स (Hormones) बनाने वाली ग्लैंड्स से बना होता है। अगर आपके शरीर में हार्मोन्स (Hormones) असंतुलित हो जाते हैं तो आपको विभिन्न प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। जिनमें सिर दर्द, थकान, रात में नींद न आना, स्किन से जुड़ी समस्या, वजन बढ़ना या कम होना या महिलाओं में अनियमित पीरियड्स आदि परेशानी देखने को मिलती हैं। इसलिए अगर आपको अपने हार्मोन्स को नियमित रख कर अपनी सेहत को बेहतर बनाना है तो आपको योग (Yoga) और मेडिटेशन (Meditation) जैसी कुछ तकनीकों का प्रयोग करना ही होगा। इसलिए आपको ये योग अपनाने चाहिए ताकि आपके हार्मोन संतुलित रहे।
हार्मोनल असंतुलन के लिए योग-Yoga for Hormonal Imbalance
1. भुजंगासन ( Bhujangasana)
भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहते हैं। यह पीछे की ओर झुकने वाला योगासन (Yogasan) है। यह आमतौर पर सूर्य नमस्कार के समय उर्ध्व मुख संवासन के विकल्प के रूप में किया जाता है। इस आसन को करने से मोटापा, तनाव, मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं। रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों मजबूत होती हैं।
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- -इसे करने के लिए अपने पेट के बल जमीन पर लेट जाइए और अपने हाथों को अपनी छाती के पास रखिए।
- -बाजुओं को अपने शरीर के पास रखें। अब एक गहरी सांस लें और अपने सिर, गर्दन, कंधों को ऊपर उठाएं।
- -अब अपने पेट और उपरी शरीर को भी ऊपर की ओर उठाएं और आसमान या छत की तरफ देखें।
- -इस अवस्था में 5 सैकंड तक रहें और फिर वापस पहली स्थिति में आएं।

2. मालासन (Malasana)
मलासन जांघों, कमर, कूल्हों, टखनों और बॉडी को स्ट्रेच, पेट की मांसपेशियों को टोन और कोलन के कार्य में सुधार, व पेल्विस में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाने वाला योगासन (Yogasan) है। जिससे सेक्सुअल एनर्जी रेगुलेट होती है। हार्मोन संतुलन बना रहता है।
- -इसे करने के लिए सबसे पहले आपको एक मैट पर अपनी टांगों को दूर दूर करके बैठ जाना है।
- -आपको स्क्वाट की अवस्था में बैठना है और अपने हिप्स को जमीन पर नहीं रखना है।
- -अगर आपकी एड़ी जमीन पर नहीं टिक रही हैं तो उनके नीचे एक टॉवल रख लें।
- -अब अपनी ऊपरी बाजुओं को घुटनों के अंदरूनी भाग में लेकर आएं और अपनी कोहनियों को जांघों के समीप रखें।
- -अपनी दोनो हथेलियों को मिला लें। अब 10 लंबी लंबी सांस लें।
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3. उष्ट्रासन (Camel Pose)
यह योगासन (Yogasan) भी शरीर को टोन करता है और हारमोंस का संतुलन बनाने में सहायक है।
- -अपने घुटनों को जमीन पर रखें और अपनी ऊपरी बॉडी को सीधा रखें।
- -अपने कंधों को थोड़ा पीछे करने की कोशिश करें और इसके साथ ही अपने हिप्स, छाती और जांघों को भी पीछे की ओर ले जाना शुरू करें।
- -अपनी नजरों को सीधा रखते हुए अपनी ठुड्ढी को छाती के करीब रखें।
- -आप इस पोज में जितना आरामदायक लगे उतना पीछे तक जा सकते हैं।
- -कुछ देर लंबी सांसें लेने तक इसी अवस्था में रहें।
4. ससंगासन (Rabbit Pose)
इस योगासन (Yogasan) को करने से रीड की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है गर्दन और सिर के आसपास होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है हारमोंस संतुलित रहते हैं और थायराइड ग्रंथि को एक्टिवेट करता है।
- -अपनी एड़ियों पर बैठते हुए वज्रासन अवस्था में आ जाएं।
- -अपनी बाजुओं को पीछे की ओर खोल लें और अपने पैरों की ओर पीछे ले जाने का प्रयास करें।
- -अब अपनी ठुड्ढी को अपनी छाती में गड़ा लें।
- -इस अवस्था में आपका सिर नीचे की ओर होगा, आपकी ठुड्ढी छाती को छू रही हो और आपका सिर मानो घुटनों को छूने का प्रयास कर रहा हो।
- -अपने हिप्स को थोड़ा ऊपर उठाएं ताकि आपका सिर जमीन को छू सके।
- -इस अवस्था में लंबी सांस लें।
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5. सेतु बंधासन (Bridge Pose)
यह योगासन (Yogasan) पेट फेफड़ों और आंतों के स्टिमुलेशन में फायदेमंद है। मेनोपॉज से जुड़ी हुई परेशानी है या मासिक धर्म से जुड़े हुए परेशानियों को दूर करता है साथ ही हारमोंस बैलेंस को बनाए रखता है।
- -इसे करने के लिए आपको जमीन पर कमर के बल लेट जाना है और अपने घुटनों को मोड़ लें।
- -अपने हाथों को साइड में रखें।
- -अब अपनी कमर के भाग को ऊपर उठाएं और इस दौरान आपके हाथ आपकी कमर के नीचे जमीन पर रहने चाहिए।
- -फिर सांस छोड़ें और थोड़ी देर के बाद वापिस जमीन पर आ जाएं।
- -आसन किस तरह से हार्मोन संतुलन करते हैं
ये योगासन (Yogasan) पोज़ आपके पूरे शरीर को स्टिमुलेट करने में मदद करते हैं। जिस वजह से आपके हार्मोन्स को नियमित होने में मदद मिलती है।योगासन (Yogasan) में आप लंबी लंबी सांसे लेते हैं जिस वजह से आपका एंडोक्राइन सिस्टम स्टिमुलेट होता है जिससे वह अच्छे से काम करता है।योग स्ट्रेस से आपको राहत दिलाता है जोकि हार्मोन्स के अनियमित होने का मुख्य कारण होता है। अगर आप चाहते है कि यह योगासन (Yogasan) आपके हार्मोंस को संतुलित कर दें तो आपको पूरे मन से और ध्यान लगा कर नियमित रूप से इन आसनों को ट्राई करना होगा और कोशिश करें योग को आप अपने रूटीन में ही शामिल कर लें।
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