
Yoga For Gas Acidity And Constipation: योग करने से लगभग सभी शरीरिक समस्याओं के जोखिम को कम करने और सेहतमंद रहने में मदद मिलती है। यही कारण है कि रोजाना योग का अभ्यास करने की सलाह जरूर दी जाती है। ऐसा करने आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। रोजाना सिर्फ 20 मिनट योग का अभ्यास करने से आपके शारीरिक, मानसिक, त्वचा और बालों को स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे शरीर लचीला बनता है, मांसपेशियां टोन होती हैं और हड्डियों में भी लचीलापन बढ़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास बहुत लाभकारी साबित हो सकता है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा!
हम में से ज्यादातर लोग पेट में गैस, कब्ज, ब्लोटिंग, एसिडिटी, अपच, खराब पाचन जैसी समस्याओं का आए दिन सामना करते हैं, साथ ही इनसे छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करने में लगे रहे हैं। फिर भी समस्या में कुछ खास आराम देखने को नहीं मिलता है। लेकिन कुछ योगासानों की मदद से आप आसानी से पेट से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं और उनसे राहत पा सकते हैं। इस लेख में हम आपको पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी के लिए 3 योगासन बता रहे हैं।
गैस, कब्ज और एसिडिटी के लिए योग- Yoga For Gas Acidity And Constipation
1. पवनमुक्तासन (Pawanamuktasana)
पेट के लिए इस योगासन का अभ्यास बहुत लाभकारी है। यह शरीर में वात के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और कब्ज से छुटकारा दिलाता है।
पवनमुक्तासन करने की विधि- pawanmuktasana kaise kare
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं, अब अपने हाथ पैरों को फैलाएं
- इस दौरान आपकी हथेलियों आसमान होनी चाहिए। इस तरह आप शवासम मुद्रा में आ जाएंगे।
- अब दोनों पैरों को जोड़ें, फिर घुटनों को मोड़ते हुए जांघों को धीरे-धीरे छाती के पास लेकर आने का प्रयास करें।
- हाथ की अंगुलियों को हाथों में गूंथे और उन्हें घुटनों पिंडलियों में दबाएं।
- धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने कंधों आगे की ओर बढ़ाएं, जिससे की आपकी ठुड्डी घुटनों को स्पर्श करे।
- ऐसा करने से कमर में खिंचाव आता है।
- आंखों को बंद रखते हुए, अपनी कमर पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। अब सामान्य सांस लेते हुए कुछ समय स्थिति में रहें, सांस बाहर लें और छोडें।
- आब सांस छोड़ते हुए सिर और कंधों को फिर से जमीन पर रखें, टांगों को सीधा करें और फिर से शावासन मुद्रा में आएं।
2. मंडूकासन (Mandukasana)
गैस और कब्ज की समस्या दूर करने में इसका अभ्यास बहुत लाभकारी है, साथ ही इससे रीढ़ में खिंचाव आता है और मांसपेशियों में जकड़न भी दूर होती है।
मंडूकासन करने की विधि- mandukasana kaise kare
- इसके लिए आपको वज्रासन में बैठना है
- हाथों से मुट्ठी बनाएं, फिर से अपनी नाभि के पास लाएं और नाभि व जांघों के आसपास रखें। इस दौरान आपकी उंगलियों पेट की तरफ रहेंगी।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकने का प्रयास करें, छाती को इस तरह नीचे लाएं, कि आपकी वह आपकी जांघों से सटी रहे।
- झुकते समय आपको नाभि पर ज्यादा से ज्यादा दबाव आना चाहिए।
- फिर सिर और गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं और अपनी आंखों को सामने की ओर रखें।
- इस दौरान सांस लेते व छोड़ते रहें, लेकिन धीरे-धीरे।
- फिर सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
3. गौमुखासन (Gaumukhasana)
बवासीर, कब्ज और सर्वाइकल जैसी समस्याओं में यह बहुत प्रभावी है। इसके अलावा यह शरीर में लचालापन बढ़ाता और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
गोमुखासन करने की विधि- gomukhasana kaise kare
- इसके लिए आपको सुखासन मुद्रा में बैठना है।
- अब अपने बांए पैर को शरीर की तरफ खींचने की कोशिश करें।
- फिर दायं पैर को बांए पैर की जांघ के ऊपर रखते हुए, इसे खींचकर शरीर को ओर खींचे।
- दाएं हाथ को अपने कंधों के ऊपर लाएं, इसे अपने कोहनी के पास से मोड़कर, पीठ के पीछे की ओर ले जाने का प्रयास करें। जितना हो सके उतना पीछे लेकर जाएं।
- ठीक इसी तरह दूसरे हाथ के साथ भी करें।
- फिर दोनों हाथों को खींचते हुए आपस में मिलाने की कोशिश करे और पकड़ें।
- 10-12 इस मुद्रा में सांस लें। फिर दोनों हाथों को खोलते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
इन योगासनों के अभ्यास की मदद से आप आसानी से पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं, इनका रोज सुबह अभ्यास करने से अधिक फायदा मिलेगा।
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