शरीर की डाइटरी जरूरतों को पूरा करना, वो भी तब जब आप टाइप 2 डायबिटीज़ से जूझ रहे हों, आसान काम नहीं होता। डायबिटीज़ के दौरान कई पसंदीदा फूड्स जैसे आलू,फैट्स,चीनी आदि को त्यागना पड़ता है व ऐसे डाइट ऑप्शन तलाशने पड़ते हैं जिससे सही ब्लड शुगर लेवल बना रहे और डायबिटीज़ कॉम्प्लीकेशन जैसे नसों का डैमेज होना, दिल की बीमारियां और स्ट्रोक आदि से बचा जा सके।
अच्छी नींद और रेगुलर एक्सरसाइज से भी डायबिटीज़ के खतरे को कंट्रोल किया जा सकता है। साथ ही स्मार्ट स्नैकिंग से भी ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल रखा जा सकता है। स्नैक्स की मदद से आपकी बॉडी में एनर्जी बरकरार रखी जा सकती है। साथ ही इससे खाने के दौरान ओवरईटिंग से भी बचा जा सकता है। लेकिन, डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को स्नैक्स का चुनाव भी सोच समझकर करना चाहिए।
शुगर को कहें ना
अत्याधिक शुगर और वसा से युक्त बने खाद्य या बिस्कुट खाने में भले ही स्वादिष्ट हों पर इनमें पोषक तत्वों की कमी, हेल्दी डायबिटीज डाइट के लिए अनफिट बना देती हैं। इसलिए अत्याधिक क्रीम, जेली, मीठे खाद्य या जूस खाने या पीने से पहले एक बार जरूर सोचें और इन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स व कैलोरी पर ध्यान करें। इनमें मौजूद शक्कर और फैट से शरीर में ब्लड शुगर अनुपात बिगड़ जाता है।
इसलिए जब आपको मीठा खाने की इच्छा हो तो डार्क चॉकलेट, एक चम्मच पीनट बटर किसी भी सलाद या फल के साथ खायें। पीनट बटर उच्च पोटैशियम मैग्निशियम युक्त होता है और इसका सेवन शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। यदि सप्ताह में 5 दिन पीनट बटर का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और कार्बोहाइड्रेट पचाने में सहायक है। इसके अलावा आप फल, बिना स्टार्च वाली सब्जियां या साबुत अनाज भी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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अनसैचुरेटेड फैट्स से रहें दूर
जब बात डायबिटीज और वजन नियंत्रण की हो रही हो तब अनसैचुरेटेड फैट्स का सेवन शरीर के लिए हानिकारक है। केवल चीज़ खाने से आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। इसकी अपेक्षा फुल-फैट चीज़ जिसमें कुछ मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है, उसे ऐसे ही या दही के साथ मिलाकर खाएं। इस डाइट से शरीर को प्रोटीन मिलेगा। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा के लिए आप कोई सा भी फायदेमंद फल मिला कर खा सकते हैं।
तला हुआ मसाले वाला चिकन
चिकन डायबिटीज़ में प्रोटीन से भरपूर एक सुरक्षित डाइट है। लेकिन यदि आप ज्यादा मसाले वाला और अधिक नमक व तला हुआ चिकन लेते हैं तो वह टाइप टू डायबिटीज के लिए हानिकारक है। इस तरह के चिकन व्यंजन हेल्दी नहीं होते। ग्रिल्ड चिकन डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए प्रोटीन से भरपूर डाइट है। लेकिन फ्राइड स्नैक्स में बहुत ज्यादा फैट होता है। साथ ही इसमें नमक की भी अधिक मात्रा होती है इसलिए इससे दूर रहें।
बैड कोलेस्ट्रोल और सोडियम युक्त फूड
आलू, मक्का आदि से बने कुरकुरे या चिप्स खाने में तो स्वादिष्ट होते हैं लेकिन इनमें बैड कोलेस्ट्रोल और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। और टाइप २ डायबिटिक पेशेंट के लिए यह बिलकुल भी सही स्नैक नहीं माने जाते। जिससे डायबिटीज़ कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर चिप्स खाने का मन करे तो बेक्ड चिप्स और कुरकुरे को बेहद सीमित मात्रा में कभी-कभार खा सकते हैं।
पैकेट में आने वाले बिस्कुट्स
पैकेट में आने वाले चॉकलेट चिप्स या बिस्कुट भले ही मुंह में पानी ला दे लेकिन डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति के लिए इससे दूर रहने में ही भलाई है। इसमें शक्कर, फैट और कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक बढ़ सकता है। दरअसल इन्हें बनाने में मैदे और रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल होता है जिनसे पोषण भी नहीं मिला। इसके बजाए आप अनप्रोसेस्ड स्नैक्स जैसे पॉपकोर्न खा सकते हैं। यह हेल्दी होते हैं जिनमें प्रोटीन होता है और फैट फ्री भी होते हैं।
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