आपको कभी कभार पीरियड्स के समय पेट (Periods pain) में मरोड़ की शिकायत या भूख ज्यादा लगना या फिर पेट फूलने की समस्या होती होगी। पर क्या आपने कभी गौर किया है, कि सर्दियां आते ही ये लक्षण तेज हो जाते है? हां, अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ आपका वहम है तो आप गलत हैं। हकीकत ये है कि माहवारी में होने वाली समस्याएं सर्दियों में तीव्र हो जाती हैं। गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर गौरी अग्रवाल के अनुसार जैसे जैसे दिन छोटे और सूरज की रोशनी कम होने लगती है, आपके मूड (Mood Swings) पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। महिलाओं में हॉर्मोन का बदलाव हर महीने तेजी से होता है और इस मौसम में आए इस बदलाव का हॉर्मोन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और माहवारी में दर्द जैसी समस्याएं अधिक होने लगती हैं।
इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि हर महीने होने वाली माहवारी महिलाओं के लिए किसी समस्या से कम नहीं होती, जिससे उन्हें हर हाल में गुजरना होता है। मूड स्विंग, पेट दर्द, ज्यादा भूख लगना (जिससे उनकी डाइट को बिगड़ जाती है), जैसी समस्याएं माहवारी में आम होती हैं। जानें ऐसा क्यों होता है।
सर्दियों में मासिक चक्र को प्रभावित करने वाले कारक (Reasons For Periods Pain)
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कम पानी पीना (Drinking Less Water)
शरीर की कई गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में हाइड्रेशन का विशेष महत्व होता है। इन गतिविधियों में माहवारी भी शामिल है। सर्दियों में हमें ज्यादा प्यास नहीं लगती, नतीजन हम कम पानी पीते हैं। इस कारण पेल्विक कंजेशन (Pelvic congestion), रक्त प्रवाह में उतार चढ़ाव और यूट्रस और योनि तक रक्त पहुंचाने में नलियों में जोर पड़ने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। खुश्की या डिहाइड्रेशन के कारण रक्त प्रवाह में होने वाली गड़बड़ी माहवारी (Periods Pain) के दिनों में पेट दर्द को बढ़ा देती हैं।
अधिक दिन तक माहवारी होना (Long Periods)
विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में माहवारी, गर्मियों की अपेक्षा अधिक दिनों तक हो सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक़ गर्मियों में हॉर्मोन का स्त्राव बढ़ जाता है। साथ ही ओवुलेशन (ovulation) पीरियड भी बढ़ता है। जिस कारण सर्दियों की तुलना में माहवारी चक्र लगभग एक दिन तक छोटा हो सकता है। ठण्डे क्षेत्र की महिलाओं की तुलना में गरम क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं में भी ऐसा पाया गया।
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फिजिकल एक्टिविटी का कम होना (Less Activities)
सर्दियों में हम बाहर टहलने या दौड़ लगाने की तुलना में घर के भीतर और बिस्तर में अधिक वक्त बिताते हैं। कई जगहों पर बारिश और बरफ गिरने की वजह से भी फिजिकल एक्टिविटी पर प्रभाव पड़ता है और लोग बाहर जाकर व्यायाम नहीं कर पाते। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी के कम हो जाने के कारण पीएमएस (Pre Menstruation cycle) में तेजी देखने को मिलती है और इसी कारण दर्द भी बढ़ जाता है।
निम्न घरेलू उपाय अपनाकर महिलाएं इस दर्द से कुछ आराम पा सकती हैं।
अदरक वाली बिना दूध की चाय (Black Tea With Ginger)
ठण्ड के मौसम में पीरियड के दौरान होने वाला दर्द आपको परेशान कर सकता है। लेकिन चीनी रहित अदरक वाली काली चाय आपको सर्दी और पीरियड वाले दर्द दोने में राहत दे सकती है। असल में काली चाय में एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) भरपूर मात्रा में होते हैं। जो आपको पेट में होने वाली धीमी मरोड़ से राहत दिलाते हैं। साथ में अदरक आपके लिए पेन किलर की तरह काम करती है। इसलिए ये चाय आपको पीरियड के दर्द में आराम देती है।
केसर के साथ भीगी किशमिश (Saffron With Raisins)
भीगी किशमिश को केसर के साथ लेने से न सिफ माहवारी के दर्द में आराम मिलता है बल्कि पीएमएस में होने वाली मूड स्विंग (Mood Swings) से भी छुटकारा मिलता है। 4-5 किशमिश को रात भर सोककर सुबह खाली पेट केसर के साथ लेने से पीरियड वाले दर्द में राहत मिलती है। पीरियड आने से एक सप्ताह पूर्व से भी इसे खाना शुरू किया जा सकता है। किशमिश प्रकृतिक लैक्जेटिव (Acts as a Laxative Naturally) के तौर पर काम करती है जो आपकी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। वहीं कुछ अध्ययन बताते हैं कि केसर से सीरोटोनिन हॉर्मोन का स्त्राव बढ़ता है जिससे पीएमएस में होने वाले मूड स्विंग से बचा जा सकता है। इसका असर इतना है कि पीएमएस वाले डिप्रेशन को भी दूर किया जा सकता है।
घी का प्रयोग (Eating Ghee)
पीरियड के दौरान खाने के साथ सिर्फ एक चम्मच घी आपके संपूर्ण स्वास्थ को लाभ पहुंचा सकता है। घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है जो पेट के लिए लाभदायक (Helps in Digestion) होता है और इससे त्वचा को भी लाभ मिलता है। घी से उन तमाम महिलाओं को पाचन की समस्याओं से आराम मिलता है जो महीने के इन पांच दिनों में परेशान रहती हैं।
दालचीनी का सेवन (Use Of Cinnamon)
दालचीनी को दुनिया भर में कई जगह जड़ी बूटी की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसे खास तौर पर सर्दियों में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ये शरीर को अंदर से गर्मी प्रदान करती है। दालचीनी में ऐंटीस्पेस्मोडिक गुण होते हैं जो पेट की मांसपेशियों को आराम देकर, पीरियड वाले दर्द से राहत देते हैं। इसके सेवन से पेट दर्द में (Stomach Pain) खासा आराम पहुंचता है। साथ ही माहवारी में ब्लीडिंग, जी मिचलाना, उल्टी जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है जो कि डाएस्मेनोरिया (dysmenorrhea) के साइडइफेक्ट हैं।
हेल्दी डाइट लें (Healthy Eating)
सर्दियों में थोड़ी-थोड़ी देर में अनहेल्दी फूड खाते रहना आम बात है। ऐसा खास तौर पर छुट्टियों के दिनों में होता है। इससे पीरियड में अधिक दर्द हो सकता है। ऐसे दर्द से दूर रहने के लिए आपको पोषण युक्त (healthy and nutrient food) अच्छा खानपान अपनाने की जरूरत है।
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कसरत और योगा (Exercise & Yoga)
भले ही आप बाहर न जा पा रहे हों लेकिन आप घर के भीतर ही योग और व्यायाम जैसी गतिविधियां करते रहें। जिससे आपको पीरियड वाले दर्द में राहत मिलेगी। कुछ खास योगा आसन भी आपको इस दर्द में राहत देते हैं।
पानी की कमी न होने दें (Drink Water)
सर्दियों में आपको गौर करना होगा कि आपके शरीर में पानी का स्तर न गिरने पाए। इसके लिए आपको प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पीने की जरूरत है। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होगा और पीरियड में दर्द की समस्या नहीं होगी।
इन घरेलू नुस्खों को अपनाएं और अपने अगले मासिक चक्र की तैयारी अभी से कर लें, ताकि आपको ज्यादा तकलीफ न हो और आपका रोजमर्रा का काम न प्रभावित हो।
यह आर्टिकल डॉक्टर गौरी अग्रवाल, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट , सीड्स आफ इनोसेंस एंड जेंस स्ट्रिंग लैब से बातचीत पर आधारित है।
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