World Suicide Prevention Day 2022: दुनियाभर में आत्महत्याओं को रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है। हर साल इस दिवस को मनाने के लिए इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) 60 से अधिक देशों में कार्यक्रम आयोजित करता है। विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि विश्व में तेजी से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लग सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हर साल लगभग 800,000 लोग आत्महत्या के कारण अपना जीवन समाप्त कर देते हैं। यानी दुनिया के किसी न किसी हिस्से में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। ज्यादातर सुसाइड के मामले 15 से 29 साल के लोगों में सामने आते हैं। इसके अलावा इनमें से अधिकांश आत्महत्या के मामले अविकसित और विकासशील देशों से सामने आते हैं।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) ने 2003 में की थी। यह दिन वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WMFH) एंड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) द्वारा प्रायोजित किया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के व्यवहार पर शोध करना, जागरुकता फैलाना और डेटा एकत्र करना होता हैं। ये संगठन आत्महत्या को कैसे रोका जाए और इस बारे में कैसे जागरूकता बढ़ाई जाए, इस बारे में दुनियाभर में कई कार्यक्रम करते हैं।
इस बार World Suicide Prevention Day 2022 की थीम 'Creating hope Through Action' यानी लोगो के बीच अपने काम के जरिए उम्मीद पैदा करने का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस थीम के जरिए हम आत्महत्या का विचार रखने वाले लोगों को ये संदेश देना चाहता है कि उन्हें उम्मीद नहीं छोड़नी है। हम छोटी-बड़ी जैसी भी संभव हो, मदद के जरिए ऐसे व्यक्ति के जीवन में थोड़ी उम्मीद भर सकें।
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सुसाइड या आत्महत्या का ख्याल किसी व्यक्ति में अचानक नहीं आता है। जब व्यक्ति बहुत परेशान होता है या बहुत निऱाश रहता है, तो उसके आसपास मौजूद लोगों की जिम्मेदारी होती है, वो उसको इमोशनल, मेंटल या फिजिकल जैसी जरूरत हो, सपोर्ट करें, ताकि व्यक्ति खुद को अकेला न महसूस करे। इस विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर ओनलीमायहेल्थ भी अपने पाठकों से निवेदन करता है कि जीवन में निराशा या परेशानी आने पर लोगों से बात करें और समस्या को सुलझाने का प्रयास करें। भारत सरकार ने अगस्त 2020 में एक मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन हेल्पलाइन नंबर जारी किया था, जिसपर कॉल करके आप ऐसी स्थिति में मदद या काउंसलिंग की मांग कर सकते हैं।
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