मलेरिया की रोकथाम के लिए दुनिया की पहली वैक्सीन तैयार, 360,000 बच्चों पर किया जाएगा टेस्ट

मलेरिया एक घातक बीमारी है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। वैज्ञानिकों की मानें तो जल्द ही मलेरिया को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। दरअसल मलेरिया को पूरी तरह रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने पहली बार वैक्सीन (टीका) बनाने में सफलता पा ली है। इस टीके को लगाने के बाद व्यक्ति को मलेरिया के वायरस प्रभावित नहीं कर पाएंगे। दुनियाभर में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के रूप में मनाया जाता है।
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मलेरिया की रोकथाम के लिए दुनिया की पहली वैक्सीन तैयार, 360,000 बच्चों पर किया जाएगा टेस्ट

मलेरिया एक घातक बीमारी है, जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। वैज्ञानिकों की मानें तो जल्द ही मलेरिया को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। दरअसल मलेरिया को पूरी तरह रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने पहली बार वैक्सीन (टीका) बनाने में सफलता पा ली है। इस टीके को लगाने के बाद व्यक्ति को मलेरिया के वायरस प्रभावित नहीं कर पाएंगे। दुनियाभर में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के रूप में मनाया जाता है। इस बार मलेरिया दिवस से पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने मलेरिया की रोकथाम के लिए इसके टीके का टेस्ट शुरू कर दिया है।

360,000 बच्चों पर टेस्ट किया जाएगा ये टीका

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के निर्देश पर बीते मंगलवार से ये वैक्सीन बच्चों को लगानी शुरू कर दी गई हैं। अफ्रीकी देश मलावी से इसकी शुरुआत की गई है। इसके बाद घाना और केनया में भी बच्चों को ये वैक्सीन लगाई जाएंगी। फिलहाल WHO इन तीनों देशों के 2 साल से कम उम्र के लगभग 3 लाख 60 हजार बच्चों पर ये वैक्सीन टेस्ट करने जा रहा है। इस वैक्सीन को लगाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि मलेरिया रोग को जड़ से खत्म किया जा सकेगा।

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मौसम बदलते ही बढ़ जाता है मलेरिया का खतरा

मौसम बदलते ही मच्छर परेशान करने लगते हैं। मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस जैसी खतरनाक बीमारियां तेजी से फैलती हैं। मलेरिया एक घातक बीमारी है, जो हर साल लाखों लोगों की जिंदगियां लील लेती है। आंकड़ों के अनुसार मलेरिया के कारण दुनिया भर में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत होती है। फिलहाल जब किसी मरीज में मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसका इलाज शुरू किया जाता है। ऐसे में कई बार स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी या गरीबी के कारण लोग इसका इलाज नहीं करा पाते हैं। मगर मलेरिया के लिए टीका बनने के बाद इस रोग से आसानी से बचाव किया जा सकेगा।

5 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा खतरा

मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज के काटने से फैलता है। ये मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चों को मलेरिया होने पर इसका इलाज मुश्किल हो जाता है और खतरे बढ़ जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार हर 2 मिनट में 5 साल से कम उम्र के एक बच्चे की मौत मलेरिया के कारण हो जाती है। इनमें सबसे ज्यादा मौतें अफ्रीकी देशों में होती हैं, जहां मलेरिया के कारण हर साल 25000 बच्चे मरते हैं।

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मलेरिया को काफी हद तक रोकने में मिलेगी कामयाबी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये टीका काफी हद तक मलेरिया को रोकने में मददगार हो सकता है। क्लीनिकल टेस्ट में 10 में से 4 मरीजों में मलेरिया को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था। इस वैक्सीन को मॉस्क्यूरिक्स नाम दिया गया है, जिसे ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी जीएसके ने 1987 में बनाया था। मगर पिछले 20-25 सालों से इस वैक्सीन से मिलने वाले परिणामों की जांच की जा रही थी।

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