ज्यादातर लोग आजकल धूम्रपान करते हैं और धीरे-धीरे उन्हें इसकी लत लग जाती है। धूम्रपान काफी नुकसानदायक आदतों में से एक है। धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करना चाहे वो किसी भी रूप में हो, ये एक तरीके का साइलेंट किलर होता है। ये आपके स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाता है साथ ही ये आपकी जीवन को भी कम करने का काम करता है। धूम्रपान करने वाले कभी भी आसानी से इससे दूर नहीं रह सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भवती महिलाओं के लिए धूम्रपान करना एक तरीके से अपना जीवन खतरे में डालने जैसा ही है।
क्या है सेकेंड हैंड स्मोकिंग? (What Is Second Hand Smoking In Hindi)
आप अक्सर ये सोचते हैं कि आप धूम्रपान नहीं करते इसलिए आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे तो ये धारणा आपकी गलत है। सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण भी आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। सेकेंड हैंड स्मोकिंग यानी अगर आप किसी धूम्रपान करने वाले शख्स के आसपास या बगल में बैठे हैं तो इसका मतलब आप सेकेंड हैंड स्मोकिंग की चपेट में हैं। अगर आसान भाषा में कहें तो ये कहा जा सकता है कि अगर आप धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आते हैं तो ये सेकेंड हैंड स्मोकिंग ही होती है। वैसे तो हर कोई इसके कारण कई बीमारियों का शिकार हो सकता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को खासकर इससे बचकर रहना चाहिए, नहीं तो उनके और उनके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए ये नुकसानदायक होता है।
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सेकेंड-हैंड स्मोकिंग भी फर्स्ट-हैंड स्मोकिंग की तरह ही है। डॉ. ईशा खुराना वशिष्ठ, वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख, अपोलो फर्टिलिटी बताती हैं कि जो महिलाएं अक्सर धूम्रपान या तंबाकू के संपर्क में आती है वो उनके गर्भधारण से जुड़ी होती है, इसका सीधा असर उनके बच्चे के शरीर के विकास पर पड़ता है। धूम्रपान करने के कारण बच्चे को कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियां होती है और वो विकलांगता का भी शिकार हो सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि स्टिलबर्थ सेकेंड हैंड स्मोकिंग का भी एक अहम कारण है। डॉ. वशिष्ठ कहते हैं कि धूम्रपान की खतरनाक जटिलताओं में से एक है। इसके साथ ही इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी हैं कि तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने वाली गर्भवती महिलाओं में स्टिलबर्थ का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। दूसरे हाथ या सैकेंड हैंड धूम्रपान करने से बच्चे पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है। धूम्रपान एक तरह का साइलेंट किलर है जो सिर्फ धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को नहीं नुकसान पहुंचाता, बल्कि आंतरिक अंगों को भी बिना किसी ज्ञान, सूचना और लक्षणों के नुकसान पहुंचा सकता है। इसका बच्चे पर धूम्रपान के मनोवैज्ञानिक प्रभाव हैं:
- ध्यान घाटे की सक्रियता विकार (ADHD)
- अव्यवस्था में मार्ग दिखाना
- विपक्षी उद्दंड विकार
- मादक के सेवन विकार
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किसी भी रूप में धूम्रपान नुकसानदायक है
तंबाकू किसी भी रूप में आपको नुकसान पहुंचा सकता है, चाहे चबाना, धूम्रपान करना या निष्क्रिय करना, ये सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। इसके कारण गर्भवती महिलाओं में यह गर्भावस्था की जटिलताओं और अवसाद की संभावना को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह जन्मजात विकलांगता के खतरे को भी बढ़ाता है। ये धूम्रपान अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम के खतरे को भी बढ़ाता है। आपको बता दें कि कुछ सबूत बताते हैं कि किसी भी बच्चों के सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण SIDS का खतरा बढ़ सकता है। इसपर शोध करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे मुख्य रूप से बच्चे के मस्तिष्क में मौजूद दोष के कारण है, जो नींद और सांस लेने की संवेदनाओं से संबंधित हो सकता है।
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बच्चे की ऐसे करें देखभाल
कुछ उपाय एसआईडीएस (SIDS) से बचने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। पहली बात ये कि अपने बच्चे को आप उसकी पीठ पर ही सोने दें। वही, अगर आप अपने बच्चे को साइड या पेट के बल सोने के लिए रखते हैं तो इससे उन्हें अक्सर सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही आप कोई खिलौने या धुंधले गद्दे न रखें, क्योंकि उससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। आप अपने बच्चों को सोते समय करवट बदलने के लिए सही जगह दें। इसके अलावा आप स्तनपान के जरिए भी SIDS की संभावना को कम कर सकते हैं।
With inputs from Dr Isha Khurana Vashisht, Senior Consultant and Head, Apollo Fertility, Delhi
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