ज़्यादातर महिलाएं अपने पीरियड्स के बारे में किसी से बात नहीं करना चाहतीं और यही कारण हैं कि इस दौरान हाइजीन के महत्व पर ध्यान नहीं देती। कई बार तो ऐसा होता है कि हम दिन भर नैपकिन नहीं बदलते हैं। गांवों और छोटे शहरों में रहने वाली महिलाएं पीरियड्स के दौरान पुराना कपड़ा या अनहाइजीनिक चीज़ें इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि आज भी हमारे देश में पीरियड्स को लेकर कुछ गलत अवधारणाएं फैली हैं। कुछ परिवारों में इस दौरान महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी जाती हैं, जिस कारण यह समस्या और अधिक बढ़ जाती है।
नई दिल्ली स्थित इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स की ऑब्सटेट्रिशियन एवं गायनेकोलोजिस्ट सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ. रंजना शर्मा ने कुछ सुझाव दिए हैं, जिनके द्वारा आप पीरियड्स के दौरान हाइजीन यानि साफ-सफाई का ध्यान रख सकती हैं।
सेनिटेशन का सही तरीका चुनें
आज सेनिटरी नैपिकिन, टैम्पोन और मेन्स्ट्रुअल कप जैसे बहुत से विकल्प हैं, जिनकी मदद से आप पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रख सकती हैं। भारत में ज़्यादातर अविवाहित लड़कियां सेनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं। अगर आप टैम्पोन का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो ऐसा टैम्पोन चुनें जिसकी एब्ज़ॉरबेन्सी रेट सबसे कम हो। हालांकि कई महिलाएं पीरियड्स के अलग-अलग दिनों में फ्लो के अनुसार अलग-अलग प्रोडक्ट (टैम्पोन या सेनिटरी नैपकिन) चुनती हैं। लेकिन कुछ महिलाएं हमेशा एक ही ब्राण्ड के एक ही प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। अलग-अलग प्रोडक्ट्स ट्राई करके आप तय कर सकती हैं कि कौन से ब्राण्ड का कौन सा प्रोडक्ट आपके लिए सबसे ज़्यादा अनुकूल है। बार-बार ब्राण्ड बदलने से परेशानी हो सकती है, क्योंकि हर ब्राण्ड हर किसी को पसंद आए, यह ज़रूरी नहीं।
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नियमित रूप से बदलें पैड
- पीरियड्स के दौरान खून शरीर से बाहर निकलने के बाद जल्द ही दूषित होने लगता है। जिन दिनों आपको ज़्यादा ब्लीडिंग नहीं होती, उन दिनों भी ऐसा ही होता है। क्योंकि आपका पैड गीला रहने और गुप्तांगों से पसीना आने के कारण बैक्टीरिया पनपने की संभावना होती है। जब ये बैक्टीरिया गर्म और गीले स्थान पर लम्बे समय तक रहते हैं तो ये तेज़ी से पनपने लगते हैं और यूरीनरी इन्फेक्शन, वैजाइनल इन्फेक्शन एवं स्किन रैश का कारण बन सकते हैं।
- आमतौर पर हर छह घण्टे में सेनिटरी पैड बदलना चाहिए और अगर आप टैम्पोन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो हर दो घण्टे में इसे बदलें। इसके अलावा आपको अपनी ज़रूरत के अनुसार भी सेनिटरी प्रोडक्ट बदलना चाहिए। जैसे हैवी फ्लो के दौरान आपको बार-बार प्रोडक्ट बदलना पड़ता है, लेकिन अगर फ्लो कम है तो बार-बार प्रोडक्ट बदलने की ज़रूरत नहीं होती। फिर भी हर चार से आठ घण्टे में सेनिटरी प्रोडक्ट बदलती रहें, ताकि आप अपने आप को इन्फेक्शन से बचा सकें। ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिनमें सेनिटरी नैपकिन पूरी तरह से गीला हो चुका होता है- खासतौर पर कम फ्लो के दिनों में- लेकिन आप इसे एक निर्धारित समय के बाद ही बदलती हैं।
- अगर आप टैम्पोन इस्तेमाल कर रही हैं तो इसे बार-बार बदलें, क्योंकि लम्बे समय तक योनि में रहने से यह टीएसएस या टाॅक्सिक शाॅक सिन्ड्रोम का कारण बन सकता है- यह ऐसी स्थिति है जिसमें बैक्टीरिया गंभीर संक्रमण का कारण बन जाते हैं और बॉडी शॉक में चली जाती है। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द इलाज की ज़रूरत होती है, क्योंकि मरीज़ गंभीर जटिलताओं या यहां तक कि मौत का शिकार भी हो सकती है।
साबुन या वेज़ाइनल हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें
वेज़ाइना/ योनि में अपने आप को साफ रखने का नैचुरल सिस्टम होता है, जो अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखता है। साबुन योनि में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है। इसलिए साबुन का इस्तेमाल न करें। आप सिर्फ गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
अपने गुप्तांगों को नियमित रूप से धोकर साफ करें
पीरियड्स के दौरान आपके गुप्तागों के आस-पास की त्वचा में खून समा जाता है, जो संक्रमण का कारण बन सकता है, इसलिए गुप्तांगों को नियमित रूप से धोकर साफ करें। इससे वैज़ाइना से दुर्गंध भी नहीं आएगी। हर बार पैड बदलने से पहले गुप्तांगों (महिलाओं के प्रजनन अंगों का बाहरी हिस्सा) को अच्छी तरह साफ़ करें। अगर धोकर साफ करना संभव नहीं है तो टॉयलेट पेपर या वेट वाईप से गुप्तांगों को साफ करें।
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इस्तेमाल किए गए सेनिटी प्रोडक्ट को सही तरीके से फेंके
इस्तेमाल किए गए प्रोडक्ट को सही तरीके से सही जगह पर फैंके क्योंकि यह संक्रमण का कारण बन सकते हैं। फैंकने से पहले इन्हें लपेट लें, ताकि दुर्गंध या संक्रमण न फैले। पैड या टैंपोन को फ्लश न करें, क्योंकि इससे टायलेट ब्लॉक हो सकता है। नैपकिन फैंकने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोकर साफ करें।
धोने का सही तरीका अपनाएं
गुप्तांगों को साफ करने के लिए योनि से गुदा की ओर साफ करें यानि आगे से पीछे की ओर जाएं। उल्टी दिशा में कभी न धोएं। उल्टी दिशा में धोने से गुदा में मौजूद बैक्टीरिया योनि में जा सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
पैड के कारण होने वाले रैश से बचें
पीरियड्स में हैवी फ्लो के दौरान पैड से रैश होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब पैड लंबे समय तक गीला रहे और त्वचा से रगड़ खाता रहे। इसलिए अपने आप को सूखा रखें, नियमित रूप से पैड चेंज करें। अगर रैश हो जाए तो नहाने के बाद और सोने से पहले एंटीसेप्टिक आॅयन्टमेंट लगएं- इससे रैश ठीक हो जाएगा। अगर ऑयन्टमेन्ट लगाने के बाद भी रैश ठीक न हो तो डॉक्टर के पास जाएं।
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एक समय में एक ही तरह का सेनिटरी प्रोडक्ट इस्तेमाल करें
कई बार देखा गया है कि कुछ महिलाएं जिन्हें हैवी फ्लो होता हे, वे एक साथ दो पैड्स या एक पैड के साथ टैम्पोन इस्तेमाल करती हैं या कभी कभी सेनिटरी पैड के साथ कपड़ा भी इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से हालांकि उन्हें लम्बे समय तक पैड बदलने की ज़रूरत नहीं होती, लेेकिन बेहतर होगा कि आप एक समय में एक ही प्रोडक्ट इस्तेमाल करें और इसे बार-बार बदलती रहें। जब एक साथ दो प्रोडक्ट इस्तेमाल किए जाते हैं, तो आप बार-बार इसे बदलती नहीं हैं, जिसके कारण रैश, इन्फेक्शन या टैम्पोन-टीएसएस की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप पैड के साथ कपड़ा इस्तेमाल करती हैं तो संक्रमण की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि पुराना कपड़ा अक्सर हाइजीनिक नहीं होता। दो पैड की बात करें तो ये असहज हो सकते हैं और बहुत बुरे रैश का कारण बन सकते हैं।
नियमित रूप से नहाएं
कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान नहाना ज़रूरी समझती हैं, हालांकि कुछ महिलाओं को लग सकता है कि यह बेतुकी सलाह है। यहां तक कि कुछ संस्कृतियों में माना जाता है कि महिला को पीरियड्स के दौरान नहाना नहीं चाहिए। वास्तव में यह अवधारणा इसलिए प्रचलित हो गई कि पुराने समय में महिलाएं नदियांे या झीलों में नहाती थीं, लेकिन आज के समय में ऐसा नहीं है। नहाने से न केवल आपका शरीर अच्छी तरह साफ हो जाता है, बल्कि आप अपने गुप्तांगों को भी धोकर साफ़ कर सकती हैं। इससे पीठ के दर्द, माहवारी के दौरान होने वाली ऐंठन में आराम मिलता है, आपको मूड ठीक हो जाता है और आप अपने आप को तरोताज़ा महसूस करती हैं। अगर आपको महावारी की वजह से पीठ में दर्द या ऐंठन है तो नहाते समय अपने पेट और पीठ पर गुनगुना पानी डालें, इससे आपको आराम मिलेगा।
अगर आपको बाहर जाना है कि अपने साथ ज़रूरी चीजें लेकर जाएं
- पीरियड्स के दौरान अगर आपको बाहर जाना है तो अपने बैग में अतिरिक्त सेनिटरी नैपकिन, टॉवेल या टैम्पोन रख लें। साफ पाउच या पेपर बैग में इन्हें स्टोर करें। इसके अलावा पेपर टिश्यू, टॉवल, हैण्ड सेनिटाइज़र, सेहतमंद स्नैक और पीने का पानी भी अपने साथ ज़रूर रखें।
- नियमित रूप से पैड/ टैम्पोन बदलना ज़रूरी है, इसलिए बाहर जाते समय आपके पास अतिरिक्त पैड होने चाहिए। इन्हें इस तरह से स्टोर करें कि ये संदूषित न हो जाएं। इन्हें साफ पाउच में रखकर बैग में डालें। क्यों संदूषित पैड इस्तेमाल करने से आपको यूरीनरी या वेज़ाइनल इन्फेक्शन हो सकता है। हाथ धोने के बाद पोंछने के लिए मुलायम तौलिया इस्तेमाल करें। हाथ धोने के बाद हैण्ड सेनिटाइज़र से साफ करें। आप अपने हाथों के अलावा फ्लश की नॉब सा नल पर भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर इन दिनों आप कमज़ोरी महसूस करें तो आपके साथ हमेशा सेहतमंद स्नैक होना चाहिए। इसके अलावा अपने साथ पानी की बोतल ज़रूर रखें ताकि आप दिन भर हाइड्रेटेड रहें।
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