
स्ट्रेंथ एक्सरसाइज या रेसिस्टेंस ट्रेनिंग, में कुछ एक्सरसाइज होते हैं, जिसमें शरीर के वजन का इस्तेमाल करके मांसपेशियों की स्ट्रेंथ बढ़ाई जाती है। इस तरह के व्यायाम से दुबले मांसपेशियों को स्ट्रेंथ देने की कोशिश की जाती है, जो विशेष रूप से वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि दुबला मांसपेशियों में अन्य प्रकार के टिशूज की तुलना में अधिक कैलोरी को बर्न किया जा सकता है। पर प्रश्न ये है कि क्या महिलाओं को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए? अब यह ज्यादातर महिलाओं द्वारा पूछा गया सवाल बन गया है, खासकर जिन्होंने हाल ही में एक फिटनेस ट्रेनिंग करना शुरू किया है। उनमें से अधिकांश को डर है कि वजन उठाने और शक्ति प्रशिक्षण करने से वे मर्दों जैसी बल्की और अजीब लगेंगी। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। असल में वर्षों से, महिलाओं को गलत जानकारी दी गई है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग उनके लिए नहीं है और उन्हें केवल कार्डियो व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
दरअसल कार्डियो वर्कआउट करना उन सभी के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जो अपने वजन को संतुलित करने को लेकर चिंतित रहते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पुरुष हों या महिलाएं स्ट्रेंथ एक्सरसाइज या रेसिस्टेंस ट्रेनिंग सभी के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए भी क्यों जरूरी है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग।
महिलाओं के लिए भी क्यों जरूरी है स्ट्रेंथ ट्रेनिंग?
बेहतर बोन डेंसिटी के लिए
हम सभी जानते हैं कि वजन प्रशिक्षण न केवल मांसपेशियों और ताकत को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में भी मदद करता है। जैसे-जैसे लोग बूढ़े होते हैं, उनके जोड़ों में गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं होने की आशंका होती है। वहीं महिलाओं में ये परेशानी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती ही जाती है। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रिनिंग महिलाओं को इन सभी परेशानियों से बचा सकते हैं।
इसके लिए एक्सरसाइज में क्या शामिल करें?
बोन डेंसिटी में सुधार के लिए स्क्वाट एक महत्वपूर्ण अभ्यास है और इसे कहीं भी किया जा सकता है। स्क्वाट्स आपके पैर की मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते हैं, जिसमें क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और पीछे की मांसपेशियां से जुड़े एक्सरसाइज शामिल हैं। नियमित रूप से बॉडी वेट स्क्वाट्स करके शुरुआत करें और प्रगति के साथ वजन बढ़ाते जाएं और एक्सरसाइज करते जाएं।
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जीपीपी (General Physical Preparedness) सामान्य शारीरिक तैयारी में मदद करता है
एक अच्छा वजन प्रशिक्षण आपको दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए तैयार करता है। जमीन से भारी वस्तु उठाने और उसे एक शेल्फ पर रखने की कल्पना करें। यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग सकता है पर ये बहुत फायदेमंद है। साथ ही अगर आपको रोजाना वेट उठाने की आदत है, तो यह आपके लिए काफी आसान काम होगा। साथ ही, किसी भारी चीज को उठाने के बाद सेल्फ मोटिविशन के साथ उसे ऊपर उठाने की कोशिश करें।
इसके लिए एक्सरसाइज में क्या शामिल करें?
डेडलिफ्ट वर्कआउट आपको जमीन से भारी वस्तुओं को उठाने में प्रशिक्षित कर सकता है। डेडलिफ्ट एक प्राकृतिक गतिविधि है, जो हम नियमित रूप से करते हैं। आप जो लाभ उठाते हैं वह एक बेहतर शारीरिक मुद्रा है। इसके अलावा डेडलिफ्ट में सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों को शामिल किया जाता है जो इसे एक बेहतर कसरत बनाता है।
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शारीरिक खूबसूरती के लिए भी है जरूरी
एक अच्छी तरह से तैयार कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक अच्छे टोंड शरीर को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि शक्ति प्रशिक्षण के साथ एक व्यक्ति अधिक फैटजलाने और दुबले मांसपेशियों पर कार्डियो करने में सक्षम हो पाता है।
इन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज को रोज के रूटीन में करें शामिल
- डम्बल के साथ शोल्डर प्रेस
- अल्टरनेट डंबल रोल्स
- डंबल के साथ चेस्ट प्रेस
- ट्राइसेप्स पुशडाउन
- हैमर कर्ल
नींद की गुणवत्ता में सुधार
जब हम स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या वेट लिफ्टिंग करते हैं, तो हमारे शरीर में मांसपेशियों के स्ट्रार्च टूट जाते हैं और इनका पुनर्निर्माण करने के लिए व्यक्ति को उचित आराम और रिकवरी की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग करने से नींद की गुणवत्ता में भी सुधार देखा गया है, जो व्यक्ति को हमेशा सक्रिय रखने में मदद करता है और कुशलता से काम करने में सक्षम बनाता है। इसलिए महिलाओं के बेहतर शीरीरिक बनावट के लिए ही नहीं, बल्कि इन अन्य स्वास्थ्य गुणों के लिए भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए।
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