मेनोपॉज महिलाओं के जीवन एक ऐसा पड़ाव है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं। यह सभी बदलाव महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं लेकिन ये बदलाव कई स्वास्थ्य जटिलताओं को ट्रिगर भी कर सकते हैं। मेनोपॉज का महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी काफी असर होता है, इस समय वह कई स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आ जाती है। मेनोपॉज के दौरान कुछ समस्याएं जैसे- पीरियड्स में अनियमितता, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, जोड़ों का दर्द और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं को आमतौर पर देखा जाता है। हाल में ही हुई एक रिसर्च में पाया गया था कि मेनोपॉज के दौरान लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं के लक्षण दिखते हैं। लेकिन अब इसी क्रम में एक और नई रिसर्च सामने आई है, जो कि मेनोपॉज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच के संबंध को दर्शाती है। जी हां हाल में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि पेरिमेनोपॉज यानि मेनोपॉज के पहले या शुरुआत के साथ, महिलाएं मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लिए अतिसंवेदनशील हो जाती हैं, जो आगे चलकर हृदय रोगों का कारण बन सकती हैं।
मेनोपॉज के दौरान बढ़ सकता है मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा
मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है, जिससे हर महिला को गुजरना पड़ता है। इस पड़ाव में पहुंचने पर महिलाओं के पीरियड्स रुक जाते हैं। इसके बाद महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। मेनोपॉज की उम्र एक महिला से दूसरी महिला में अलग हो सकती है लेकिन सामान्य तौर पर यह 45 से 50 वर्ष की उम्र के बाद होती है। मेनोपॉज आपके स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करता है। जिनमें से एक मेटाबोलिक सिंड्रोम भी मेनोपॉज का एक परिणाम हो सकता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और शरीर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का एक समूह है। मेनोपॉज के समय महिलाओं को इस मेटाबॉलिक सिंड्रोम के विकास का खतरा होता है।
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38% महिलाएं थी मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीडि़त
द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (NAMS) की पत्रिका 'मेनोपॉज' में प्रकाशित एक अध्ययन, जिसे कनाडा की महिलाओं पर किया गया है। इस अध्ययन में पाया गया है कि लगभग 38% महिलाएं मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित हैं, क्योंकि वे 60 साल के हैं। हालांकि, बड़ा खतरा अभी बाकी है। मेटाबोलिक सिंड्रोम महिलाओं को हृदय रोगों, कैंसर और सबसे बुरी स्थिति जैसे मृत्यु के खतरे में डालता है। यह महिलाओं में मृत्यु के मुख्य कारणों में से एक है।
कई अध्ययनों ने पहले मेनोपॉज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच संबंध स्थापित किया था। इस शोध में, टीम ने कनाडा के अध्ययन के साथ मिलकर 45 से 80 वर्ष की आयु की 10,000 से अधिक महिलाओं के स्वास्थ्य के आधार पर अध्ययन किया।
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NAMS की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. स्टेफ़नी फ़्यूबियन ने कहा, “ये परिणाम मेनोपॉज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के बीच पहले से पहचाने गए लिंक की पुष्टि करते हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़े कार्डियोवस्कुलर खतरे को देखते हुए और यह हृदय रोग, महिलाओं में मौत का कारण बने हैं। यह अध्ययन मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं में कार्डियोवस्कुलर जोखिम के मूल्यांकन और जोखिम कम करने की रणनीतियों के महत्व पर प्रकाश डालता है। "
अध्ययन मानता है कि हालांकि, समय पर जीवनशैली में बदलाव के साथ मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम को आसानी से कम किया जा सकता है। यह हृदय रोगों के साथ-साथ टाइप -2 मधुमेह को भी रोक सकता है।
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