यहां सवाल उठता है कि आखिर जब बाथरूम में हम अपने ही शरीर को हाथ लगाते हैं तो फिर बीमारियां हमें क्यों कर घेर सकती है? वास्तव में बीमारी अपने शरीर को हाथ लगाने से नहीं होती। समस्या होती है जब हम बाथरूम में रखी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल बाथरूम में रखी चीजों का इस्तेमाल घर का हर व्यक्ति करता है। नतीजतन एक व्यक्ति के बैक्टीरिया अन्य के शरीर में चीजों के जरिये पहुंच जाती है।
- इसी तरह दूसरे से तीसरे तक स्थानांतरित होती रहती है।समस्या सिर्फ वस्तुएं के छूने से ही नहीं होती। मल त्यागने के बाद हाथ धोना अत्यंत आवश्यक है। विशेषज्ञों के मुताबिक मल में ई.कोली नामक बैक्टीरिया होता है। ई.कोली, इस्चेरिचिया कोली नामक बैक्टीरिया है।
- हालांकि इ.कोली हमारे इंटेस्टाइन में मौजूद होते हैं। जो कि सामान्यतः परेशानी का सबब नहीं होते। लेकिन यदि ये समस्या करने लगे तो घातक सिद्ध होते हैं। इसके अलावा बाथरूम के दरवाजे, नल आदि जगहों में इतने छोटे छोटे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिन्हें सामान्य आंखों से नहीं देखा जा सकते। हाथ न धोने के चलते ये आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
- यदि आप बाथरूम के इस्तेमाल के बाद बिन हाथ धोए खाना खा लेते हैं तो रोगाणु बिना किसी संकट आपके शरीर में घुस आपको बीमार कर देते हैं। इसके अलावा आप जिस भी व्यक्ति विशेष के साथ हाथ मिलाते हैं, उसे भी बीमारी के चपेट में ले लेते हैं।
- ऐसी स्थिति से बचने के लिए आवश्यक है कि बाथरूम के हर इस्तेमाल के बाद हाथ अवश्य धोएं। हाथ धोने से न सिर्फ आप अपनी सुरक्षा कर रहे हैं वरन अपने आसपास के लोगों को भी बीमार होने से बचा रहे हैं।
- यदि आप सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। संभव हो तो सार्वजनिक शौचालयों में कम से कम जगहों को छुएं। हाथ आवश्यक रूप में धोएं। इसके अलावा अपने पास पेपर सोप, टिश्यू वाइप्स आदि जरूर रखें।
- सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करते हुए रोगाणुओं से बचने के लिए पेपर टावल का इस्तेमाल करें। पेपर टावल के जरिये दरवाजे खोलें। नलके खोलने के लिए भी पेपर टावल का ही इस्तेमाल करें।
हालांकि मौजूदा तकनीक के चलते बाथरूम में कई आटोमेटिक सुविधाएं मौजूद हैं। मसलन साबुन के बजाय लिक्विड सोप रखे जाते हैं। नतीजन एक अजनबी के छूए साबुन के इस्तेमाल से हम बच जाते हैं। बहरहाल यदि घर में भी आप साबुन के बजाय लिक्विड हैंड वाश का इस्तेमाल करें तो बेहतर होता है।
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