बार-बार 20 सेकंड तक हाथ धो-धोकर परेशान हो चुके हैं ? क्या साबुन से हाथ धो-धोकर उंगलियों को स्किन रुखी होना शुरू हो गए है और हाथ पेपर जैसे लगने लगे हैं ? अगर ऐसा है तो बिल्कुल घबराएं नहीं और हाथ को धान जारी रखें। पूरी दुनिया आप पर भरोसा कर रही है कि कोरोना को रोकने के लिए आप उसकी मदद कर रहे हैं। ये घतक वायरस SARS-CoV-2 नाम के वायरस से फैलता है और दुनिया भर में लाखों लोगों को अपना शिकार बना चुका है, जिसमें से हजारों लोगों की जान भी चली गई है।
हाथ धोते वक्त ये ध्यान रखना भी जरूरी है कि जब आप हाथ रगड़ रहे होते हैं तब आप हानिकारक बैक्टीरिया और संभावित घातक वायरस को भी नष्ट कर रहे होते हैं, जो सदियों से मनुष्यों को त्रस्त कर रहे हैं। इसमें इन्फ्लूएंजा और कई अलग-अलग तरह के कोरोनावायरस शामिल हैं। पिट्सबर्ग के मेडिकल सेंटर चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ऑफ़ पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में बाल चिकित्सा संक्रामक रोगों के विभाग प्रमुख, डॉ. जॉन विलियम्स का कहना है," हर साल नियमित रूप से मनुष्यों में लगभग चार कोरोनवायरस घूमते हैं और वे मुख्य रूप से सर्दी का कारण बनते हैं। वास्तव में ये वायरस लगभग एक तिहाई कॉमन कोल्ड मामलों का भी कारण बनते हैं। हालांकि इन वायरस से लोगों की जान नहीं जाती है।
कोरोनावायरस एकमात्र ऐसा गंदा परजीवी नहीं हैं, जिसे साबुन और पानी के प्रयोग से नष्ट किया जा सकता है बल्कि इन्फ्लूएंजा, जिससे हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों की जान जाती है उसे भी खत्म किया जा सकता है। इंफ्लूएंजा श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति निमोनिया का शिकार हो सकता है।
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साबुन और गर्म पानी के फायदे
माइक्रोस्कोप से देखने पर कोरोनवायरस एक नुकीले चीज की तरह दिखाई देता है जिसके ऊपर एक मुकुट सा प्रतीत होता है, जिसके कारण इसके "कोरोना" होने का आभास होता है । ये मुकुट वायरस की ऊपरी परत होती है, जिसके नीचे वायरस की एक अंदरुनी परत होती है, जो लिपिड से बनी होता है। इसे आमतौर पर एक फैट के रूप में देखा जाता है। अब आप इसे आसानी से समझने के लिए मान लें कि कोरोनावायरस एक ऐसा बर्तन है, जिस पर ढेर सारा मक्खन लगा हुआ है। ये बात आप भलीभांति जानते होंगे कि आप अकेले पानी से मक्खन वाले बर्तन को नहीं धोते होंगे। आपको इस मक्खन को हटाने के लिए गर्म पानी और साबुन की जरूरत होती है। इसलिए इस वायरस को आप साबुन या अल्कोहल से आसानी से हटा सकते हैं।
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क्या करते हैं एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर
एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर साबुन की तरह प्रभावी हो सकते हैं अगर उनका ठीक से उपयोग किया जाए तो। हालांकि आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इनमें कम से कम 60% एल्कोहल होने की जरूरत है। आपको बता दें कि एल्कोहल इस वायरस को नष्ट कर सकता है। इसके लिए आपको बस करना ये है कि आपको अपने हाथ की हथेली पर एक छोटी सी बूंद डालकर पूरे हाथ पर मलनी है। इसे जल्दी से पोंछना आपके लिए अच्छा नहीं होगा। सैनिटाइजर की एक छोटी से बूंद आपक उपयोग के लिए पर्याप्त है और आपके हाथ को कीटाणुओं से साफ रखने का काम कर सकती है। हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते वक्त ये ध्यान रखें कि आप इसे अपने हाथों पर, अपनी उंगलियों के बीच और अपने हाथ के पिछले हिस्से पर रगड़ना न भूलें।
कुछ परिस्थितियों में साबुन और पानी को कीटाणु साफ करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। दरअसल साबुन और पानी की क्षमता सूक्ष्मजीवों को फंसाने और धोने की है। वहीं एल्कोहल कीटाणुओं को मारने में बहुत प्रभावी है, लेकिन यह आपके हाथ को धोता नहीं है। इस उदाहरण के साथ इस बात को समझिए अगर किसी व्यक्ति को छींक आई और उसने अपने हाथ से अपनी नाक और मुंह को ढका। ऐसा करने से उसके बलगम की छींके उसके हाथ में ही रह गई। उसके हाथ में मौजूद इस बैक्टीरिया या वायरस को निष्क्रिय करने के लिए बहुत अधिक सैनिटाइजर की जरूरत पड़ेगी इसलिए इस स्थिति में पानी और साबुन से हाथ धोना ही बेहतर साबित होगा।
इस बात को भी जानना बेहद जरूरी है कि कुछ कीटाणु और बैक्टीरिया बहुत ही ज्यादा नरम, वसायुक्त नहीं होते हैं, जिनपर साबुन के बुलबुले बड़ी आसानी से हमला कर सकते हैं और उन्हें नष्ट कर सकते हैं- जैसे हेपेटाइटिस ए वायरस, पोलियोवायरस, मेनिन्जाइटिस और निमोनिया। इसलिए अगली बार जब भी आप अपने हाथों को धोएं तो उन सभी साबुन के बुलबुले पर गर्व करें, जिन्हें आप बना रहे हैं और उन सूक्ष्म, मृत बैक्टीरिया को मारने का आनंद लें, जिन्हें आप नाले में बहाकर दूसरो की जान बचा रहे हैं।
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