दालों को पकाने से पहले भिगोने से बढ़ जाती है पौष्टिकता, जानें सेहत के लिए क्यों है ये फायदेमंद

दालों को पकाने से पहले भिगोकर रखने से उसमें मौजूद पोषक तत्व एक्टिव हो जाते हैं और कई हानिकारक बाहर तत्व निकल जाते हैं।  
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दालों को पकाने से पहले भिगोने से बढ़ जाती है पौष्टिकता, जानें सेहत के लिए क्यों है ये फायदेमंद


आज से नहीं पहले से दाल भिगोने (Soaking Pulses) की पारंपरिक विधि चलती आ रही है। दाल को भिगोने से पौष्टिकता बढ़ती है। बिना भिगोई हुई दाल प्रयोग करने से इनमें मौजूद फाइटिक एसिड नामक कंपाउंड पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट उत्पन्न करता है। भीगी हुई दाल फाइटिक एसिड को कम करने में सहायक है। व ब्लोटिंग को भी कम करती है। खाना भी जल्दी पकता है, कहना है डॉक्टर अदिति शर्मा डाइटिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल का। 

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जब दाल भिगोकर (Soaking Pulses) पकाया जाता है तब उसमें न्यूट्रिशन लॉस भी कम हो जाता है। उसमें मौजूद वॉटर सॉल्युबल विटामिन्स पानी में घुल जाते हैं और यदि वह पानी फेंक दिया जाता है तो न्यूट्रिएंट्स भी खत्म हो जाते हैं। खाने में बहुत तरह के ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो खाने को तेज आँच पर पकाने  से खत्म हो जाते हैं। सही ढंग से कुकिंग प्रैक्टिस करने से हम ऐसे न्यूट्रिएंट्स (Loss of Nutrients) के नुकसान को बचा सकती हैं। हालांकि आप ऐसा होने से बचाने के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं। आज के आर्टिकल में हम आपके साथ कुछ ऐसी ही कुकिंग टिप्स शेयर करने जा रहे हैं जो खाने में न्यूट्रीशन का नुक़सान होने से बचायेगा । 

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भिगोने के फायदे (Health Benefits Of Soaking Pulses)

भीगी हुई दाल शरीर में मिनरल अब्जॉर्प्शन (Absorption) रेट बढ़ाती है और फाइटेज नामक एंजाइम सक्रिय हो जाता है। ये फाइटेज कैल्शियम, आयरन और जिंक को जोड़ता है जबकि फाइटिक एसिड को ब्रेक करता है और अवशोषण को आसान बनाता है। जबकि एमाइलेज कंपाउंड दाल में कांप्लेक्स स्टार्च (Complex Starch) को तोड़ता है और उन्हें पचाने में आसान बनाता है। दाल को भिगोने से उसमें मौजूद गैस उत्पन्न करने वाले कंपाउंड खत्म होते हैं। अधिकांश दालों में कांप्लेक्स ओलिगोसेकेराइड होते हैं, जो एक प्रकार की कांप्लेक्स शुगर (Complex Sugar) है। ये सूजन और गैस कारण होती है। भिगोने के बाद इस कांप्लेक्स शुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है और आप इन सब परेशानियों से बच जाते हैैं। 

दाल भिगोने का सही तरीका (Right Way Of Soaking)

  • जरूरत के हिसाब से दाल निकालने और उसे एक बर्तन में निकाल लें।
  • अब पानी से धो लें। 
  • भिगोने से पहले पानी को कम से कम 3-4 बार बदलें और हाथों से रगड़ते हुए धीरे से धोयें।
  • आप दाल को छलनी में डालकर भी धो सकते हैं। 
  • अब दाल को एक कटोरे में डालें और पानी से भरें।  
  • दाल को कम से कम 30 मिनट और अधिक से अधिक 2 घंटे तक भीगने दें।
  • बिना छिलके वाली दालों को ३० मिनट से लेकर १ घंटा तक भिगोया जा सकता है और साबुत या छिलके वाली दालों को २ घंटे तक भिगोयें। 
  • दालों को भिगोने से कंपलेक्स कार्ब टूटते हैं। साथ ही खाना पकने का समय भी कम होता है। 

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ज्यादातर लोग दाल को पकाने से पहले धोते हैं और बहुत कम लोगों में आदत होती है दाल भिगोने (Soaking Pulses) की। जबकि राजमा और छोले जैसे खाद्य तो रात भर भिगोने चाहिए। बहुत सी दालें बिना भिगोए भी जल्दी बन जाती हैं। यही सोच कर दालों को भिगोया नहीं जाता। लेकिन दालों को भिगोकर उनसे मिलने वाले फायदे जानकर, आप कोशिश करें, भिगोकर दाल खाने की। 

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