
Why Red Rice Is Better: चावल हम भारतीयों के भोजन का एक अहम हिस्सा हैं। यहां तक कि कुछ राज्यों में तो रोटी से अधिक चावल खाया जाता है या सिर्फ चावल को ही मुख्य भोजन में शामिल किया जाता है। यह कार्बोहाइड्रेट और डाइट्री फाइबर से भरपूर होते हैं, साथ ही प्रोटीन, कई विटामिन और मिनरल्स की भी अच्छी मात्रा इनमें होती है, यह आसानी से पच जाते हैं और एनर्जी प्रदान करते हैं। साथ ही इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद भी होता है। लेकिन आमतौर पर लोग सफेद या चावल का ही सेवन करते हैं, जबकि चावल की कई अन्य किसमें भी मौजूद हैं जो सेहत के लिए लिहाज से इनसे अधिक फायदेमंद होती हैं। ऐसा ही चावल का प्रकार या किस्म है लाल चावल। इसे चावल की सबसे स्वास्थ्यवर्धक किस्म माना जाता है। हालांकि काला चाल भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन यह काफी महंगा होता है और आसानी से नहीं मिलता है। इसकी तुलना में लाल चावल अधिक आम है।
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि लाल चावल, सफेद या भूरे चावल से कैसे फायदेमंद होता है? आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र (BAMS Ayurveda) ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया है। इस लेख में हम आपको इसके 5 कारण बता रहे हैं।
लाल चावल क्यों ज्यादा फायदेमंद है- Why red rice is better reason in hindi
डॉ. वरा की मानें तो पश्चिम में मान्यता के विपरीत कि आयुर्वेद के अनुसार बासमती सबसे अच्छा चावल है। आयुर्वेद कहता है कि 60 दिनों में तैयार किया गया चावल सबसे अच्छा होता है, विशेष रूप से लाल चावल। संहिता में वर्णित मूल किस्मों को अब पहचानना मुश्किल है। लाल चावल को पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके जैविक रूप से उत्पादित और काटा जाता है, इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा इसे सबसे अच्छा माना जाता है। यह कई तरह से सामान्य चावल से अधिक फायदेमंद साबित हो सकता जैसे...
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1. यह मीठा होता है और लाल चावल पचने में आसान होता है, ये शरीर के तीनों दोषों को शांत करते हैं। इसे बल्य (पौष्टिक), ओजस वर्धक और पथ्या (पौष्टिक) कहा जाता है। मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है और मेटाबोलिक रोगों में भी मददगार है।
2. लाल चावल कई स्वास्थ्य लाभ लेकर आता है, यह पहला ऐसा भोजन है जिसे स्वस्थ व्यक्ति और बीमार व्यक्ति दोनों खा सकते हैं और एक्सपर्ट द्वारा इसका सुझाव भी दिया जाता है। इसे कोई भी व्यक्ति ले सकता है। उम्र, मौसम या यहां तक कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद कोई भी अपने आहार में लाल चावल शामिल कर सकता है।
3. बुखार, यूटीआई में भी दिया जा सकता है। इसके अलावा यह स्तनपान कराने वाली माताओं के साथ ही शिशुओं को भी पोषण प्रदान करता है।
4. यह पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें डाइट्री फाइबर के साथ ही मैग्नीशियम, सेलेनियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।
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5. इनका लाल रंग इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंथोसाइनिन के कारण होता है। जिससे यह फ्री-रेडिकल्स से लड़ने और कई गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
लाल चावल को पकाने से पहले कुछ घंटों के लिए भिगोने की जरूरत है। कुछ लोगों को इसे पचाना कठिन लगता है लेकिन यह शुद्ध रूप से इसे पकाने के तरीके के कारण होता है।
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