आखिर ऐसा क्यों होता है कि जिन लोगों से हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, उनके साथ ही अकसर गुस्से से पेश आते हैं। यह बात अपने आप में विरोधाभासी सी प्रतीत होती है। कई लोग कह सकते हैं कि अपनापन अवमानना को जन्म देता है। लेकिन, यह पूरी तरह सच नहीं। आखिर, जब कोई हमारे जीवन में आता है, तो उससे जुड़ी हर चीज हमें पसंद नहीं होती। वक्त के साथ-साथ हम खूबियों से प्रभावित होते हैं।
यह तो आपको मालूम ही होगा कि खुशी से ज्यादा दर्द हमारा ध्यान खींचता है। और यहीं से हमारे सवाल का जवाब शुरू होता है कि जिन लोगों को हम पसंद करते हैं, जिनके साथ हम सबसे ज्यादा वक्त बिताते हैं, उनकी नकारात्मक चीजों के प्रति हमारी सहनशीलता कम होती है। लेकिन, हम अपने प्रियजनों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहते हैं। और कई बार ऐसा नहीं कर पाने की सूरत में हमें ग्लानि भी होती है। अपने साथी से बुरे व्यवहार का अर्थ यह नहीं कि हम रिश्ते से तंग आ चुके हैं। या फिर अब वक्त आ गया है कि हम एक दूसरे से अलग हो जाएं। और न ही हम अपने बच्चों और माता-पिता से इतना गुस्सा हैं कि उनके साथ कोई संबंध ही नहीं रखना चाहते। आखिर यह सब होता क्यों हैं।
नियमित रूप से अंतर होना चाहिए
कोई कितना ही करीबी क्यों न हो, रिश्ते में एक दूरी होनी जरूरी है। इससे आप अपनी तीव्र भावनाओं को काबू में रख सकेंगे। साइकोलॉजी टूडे में छपे एक शोध में यह साबित हुआ है कि किसी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पास रहना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है इसमें समय-समय पर दूरियां भी होती रहें। अगर आप किसी रिश्तेदार के अधिक करीब रहेंगे तो हो सकता है कि उससे मनमुटाव हो जाये, लेकिन जब आप उससे नियमित रूप से निश्चित समय के लिए दूर रहेंगे और फिर उसके पास आयेंगे तो आपके मन में उसके प्रति आदर और सत्कार के साथ-साथ अपनत्व भी होगा। यह रिश्ते को मजबूत तो करता है साथ ही उसमें दूरियां आने की संभावना को कम भी करता है।
प्यार के साथ वक्त भी बितायें
आप जिसे प्यार करते हैं उसके साथ अधिक से अधिक समय बितायें। इस वक्त यह भी ध्यान दें कि जब आप उसके साथ वक्त बिताते हैं तो आपका व्यवहार कैसा होता है और जब आप दूसरों के साथ वक्त बिताते हैं तब आपका व्यवहार कैसा होता है। अपने साथ काम करने वाले दोस्तों, अपने रिश्तेदारों, अपने बॉस और अपने पार्टनर के साथ-साथ आपका व्यवहार भी अलग-अलग होता है। कार्यालय में दोस्तों के साथ आपका व्यवहार ज्यादातर विनम्र होता है। जबकि आप अपने घरवालों के साथ अक्सर गुस्से से भी पेश आते हैं। यह दिखाता है कि आप अजनबियों और करीबियों की तुलना में जिन्हें प्यार करते हैं उनसे अपने मन के हर भाव को व्यक्त कर सकते हैं।
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थोड़ा ब्रेक लें
अपने प्यार के थोड़े वक्त के लिए दूरी बनायें, अपने रिश्ते को मजबूत बनाये रखने के लिए छोटा सा ब्रेक जरूर लें। जब आप अपने प्यार से दूर जायेंगे तो आपको उसकी महत्ता मालूम चलेगी, इससे आपके संबंधों में ताजगी आयेगी। इसलिए अगर आप दोनों के बीच कभी मनमुटाव होने लगे तो एक ब्रेक लेकर उसे फिर से रीचार्ज करें और अपने प्यार को फिर से पटरी पर ले आयें।
हम जिसे प्यार करते हैं उसके साथ वैसा व्यवहार नहीं कर सकते जैसा हम अजनबियों के साथ करते हैं। इसलिए अपने रिश्तों में सामजस्य और प्रेम को बनाये रखने के लिए प्यार के साथ गुस्सा भी करते रहें।
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