
माहवारी के कुछ दिन पहले से ही महिलाओं में कई बार पीएमएस की समस्या हो जाती है। इसके कारण कई बार अवसाद और चिड़चिड़ापन भी पैदा हो सकता है, पर क्या आप जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं।
पीएमएस यानि प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम। यह समस्या लाखों महिलाओं को सताती है। हालांकि यह बहुत ही पुरानी समस्या है फिर भी इसे कभी बीमारी नहीं समझा गया। यह एक शारीरिक-मानसिक स्थिति है, जो महिलाओं में मासिकधर्म से 8-10 दिन पहले हो जाती है और अलग-अलग महिलाओं में इसके लक्षण भिन्न-भिन्न होते हैं। इन दिनों अक्सर महिलाएं बेहद चिड़चिड़ी और अवसाद से घिर जाती हैं। इस तरह की समस्याएं शरीर में एक विशेष हॉर्मोन के स्तर में बदलाव होने के कारण होती हैं।
अवसाद और चिड़चिडेपन का कारण
महिलाओं में पीएमएस संबंधी शारीरिक और भावनात्मक लक्षण एलोप्रेग्नेनोलोन हार्मोन की क्रियाशीलता के कारण होती है। यह हार्मोन शरीर में अंडोत्सर्ग और गर्भावस्था के दौरान निकलता है। यह हार्मोन गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचित कर देता है। कई महिलाएं इस हार्मोन के लिए अति संवेदनशील रहती है। यह मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। कुछ महिलाओं में जल्दी-जल्दी भाव परिवर्तित होते हैं, उन्हें बड़बड़ाहट, अवसाद और चिंता होती है। तीन से पांच प्रतिशत महिलाओं को मासिक धर्म से संबंधित अवसाद और चिंता विकार होता है इसे माहवारी से पूर्व शारीरिक विकार के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह इतना गंभीर होता है कि उपचार की आवश्यकता भी पड़ती है।
पीएमएस को कैसे जानें
यह जानने के लिए कि आपको पीएमएस है या नहीं, बेहतर होगा आप एक डायरी रखें जिसमें दो-तीन महीनों तक होने वाले लक्षणों को नोट करें। यह डायरी आपको बताएगी कि आपके लक्षण आपके मासिक धर्म से जुड़े हुए हैं या नहीं। आपको पता चल जाएगा कि आप पीएमटी (प्री मेंस्ट्रुअल टेंशन) से पीड़ित हैं या नहीं।
![पीएमएस की समस्या PMS in Hindi]()
पीएमएस से कैसे निपटें
दिन के समय घर से बाहर खुद को काम में व्यस्त रखें। यह आपके शरीर में सिरोटिन के स्तर को बढाएगा, जो इन दिनों कम होता जाता है। यह आपके डिप्रेशन को कम करने में भी मदद करेगा। तेज सांस लेने संबंधी व्यायाम करें। यह आपके शरीर और दिमाग को आराम देगा। मेडिटेशन, अरोमा थैरेपी और योग जैसे प्राकृतिक तरीके आपके तनाव को कम करेंगे। आराम के लिए पूरी नींद लें, संतुलित भोजन करें, भोजन में फल, सब्जियां, अंकुरित भोजन, सूखे मेवे शामिल करें।
अगर ये उपाय भी आपको राहत नहीं देते हैं और पीएमएस आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर रहा है तो किसी डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लीजिए।
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