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तिल के लड्डू किन्हें नहीं खाने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इसके कुछ नुकसान

Til Ke Laddu ke Nuksaan: त‍िल के लड्डू का सेवन हर क‍िसी के ल‍िए फायदेमंद नहीं होता। जान लें इसके नुकसान।
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तिल के लड्डू किन्हें नहीं खाने चाहिए? एक्सपर्ट से जानें इसके कुछ नुकसान

Til Ke Laddu: सर्दि‍यों में हम सब त‍िल के लड्डू का सेवन करना पसंद करते हैं। स्‍वा‍द‍िष्‍ट और पौष्‍ट‍िक लड्डू को बनाने के ल‍िए मुख्‍य रूप से दो सामग्र‍ि‍यों का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। पहला त‍िल और दूसरा गुड़। ति‍ल में कैल्‍श‍ियम, पोटैश‍ियम, फास्‍फोरस, फोल‍िक एस‍िड, आयरन जैसे पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। वहीं गुड़ में व‍िटाम‍िन ए, व‍िटाम‍िन बी, सुक्रोज, ग्‍लूकोज, मैग्नेशियम आद‍ि‍ गुण पाए जाते हैं। वैसे तो ये लड्डू सेहत के ल‍िए फायदेमंद होते हैं लेक‍िन कुछ लोगों को इसका ज्‍यादा सेवन करने से बचना चाह‍िए। इस लेख में आपको बताएंगे त‍िल के लड्डू खाने के कुछ नुकसान। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डायटीश‍ियन Sanah Gill से बात की। 

til ke laddu ke nuksaan

डायब‍िटीज में न खाएं त‍िल के लड्डू 

अगर आप शुगर के मरीज हैं, तो त‍िल के लड्डू (Sesame Seeds Laddu) का सेवन नहीं करना चाह‍िए। त‍िल के लड्डू को गुड़ से बनाया जाता है। गुड़ में चीनी की मात्रा ज्‍यादा होती है, इससे ब्‍लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। अगर आपका वजन ज्‍यादा है, तो भी त‍िल के लड्डू का सेवन करने से बचना चाह‍िए। इससे वजन बढ़ जाता है।         

लो-बीपी के मरीज न खाएं त‍िल का लड्डू 

अगर शरीर में बीपी का स्‍तर कम रहता है (Low BP Ke Lakshan), तो त‍िल का लड्डू खाने से बचना चाह‍िए। त‍िल में बीपी को कम करने के गुण होते हैं, ऐसे में इसका सेवन करने से पहले मात्रा का खास ख्‍याल रखना चाह‍िए। अगर शरीर में सूजन है, तो भी त‍िल के लड्डू का सेवन ज्‍यादा नहीं करना चाह‍िए। त‍िल के लड्डू में मौजूद गुड़ में सुक्रोज पाया जाता है ज‍िससे शरीर में सूजन बढ़ती है।     

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पाचन तंत्र कमजोर है तो न खाएं त‍िल लड्डू 

अगर पाचन तंत्र कमजोर है, तो त‍िल का ज्‍यादा सेवन नहीं करना चाह‍िए। त‍िल के लड्डू में मौजूद ति‍ल और गुड़ दोनों की ही तासीर गरम होती है। इसका ज्‍यादा सेवन करने से पेट में कब्‍ज की समस्‍या, डायर‍िया आद‍ि हो सकता है। त‍िल का अध‍िक सेवन करने से पेट में जलन भी हो सकती है। 

त‍िल से एलर्जी है तो लड्डू का सेवन न करें 

आपको बता दें क‍ि हर क‍िसी को त‍िल का सेवन सूट नहीं करता है। कुछ लोगों को त‍िल से एलर्जी भी होती है, ऐसे में उन्‍हें त‍िल का सेवन करने से बचना चाह‍िए। त‍िल को अलग-अलग तरीकों से बनाकर खाया जाता है। त‍िल के लड्डू से लेकर त‍िल-गुड़ च‍िक्‍की, रेवड़ी आद‍ि का अध‍िक सेवन भी हान‍िकारक हो सकता है।            

पीर‍ियड्स में त‍िल के लड्डू ज्‍यादा न खाएं    

आयुर्वेद की मानें, तो कई लोगों में त‍िल को लड्डू के फॉर्म में ज्‍यादा खा लेने के कारण पित्त असंतुलि‍त हो जाता है। मास‍िक धर्म के दौरान ये अध‍िक रक्तस्राव का कारण बन सकता है। अक्‍सर बीज, तेल या उनसे बने व्‍यंजन का अध‍िक सेवन करने से पित्त और कफ असंतुलित हो जाता है। ऐसे में आपको पीर‍ियड्स में हॉट फ्लैशेज जैसी समस्‍या भी हो सकती है।

1 द‍िन में त‍िल की क‍ितनी मात्रा सही है? 

एक द‍िन की बात करें, तो त‍िल का 5 ग्राम तक सेवन सुरक्ष‍ित है। हालांक‍ि जो लोग त‍िल का सेवन रोजाना करते हैं, उनके ल‍िए थोड़ी मात्रा भी नुकसानदायक हो सकती है इसल‍िए अपनी डाइटीश‍ियन या न्‍यूट्र‍िशन‍िस्‍ट की सलाह पर ही त‍िल के लड्डू का सेवन करें।   

त‍िल के लड्डू पौष्‍ट‍िक होते हैं लेक‍िन हर द‍िन इसका सेवन करना या ज्यादा मात्रा में खा लेने से सेहत ब‍िगड़ सकती है। अपनी डायटीश‍ियन या डॉक्‍टर से बात करके ही त‍िल के लड्डू का सेवन करें। 

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