नवजात शिशु की देखभाल एक मुश्किल काम है, इस दौरान अड़चनें भी आएंगी खासकर उन माता-पिता को जिनके घर पहली बार बच्चे ने जन्म लिया है। ऐसे माता-पिता शिशु की एक्सट्रा केयर करते हैं। हालांकि नवजात शिशु अपने शरीर में हो रही हलचल को खुद नहीं बता पाता इसलिए कुछ खास लक्षण हैं जिन्हें पहचानकर आप पता लगा सकते हैं कि शिशु को क्ध्या समस्या हो रही है। अगर आपको कोई गंभीर लक्षण नजर आता है तो आपको फौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस लेख के जरिए आप ऐसी 5 स्थितियों के बारे में समझें जब आपको शिशु को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ सकता है।
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1. अगर शिशु का तापमान ज्यादा हो (Fever in newborn)
वैसे तो नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान ज्यादा ही होता है पर अगर उन्हें तेज बुखार है तो ये सामान्य स्थिति नहीं है। अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है और उसे बुखार आया है तो ये एक गंभीर समस्या है। इस उम्र में 102.2 डिग्री या उससे ज्यादा के तापमान का बुखार खतरनाक होता है। बुखार के अलावा अगर शिशु आवाज निकाल रहा है या नथुने फूल रहे हैं तो इसका मतलब है शिशु के शरीर को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा, ऐसी स्थिति में भी शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं और इलाज करवाएं।
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2. शिशु की आंखें ऊपर चढ़ जाना
फर्ज करें कि आप शिशु के साथ खेल रहे हों और उसकी आंखें अचानक से ऊपर चढ़ जाएं, अगर ऐसी स्थिति आती है तो ये दौरा पड़ने के लक्षण हैं। इस दौरान शिशु का शरीर प्रतिक्रिया नहीं देता है पर उसके पैर अकड़ सकते हैं या बुखार के कारण पड़े दौरे पांच मिनट से ज्यादा के हो सकते हैं।
3. शिशु की आंख लाल होना (Newborn eye is red)
अगर शिशु की आंख लाल है तो उसे कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। आंखों से पानी आना या चिपचिपी होना भी इस समस्या के लक्षण, आपको समस्या नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क कर दवा लेनी चाहिए। वहीं इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं बच्चे की खाने से रूचि कम तो नहीं हो गई है। अगर वो दूध पीने में रूचि न दिखाए तो उसे जल्दी डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
4. जब शिशु ज्यादा रोए (Newborn crying)
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अगर आपका बच्चा ज्यादा रो रहा है तो पहले चेक करें कि उसे भूख तो नहीं लगी है या फिर डायपर बदलने की जरूरत तो नहीं है। अगर ये दोनों कारण नहीं है और शिशु तेज रो रहा है तो उसे कोई अंदरूनी समस्या हो सकती है, इस स्थिति में आपको शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए। वैसे तो शिशु बीमार होने पर ही असामान्य तरीके से रोते हैं, आपको अगर लग रहा है कि बच्चा ऐसी आवाज में रो रहा है जो सामान्य नहीं है तो अस्पताल जानें में देर न करें। शिशु का रोना, डायरिया, बुखार, उल्टी के लक्षण भी हो सकते हैं। धीमी आवाज में रोना या सुस्त हो जाना भी अच्छा लक्षण नहीं है, इस स्थिति में भी आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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5. शिशु के नथूने फूलना (Nostrol problem in newborn)
इस लक्षण से समझ जाएं कि शिशु को सांस लेने में समस्या हो रही है। अगर शिशु सांस लेते समय आवाजें निकाल रहा है तो मतलब वो तेजी से सांसें भर रहा है। आपको शिशु का पेट अंदर की ओर धंसता हुआ नजर आएगा। ये लक्षण नजर आने पर भी सतर्क हो जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं सेप्सिस या इंफेक्शन के होने पर भी नवजात शिशु की त्वचा चिपचिपी फील हो और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
वहीं अगर शिशु गिरा है और उसके शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, इस स्थिति में चिकित्सा सहायता लेना जरूरी होता है। नवजात शिशु का इलाज खुद से करने का प्रयास न करें।
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