
शाम के नाश्ते का समय या दोपहर और रात के खाने के बीच का समय अक्सर लोगों को हल्की भूख लग जाती है। यह वास्तव में, एक ऐसा समय है जब कुछ भी खाना पेट की समस्याओं की ओर आपको अग्रसर हकर सकता है। अगर आप उन लोगों में से हैं, जो हल्की भूख में अस्वास्थ्यकर और तैलीय स्नैक्स लेते हैं, तो आने वाले समय में आप इसके कारण बीमार भी पड़ सकते हैं। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो स्नैक्स की टाइमिंग आपके काम करने के टाइम टेबल पर भी निर्भर करती है। इसी विषय में सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर के सुझावों की मानें, तो आपको क्या खाना चाहिए, यह आपकी दिनचर्या और भोजन पर निर्भर करता है।
रुजुता दिवेकर, जो वर्तमान में 12 वीक फिटनेस प्रोजेक्ट चला रहे हैं, ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में साझा किया, शाम 4 से 6 बजे के वक्त के बीच स्नैक्स के रूप में आपको कुछ चीजें लेनी चाहिए। उन्होंने इस इंस्टेंट भूख के लिए ऊी पौष्टिक भोजन विकल्पों के लिए एक गाइड शेयर की है। रुजुता की मानें, तो दिन में जब भी आपको भूख लगे, तब आपको सबसे पहले जंक फूड न खाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही आप ये भी सुनिश्चित करें कि आपका रात का खाना हल्का रहे और आप बेहतर नींद ले सकें।
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शाम 4 से 6 के स्नैक्स में
स्नैक्स के लिए दिशानिर्देश देते हुए रुजुता बताती है कि शुरुआती 7 से 8 के बीच अपना रात का खाना खत्म कर लें। वहीं शाम 4 से 6 के लिए के स्नैक्स के विकल्प में
- - मूंगफली
- - हल्के बिस्किट्स
- -चिक्की
- - घर का बना चकली
- - ताजे मौसमी फल आदि।
यह विकल्प शाम के स्नैक्स में शामिल करना डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, पीसीओडी और इंसुलिन प्रतिरोध जैसी जीवन शैली की स्थिति वाले लोगों के लिए ये सबसे उपयोगी हो सकते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर आदि भी ठीक रहता है। साथ ही ये क्रेविंग्स को भी मारते हैं।
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रात 9 बजे के स्नैक्स के रूप में
अगर रात का भोजन केवल 9 बजे तक हो गया है, तो स्नैक विकल्प में गुड़ के साथ रोटी हो सकती है। वहीं आप कई और चीजों को इस वक्त के स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं। जैसे-
- -इडली
- - दही वाले चावल
- -झालमोरी
- -घी लगी रोटी और गुड़
यह सभी चीजें कम हीमोग्लोबिन के स्तर वाले लोगों के लिए सबसे सही विकल्प है। साथ ही जिनके ट्रेवलिंग का समय 90 मिनट से अधिक है उनके लिए भी ये अच्छ स्नैक्स विकल्प हैं। दीवेकर के शब्दों में, इन जैसे शाम के नाश्ते नींद की गुणवत्ता में सुधार करने, कब्ज को दूर करने और ऊर्जा के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
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इवनिंग या नाइट शिफ्ट्स में रहने वाले लोगों के लिए
अगर किसी की शाम की शिफ्ट है या उनके डिनर अनियमित होते हैं और वे नियमित रूप से देर रात तक काम करते हैं, तो मूड स्विंग और मिड-नाइट क्रेविंग्स की परेशानी हो सकती है। वहीं इस समय भारी भरकम कुछ खाने आपको सुस्ती, पैर में ऐंठन और कमजोरी हो सकती है। ऐसे में हल्का और हेल्दी फूड्स को अपने साथ रखना चाहिए। जैसे
- -पोहा या उपमा
- - घर का बना डोसा
- - गोंड या बेसन या रवा लड्डू
- - अंडे का टोस्ट
- - प्रोटीन शेक
- - होममेड खकरा या थेपा
यह उन लोगों के लिए भी जो शाम वजन बढ़ने के कारण कुछ खाने से बचते हैं औक जीरो डाइट फॉलो करते हैं। इसलिए जिस हिसाब से आपका टाइम-टेबल हो उस तरह से आपको अपने हेल्थ का ख्याल रखना चाहिए। इस तरह विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व से भरपूर भोजन और स्नैक्स के लिए जाएं। साथ ही पैकेज्ड और प्रोसेस्ड स्नैक फूड पर निर्भर रहने के बजाय स्वस्थ खाद्य पदार्थ चुनें। दिन में पहले से अधिक कैलोरी का उपभोग करें, जिससे नाश्ता, दोपहर का भोजन और दिन का नाश्ता रात के खाने और शाम के नाश्ते की तुलना में कैलोरी में अधिक हो। यह सब चयापचय को बढ़ावा देने और नींद के स्तर को विनियमित करने में आपकी मदद कर सकता है।
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