कई तरह के होते हैं ब्रेस्ट कैंसर, जानें उनके लक्षण

महिलाओं स्तन कैंसर की समस्या बढ़ती ही जा रही है। आज हम आपको ब्रेस्ट कैंसर के कारण और प्रकार के बारे में बता रहें है। आइए जानें ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार के बारे में।
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कई तरह के होते हैं ब्रेस्ट कैंसर, जानें उनके लक्षण

वर्तमान जीवनशैली और आधुनिकता के चलते कैंसर किसी को भी हो सकता है। ठीक ऐसे ही ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर महिलाओं को होता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि पुरूषों को ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता। आज के समय में पुरूषों को भी ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत होने लगी हैं। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है जो ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से में हो सकती है। यह निप्पल में दूध ले जाने वाली नलियों, दूध उत्पन्न करने वाले छोटे कोशों और ग्रंथिहीन टिश्युओं में भी हो सकता है। क्या आप जानते हैं महिलाओं की मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण ब्रेस्ट कैंसर हैं। हालांकि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है लेकिन समय रहते इसका उपचार कराने पर ही मृत्यु के जोखिम से बचा जा सकता हैं। लेकिन यहां ये भी सवाल उठना लाजमी है कि ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार कौन-कौन से हैं, क्या महिलाओं और पुरूषों में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर एक जैसा ही होता है। 

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जानें ब्रेस्ट कैंसर के कारण

  • ब्रेस्ट कैंसर किसी भी कारण से हो सकता है, कई बार लापरवाही ब्रेस्ट कैंसर की कारक बन जाती है तो कई बार ये आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है। ब्रेस्‍ट कैंसर की शुरूआती जांच करवाना बहुत जरूरी है।

 

  • ब्रेस्ट कैंसर के होने की कई अवस्थाएं होती हैं जो कि इसके प्रकार भी कहलाती हैं। ब्रेस्ट कैंसर की आरंभिक अवस्था में ब्रेस्ट के आसपास गांठें बनने लगती हैं और उनमें दर्द महसूस होता है। कई बार ये गांठें छोटे-छोटे फाइब्राइड होते हैं जो कि दवाओं के जरिए खत्म किए जा सकते हैं।

 

ब्रेस्ट  कैंसर के प्रकार 

  • इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा- ब्रेस्ट कैंसर का ये रूप मिल्क डक्ट्स में विकसित होता है। इतना ही नहीं महिलाओं में होने वाला ब्रेस्ट कैंसर 75 फीसदी इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा ही होता है। इस प्रकार का कैंसर डक्ट वॉल से होते हुए स्तन के चर्बी वाले हिस्से में फैल जाता है।

 

  • इन्फ्लेमेटरी कार्सिनोमा-  ये ब्रेस्ट कैंसर बहुत ही कम देखने को मिलता है। यानी 1 फीसदी भी इस प्रकार का कैंसर नहीं होता। दरसअल इन्फ्लेमेटरी कार्सिनोमा का उपचार बहुत मुश्किल होता है। इतना ही नहीं ब्रेस्ट कैंसर का ये रूप शरीर में तेजी से फैलता है। जिससे महिलाओं की मौत का जोखिम भी बना रहता है।

 

  • पेजेट्स डिज़ीज़- इन्फ्लेमेटरी कार्सिनोमा की ही तरह पेजेट्स डिजीज भी लगभग 1 फीसदी ही महिलाओं में पाया जाता है। ये निप्पल के आसपास से शुरू होता है और इससे निप्पल के आसपास रक्त जमा हो जाता है जिससे निप्पल और उसके चारों और का हिस्सा काला पड़ने लगता है। ब्रेस्ट कैंसर का ये प्रकार भी इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा की तरह निप्पल के मिल्क डक्ट्स से शुरू होता है। इस प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर उन महिलाओं को होता है जिन्हें ब्रेस्ट से संबंधित समस्याएं होने लगे। जैसे- निप्पल क्रस्टिंग, ईचिंग होना, स्तनों में दर्द या फिर कोई इंफेक्शन होना।

 

महिलाओं में पाए जाने वाले ब्रेस्ट कैंसर में ट्यूबुलर कार्सिनोमाज़ और मेड्युलरी, म्यूकस भी शामिल है, जिसमें लगभग 8 फीसदी महिलाएं इस कैंसर से पीडि़त होती हैं।इन्वेसिव लोबुलर कार्सिनोमा भी ब्रेस्ट कैंसर का एक रूप है जो कि बहुत ही कम महिलाओं में होता है।

 

Image Source-Getty

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