मुंह की बीमारियों से भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

- उम्र, धूम्रपान, आनुवांशिक कारणों के साथ मुंह की बीमारी भी है ब्रेस्ट कैंसर का कारक।
- इंगलैंड की बुफालो यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध में इस बात का खुलासा हुआ।
- मुंह में हो रही ब्लीडिंग के जरिये जीवाणु शरीर में प्रवेश कर ऊतकों को प्रभावित करते हैं।
- इसलिए मुंह की बीमारियों को नजरअंदाज न करें और समय पर डेंटिस्ट से जांच करायें।
कैंसर ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसके होने का कोई एक निर्धारित कारण नहीं है। कैंसर के ऊपर किये जाने वाले शोधों में हमें अक्सर इसके लिए जिम्मेदार नये कारकों के बारे में पता चलता है। कैंसर के सबसे अधिक होने वाले प्रकार में एक है ब्रेस्ट कैंसर। केवल इंगलैंड और आयरलैंड की बात की जाये तो एक साल में 50 हजार से अधिक ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं। सामान्यतया ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार कई कारक हैं, जैसे – उम्र, आनुवांशिक, मोटापा, धूम्रपान, शराब आदि। लेकिन एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए गम डिजीजेज यानी मुंह की बीमारियां भी जिम्मेदार हैं। इस लेख में विस्तार से जानते हैं मुंह की बीमारियों और ब्रेस्ट कैंसर के बीच क्या संबंध है।
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शोध के अनुसार
एक शोध की मानें तो महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार कारकों में मुंह की बीमारियां भी हैं। यह संभावना धूम्रपान करने वाली महिलाओं में और अधिक बढ़ जाती है। इंगलैंड स्थित बुफालो युनिवर्सिटी ने इसपर शोध किया। यह शोध 73 हजार महिलाओं पर किया गया और उसमें 26 प्रतिशत महिलाओं को मुंह से संबंधित बीमारियां थीं।
इस शोध में शोधकर्ताओं ने यह पाया कि मुंह की बीमारियों से ग्रस्त महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना 14 प्रतिशत अधिक है। लेकिन मुंह की बीमारियों के साथ जो महिलायें धूम्रपान करती हैं उनमें यह संभावना 32 प्रतिशत तक अधिक रहती है। दरअसल, मुंह के लिए जिम्मेमदार कीटाणु रक्त के जरिये शरीर में प्रवेश करते हैं और ये स्तन के ऊतकों को प्रभावित करते हैं।
मुंह की बीमारियां
मुंह से खून निकलना, दांतों की सड़न, मुंह की बदबू और उससे जुड़ी ऐसी ही दूसरी समस्यायें मुंह की बीमारियों से संबंधित हैं। सामान्यतया जब लोग दांतों की सड़न या मुंह की बदबू से परेशान हो जाते हैं तो टूथपेस्ट बदलने के साथ-साथ माउथफ्रेशनर और दूसरे अनहेल्दी मॉउथवॉश का प्रयोग करने लगते हैं। इसमें मौजूद केमिकल भी शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों में मुंह की बीमारियों के बाद ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
स्तन या बांह के नीचे गांठ होना, ब्रेस्ट से रस जैसे कुछ पदार्थ का निकलना, निपल्स का मुड़ जाना, स्तन में सूजन, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव, स्तन को दबाने पर दर्द न होना, आदि इसके लक्षण हैं।
न करें अनदेखी
बुफालो यूनिवर्सिटी के शोध में यह बात भी सामने आयी कि अगर मुंह की बीमारियों के कारण ब्रेस्ट कैंसर हो गया है तो इसके उपचार की संभावना भी रहती है। इसलिए जब भी आपको मुंह से संबंधित कोई बीमारी हो तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत अपने डेंटिस्ट से संपर्क करें। मुंह से संबंधित बीमारी की अनदेखी की लापरवाही आपको कैंसर का शिकार बना सकती है।
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Source: ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग Jan 11, 2016
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