लगातार कब्ज और जी मिचलाने के पीछे कहीं विटामिन डी तो नहीं? जानें जरूरत से ज्यादा Vitamin-D लेने का नुकसान

विटामिन डी इम्यूनिटी बिल्डअप करने के लिए बहुत जरूरी है, पर शरीर में जरूरत से ज्यादा इसकी अधिकता भी सही नहीं है।

Pallavi Kumari
Written by: Pallavi KumariUpdated at: Sep 24, 2020 09:42 IST
लगातार कब्ज और जी मिचलाने के पीछे कहीं विटामिन डी तो नहीं? जानें जरूरत से ज्यादा Vitamin-D लेने का नुकसान

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अच्छे स्वास्थ्य और इम्यूनिटी बिल्डअप करने के लिए विटामिन डी (Vitamin-D)बेहद जरूरी है। यह आपके शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और उनके काम करने के तरीके में कई भूमिकाएं निभाता है। अधिकांश लोगों को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता है, और इसलिए उन्हें इसकी कमी के कारण होने वाली बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। पर वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें विटामिन डी का सेवन नुकसान पहुंचा रहा है। दरअसल हर बॉडी की अपनी एक अलग जरूरत होती, कुछ लोग इम्यूनिटी बिल्डअप के चक्कर में जरूरत से ज्यादा विटामिन-डी ले लेते हैं, जिसके कारण उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं। तो आइए जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा विटामिन डी लेने के नुकसान।

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क्या है विटामिन डी टॉक्सिसिटी (What is Vitamin-D toxicity)

विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण, इम्यूनिटी बिल्डअप, हड्डी, मांसपेशियों और हृदय स्वास्थ्य को सही रखने के लिए बेहद जरूरी है। यह भोजन में स्वाभाविक रूप से होता है और आपके शरीर द्वारा उत्पादित किया जा सकता है। वहीं सुबह-सुबह की धूप लेना आपको विटामिन डी की एक अच्छी मात्रा प्रदान कर सकता है। विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3 दोनों को सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि प्रति दिन विटामिन डी 3 के 100 आईयू लेना आपके ब्लड में विटामिन डी के स्तर को 1 एनजी / एमएल (2.5 एनएमओएल / एल) तक बढ़ा देता है। 

विटामिन डी की  टॉक्सिसिटी (Vitamin-D toxicity)तब होता है जब रक्त का स्तर 150 एनजी / एमएल (375 एनएमओएल / एल) से ऊपर हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विटामिन को शरीर में वसा में संग्रहित किया जाता है और धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में छोड़ा जाता है, विषाक्तता के प्रभाव कई महीनों तक रह सकते हैं जब आप पूरक आहार लेना बंद कर देते हैं। हालांकि ये आम है और लगभग विशेष रूप से उन लोगों में होती है, जो अपने विटामिन डी की मात्रा चेक किए बिना लगातार इसे लेते हैं।

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विटामिन डी के नुकसान (Sideeffects of Vitamin-D toxicity)

1.मतली और उल्टी 

मतली और उल्टी विटामिन डी विषाक्तता के अन्य सामान्य लक्षण हैं, जो खून में कैल्शियम के उच्च स्तर के कारण भी होता है। हालांकि, इन लक्षणों को आमतौर पर खून में उच्च कैल्शियम के स्तर से निपटने वाले सभी लोगों द्वारा अनुभव नहीं किया जाता है। बता दें कि खून में कैल्शियम की सामान्य सीमा 8.5-10.2 मिलीग्राम / डीएल (2.1-2.5 मिमीोल / एल) है। पर विटामिन डी का सेवन अत्यधिक होना, कैल्शियम के स्तर को बढ़ाता है, जो कि इन जैसी परेशानियों को पैदा करता है।

  • -पाचन से जुड़ी परेशानियां
  • -पेट दर्द
  • -थकान, चक्कर आना और भ्रम होना
  • -अत्यधिक प्यास लगनाा
  • -लगातार पेशाब आना।

2.कब्ज और दस्त

पेट में दर्द, कब्ज और दस्त आम पाचन शिकायतें हैं जो अक्सर खाद्य असहिष्णुता या आंत्र सिंड्रोम से संबंधित होती हैं। हालांकि, वे विटामिन डी की अधिकता के कारण बढ़े हुए कैल्शियम के स्तर का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसे लोगों को लगातार पेट में कब्रज की परेशानी रहती है, तो कभी अचानक दस्त होता है। तो अगर आप स्वस्थ हैं और तब भी आपको ये परेशानी हो रही है, तो आप विटामिन डी के सेवन पर ध्यान दें।

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3. किडनी फेल्योर 

 विटामिन डी की उच्च खुराक गुर्दे पर भी अनावश्यक दबाव बनाती है। दरअसल शरीर से निकलने वाले वेस्ट को बाहर निकालने के लिए हमारी किडनी जिम्मेदार होती है। अत्यधिक विटामिन डी उन्हें कड़ी मेहनत करता है और आगे समय के साथ उन्हें नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में आगे चलकर आपके गुर्दे खराब हो सकते हैं।

बता दें कि हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी का पर्याप्त सेवन आवश्यक है। लेकिन शरीर में बहुत अधिक पोषक तत्व रक्त में विटामिन K2 के निम्न स्तर यानी कि इसकी कमी को जन्म दे सकते हैं। जबकि हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विटामिन K2 की भी प्रमुख भूमिका है। इसलिए हड्डियों के नुकसान से बचने के लिए विटामिन डी सप्लीमेंट एक सामान्य मात्रा में लेना चाहिए। इसके लिए सुबह बहुत देर तक धूप में न बैठें और उन चीजों को खाना कम करें, जिनमें विटामिन डी की अधिकता होती है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी का स्तर बहुत कम है, तो आपको सप्लीमेंट्स की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, अपने चिकित्सक से परामर्श के बिना इसे लें और अपनी खुराक को ध्यान में रखें।

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