वजाइना के पास होने वाली दर्दनाक छोटी फुंसियां सामान्य बात नहीं होती। इन्हें वजाइनल बॉइल्स कहते हैं। वजाइना के आसपास काफी सॉफ्ट और संवेदनशील स्किन होती है, जिस वजह से उसमें इंफेक्शन होने की अधिक संभावना होती है। इस हिस्से में नम वातावरण के कारण बैक्टीरिया पनप सकते हैं और रोमछिद्र में सूजन व दाने हो सकते हैं। पस से भरे हुए ये दर्दनाक दाने कई बार गंभीर भी हो सकते हैं। पिंपल्स जैसे दिखने वाली ये फुंसियां गांठ में भी विकसित हो सकती हैं। चलिए जानते हैं क्यों होता है वजाइनल बॉइल्स और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
क्या है वजाइनल बॉइल्स?
वजाइनल बॉइल्स वजाइना के पास पस या सूजन वाली उभरी फुंसियां होती हैं। ये फुंसियां वजाइना के बाहर, जांघ में, कमर की त्वचा की परतों में या लेबिया पर विकसित हो सकती हैं। ये गंदगी या संक्रमण के कारण हो सकती हैं। पिंपल्स की तरह दिखने वाली इन फुंसियों से कई बार येलो डिस्चार्ज हो सकता है। ये फुंसियां गुच्छों के रूप में भी विकसित हो सकती हैं। ये फुंसियां एक से दो हफ्ते तक रह सकती हैं। इसके लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है।
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वजाइनल बॉइल्स के कारण?
- त्वचा पर किसी प्रकार का कट या इंफेक्शन के कारण
- वजाइना एरिया के बालों की सही समय पर सफाई न करने के कारण गंदगी इंफेक्शन का कारण बन सकती है, जिससे ये फुंसियां हो सकती हैं।
- हेयर फॉलिकल्स में इन्फेक्शन के कारण भी फुंसियां हो सकती हैं और उनमें पस भरा भी हो सकता है।
- ज्यादा कसाव दार कपड़े या छोटी मोटी रगड़ से इनफेक्टेड स्किन के आसपास इरिटेशन हो सकती है।
- कीड़ों के काटने, रेजर से कट जाने, मच्छरों के काटने से या किसी छोटे-मोटे घाव से स्किन में इंफेक्शन की संभावना बढ़ सकती है
- शारीरिक संबंध के दौरान अगर पार्टनर को बॉइल्स की परेशानी है तो, एक पार्टनर से दूसरे पार्टनर में इंफेक्शन ट्रांसफर हो सकता है।
- किसी प्रकार का सिस्ट भी इसका कारण हो सकती है। वजाइना के मुख पर मटर के दाने जितनी बड़ी बार्थोलिन ग्लैंड होती है। अगर यह ब्लॉक हो जाती है तो यहां पर गांठ हो सकती है। जिसकी वजह से वेजाइनल बॉइल्स भी हो सकते हैं।

कैसे करें वजाइनल बॉइल्स का उपचार
ढीले कपड़े पहनें
जब तक फुंसियां ठीक न हो जाएं तब तक ढीले अंडरवियर और कपड़े पहनें। वर्कआउट के बाद साफ और सूखे अंडरगारमेंट्स पहनें।
वॉर्म कंप्रेस
फुंसियों पर एक साफ, गर्म, गीला वॉशक्लॉथ रखें और इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही रहने दें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन से चार बार दोहराएं। ऐसा करने से इंफेक्शन कम हो सकता है।
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साफ और सुरिक्षत रहें
यदि फुंसियां फट जाती हैं तो प्रभावित क्षेत्र को एंटीबायोटिक मरहम से साफ करें। रोजाना ड्रेसिंग करें और हाईजीन का ध्यान रखें।
पेनकिलर का प्रयोग करें
फुंसियों में अधिक दर्द होने पर पेनकिलर का इस्तेमाल करें। इससे सूजन और दर्द को कम करने में मदद मिलेगी।
फुंसियों को न फोड़ें
वजाइनल फुंसियों को फोड़ने और काटने की भूल न करें। फुंसी फूट जाने से बैक्टीरिया निकल जाते हैं और संक्रमण फैल सकता है।
अगर आपके साथ भी ऐसी कोई स्थिति है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।