इस वर्ष, रमजान 23 अप्रैल से 23 मई तक है और दुनिया भर के मुसलमानों को सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा रखते हुए परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। रमजान के दौरान खुद की देखभाल करना और स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है, और ऐसे लोगों के लिए जो विशेष रूप से अपनी फिटनेस का ख्याल रखते हैं। पर गर्मी और बिना खाए-पिए हुए एक्सरसाइज या वर्कआउट करना आसान नहीं है। ऐसे में आपको अपने लिए एक्सरसाइज का ऐसा समय चुनना चाहिए जब आपके पास इसे करनी की ताकत हो और फिर से कसरत के बाद के भोजन करके फिट होने का अवसर हो।
दिन के किस वक्त में करें एक्सरसाइज
रोजे के दौरान, उच्च तापमान और सूर्योदय से सूर्यास्त तक कोई तरल पदार्थ नहीं लेने पर, आप अपने आप को बहुत अधिक थका हुआ महसूस कर सकते हैं। रोजा करते समय गहन कार्डियो वर्कआउट और भारी वजन-प्रशिक्षण अभ्यास करने की कोशिश न करें। आपको पवित्र महीने भर में अपनी दिनचर्या को एक सप्ताह में दो कार्डियो सत्रों तक ही सीमित कर देना चाहिए।
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सूर्यास्त से 90 मिनट पहले
दिन के ठंडे हिस्से की ओर एक हल्का वर्क-आउट का मतलब होगा कि आप जल्द ही अपने आप को पानी से भर सकते हैं और आप खाली पेट व्यायाम करने के लाभों को प्राप्त भी कर लेंगे। हालांकि, इस समय किया गया कोई भी वर्कआउट अधिक प्रतिरोध प्रशिक्षण वाला नहीं होना चाहिए। इस दौरान आपको वॉक और हल्के एक्सरसाइज करने चाहिए।
अपने शाम के भोजन के बाद
कार्डियो पेट भर खाना खाने के बाद मुश्किल हो सकता है इसलिए इफ्तार के लगभग एक घंटे बाद वेट-लिफ्टिंग के लिए एक अच्छा समय है। जिन दिनों में आप अपने भोजन के बाद व्यायाम करने की योजना बना रहे हैं। शाम में हल्का सा कुछ खाने के बाद हल्का सा योग भी कर सकते हैं।
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किस तरह का वर्क-आउट सबसे अच्छा है?
जैसा कि कोई व्यक्ति जो स्वयं उपवास का पालन करता है, तो उन्हें ये तीन वर्कआउट ही करने चाहिए जैसे कि शक्ति प्रशिक्षण (strength training) , कार्डियो (cardio) और लचीलापन (flexibility)। वहीं इन मांसपेशियों को ताकत देने के लिए इन तीन एक्सरसाइजों को प्राथमिकता देना जरूरी है क्योंकि मांसपेशियों का नुकसान आपके चयापचय को धीमा कर देगा।
कार्डियो (Cardio)
जब कार्डियो की बात आती है, तो ये मांसपेशियों के लिए अच्छा है। इसलिए इसे हर दूसरे दिन 30 मिनट की धीमी, स्थिर दूरी तक सीमित करके करें। याद रखें, आप डिहाड्रेट होंगे इसलिए आपका शरीर ऊर्जा के स्रोत के रूप में आपके वसा भंडारण का उपयोग करेगा, खासकर यदि आप इफ्तार से पहले अपना कार्डियो करते हैं। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि आपका रक्तचाप शुरुआत में या उसके बाद भी गिर सकता है, इसलिए वार्म-अप और कूल-डाउन रूटीन को छोड़ें नहीं। उपवास के दौरान कार्डियो कम तीव्रता वाला रखें क्योंकि उच्च तीव्रता ग्लाइकोजन स्टोर को खाएगी और शरीर को ऊर्जा के लिए प्रोटीन का उपयोग करने के लिए मजबूर करेगी। अगर आप दिन के दौरान कुछ कार्डियो करना चाहते हैं, तो इफ्तार से ठीक पहले टहलना कैलोरी जलाने का एक अच्छा विकल्प है।
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प्रतिरोध प्रशिक्षण (strength training)
इसी तरह, जब आप अपना प्रतिरोध प्रशिक्षण शुरू करते हैं, तो अपने शरीर के ब्लड प्रेशर को सही रखने के लिए हल्के अभ्यासों को चुनें। रोजे के दौरान ऊर्जा के लिए शरीर के संग्रहीत कार्ब्स का उपयोग करने के साथ-साथ, यह संभावना है कि आपका शरीर प्रोटीन स्टोर में भी बदल जाएगा, इससे मांसपेशियों का नुकसान हो सकता है। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रिनिंग आपकी मदद कर सकता है। ये मांसपेशियों को संरक्षित करने में मदद करता है, इसलिए बॉडीवेट व्यायाम जैसे कि स्क्वाट्स, पुश-अप्स या सिर्फ हल्के एक्सरसाइज करें।
लचीलापन (flexibility)
अंतिम फिटनेस पहलू पर ध्यान केंद्रित करने के लिए लचीलापन है। किसी भी गतिशीलता से संबंधित मुद्दों से बचने के लिए आप इसे कर सकते हैं। दरअसल भूखे-प्यासे रहने पर शरीर की कमा करने की स्पीड धीमी हो जाती है। कई लोगों को तो चलने-फिरने की परेशानी भी होने लगती है। ऐसे में कुछ योग और लचीलापन बढ़ाने वाले एक्सरसाइज आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकते हैं।
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