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सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम से अचानक हो जाती है व्यक्ति की मौत, जानें इसके बारे में

Sudden Arrhythmic Death Syndrome: कार्डियक अरेस्ट से भी गंभीर बीमारी है सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव।

Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Apr 24, 2023 19:24 IST
सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम से अचानक हो जाती है व्यक्ति की मौत, जानें इसके बारे में

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Sudden Arrhythmic Death Syndrome: खराब जीवनशैली और खानपान में गड़बड़ी के कारण लोगों में हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पहले हार्ट से जुड़ी बीमारियां बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती थीं, लेकिन अब यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी आम है। बीते कुछ सालों से भारत में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण मरने वाले लोगों का आंकडा बढ़ा है। कार्डियक अरेस्ट के कारण व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती है। इस स्थिति में मरीज को अरेस्ट के कुछ मिनट के भीतर मेडिकल सपोर्ट मिलने पर मौत का खतरा कम किया जा सकता है। लेकिन लगभग 95 प्रतिशत मामलों में मरीज को मौत का सामना करना पड़ता है। कार्डियक अरेस्ट से भी ज्यादा गंभीर और खतरनाक समस्या सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम है। सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम (Sudden Arrhythmic Death Syndrome in Hindi) की स्थिति में मरीज को सांस लेने का भी मौका नहीं मिलता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते है सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम के कारण, लक्षण और बचाव के टिप्स।

क्या है सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम?- What is Sudden Arrhythmic Death Syndrome in Hindi

आसान भाषा में समझें तो सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम उस स्थिति को कहते हैं जब किसी व्यक्ति की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हो जाती है और मरीज को इसके कारण का पता नहीं चल पाता है। ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन पर मौजूद जानकारी के मुताबिक सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम में मरीज का हार्ट अचानक ब्लड पंप करना बंद कर देता है और मरीज की सांस रुक जाती है। इसकी वजह से मरीज की मौके पर ही मौत हो जाती है। लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. के के कपूर कहते हैं कि इस बीमारी से सबसे ज्यादा 40 साल से कम उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम की स्थिति में मरीज के दिल की धड़कन रुक जाती है और इसे कंट्रोल करने वाले इलेक्ट्रिक सिग्नल काम करना बंद कर देते हैं। 

Sudden Arrhythmic Death Syndrome

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सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम के कारण- What Causes Sudden Arrhythmic Death Syndrome in Hindi

सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम की समस्या आमतौर पर हार्ट रेट या दिल की धड़कन अनियमित होने के कारण होती है। इस स्थिति को अतालता के नाम से भी जाना जाता है। लंबे समय तक अनियमित दिल की धड़कन से जूझ रहे लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़े कारणों की वजह से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-

  • आनुवांशिक कारणों की वजह से
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • लांग क्यूटी सिंड्रोम (LQTS)
  • कैटेकोलामिनर्जिक पॉलीमॉर्फिक वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया
  • हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (एचसीएम)
  • वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी

सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम के लक्षण- Sudden Arrhythmic Death Syndrome Symptoms in Hindi

सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम की समस्या में मरीजों को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अलग-अलग व्यक्तियों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम की समस्या में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-

  • अचानक बेहोश हो जाना
  • सीने में दर्द और बेचैनी
  • सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलना
  • सोते समय कार्डियक अरेस्ट
  • सांस से जुड़ी परेशानियां

सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम से कैसे करें बचाव?- Sudden Arrhythmic Death Syndrome Prevention in Hindi

सडन एरिथमिक डेथ सिंड्रोम से बचाव के लिए आपको खानपान और जीवनशैली से जुड़ी खराब आदतों को छोड़ना चाहिए। कुछ लोगों को इस बीमारी का खतरा आनुवांशिक करणों की वजह से होता है, इस स्थिति में आपको डॉक्टर की सलाह और समय-समय पर हार्ट की जांच जरूर करानी चाहिए। दिल की धड़कन अनियमित होने पर लापरवाही बरतने की जगह डॉक्टर से इलाज लेना चाहिए। इसके अलावा हार्ट को हेल्दी रखने वाले फूड्स का सेवन और नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास करने से इस समस्या में फायदा मिलता है।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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