Pink Eye Problem in Hindi: मौसम में बदलाव और बढ़ते प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। बारिश के बाद ठंड की शुरुआत से ही लोगों में इन्फेक्शन की समस्या भी बढ़ रही है। सर्दी-खांसी, जुकाम समेत तमाम मौसमी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। बारिश के बाद मौसम में बदलाव और प्रदूषण की वजह से आंख की एक परेशानी भी लोगों में तेजी से बढ़ रही है। आंख की इस समस्या को कंजक्टिविटिस या पिंक आई (Pink Eye in Hindi) कहते हैं। बीते कुछ दिनों से इस बीमारी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में भी पिंक आई की समस्या के मरीज तेजी से पहुंच रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं आखिर क्या है पिंक आई की समस्या और इससे बचने के लिए जरूरी टिप्स।
पिंक आई क्या है?- What is Pink Eye Problem?
कंजक्टिविटिस या पिंक आई की समस्या बारिश और मौसम में आद्रता के बढ़ने से लोगों में हो रही है। इस समस्या को आंख लाल होना भी कहते हैं। सीतापुर आंख अस्पताल के डॉ धर्मेंद्र सिंह के मुताबिक मौसम में बदलाव की वजह से इन्फेक्शन के कारण पिंक आई की समस्या लोगों में देखी जाती है। संक्रमण की वजह से आपकी आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों में भारीपन का अहसास होता है। इसके अलावा पिंक आई की समस्या में आपको खुजली की परेशानी भी बहुत होती है।
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पिंक आई के लक्षण- Pink Eye Symptoms in Hindi
पिंक आई की समस्या में आपकी आंख में लालिमा, खुजली और भारीपन का अनुभव होता है। इसकी वजह से आपकी आंखें सूज जाती हैं। बदलते मौसम में इन्फेक्शन के कारण इस समस्या का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। पिंक आई की समस्या में दिखने वाले कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- आंखों में लाली
- खुजली और इरिटेशन
- आंख में किरकिरी होना
- सुबह के समय आंख में सूजन
- आंखों में भारीपन
पिंक आई का इलाज- Pink Eye Treatment in Hindi
पिंक आई की समस्या में आपको गंभीर दर्द का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आप बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं, तो इससे और परेशानियां हो सकती हैं। अगर आपको पिंक आई की समस्या के लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। इस समस्या में मरीज के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं। इस इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए कुछ आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कुछ दवाओं के सेवन की सलाह भी दी जा सकती है।
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पिंक आई की समस्या में मरीजों को इन्फेक्शन से बचना चाहिए और बार-बार अपनी आंखों को नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो इसका इस्तेमाल कुछ दिनों के लिए न करें। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर की सलाह लें और सावधानियों का ध्यान रखें।
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