Peripartum Cardiomyopathy Causes: प्रसवोत्तर हृदय रोग, जिसे पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी (पीसीएम) भी कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है जो गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के कुछ समय बाद महिलाओं को प्रभावित करती है। इस स्थिति में, हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और ब्लड को सही ढंग से पंप नहीं कर पाती हैं। हार्ट शरीर का सबसे अहम अंग है और इसे हेल्दी रखने के लिए आपको गर्भावस्था के दौरान इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी की समस्या क्यों होती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के कारण
लखनऊ स्थित कपूर हार्ट सेंटर के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ केके कपूर कहते हैं, पीसीएम के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चल पाए हैं, लेकिन इसके कुछ मुख्य कारण ये हो सकते हैं-
टॉप स्टोरीज़
- इम्यून सिस्टम की समस्याएं: गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन हृदय की मांसपेशियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
- हॉर्मोनल बदलाव: गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव और ब्लड की मात्रा अनियंत्रित होने से हार्ट पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से यह समस्या हो सकती है।
- संक्रमण: कुछ संक्रमण हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं।
- जेनेटिक कारक: कुछ महिलाओं में आनुवंशिक कारणों से यह समस्या हो सकती है।
- पोषण की कमी: प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की कमी हार्ट हेल्थ को प्रभावित कर सकती है।

पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के लक्षण
पीसीएम के लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो होते हैं, जो इस तरह से हैं-
- सांस लेने में कठिनाई
- पैरों, टखनों और पैरों में सूजन
- थकान और कमजोरी
- दिल की धड़कन अनियमित होना
- खांसी, विशेष रूप से रात में
- वजन तेजी से बढ़ना
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी की जांच
पीसीएम की जांच डॉक्टर लक्षणों के आधार पर करते हैं। इसकी जांच के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं-
- इकोकार्डियोग्राम
- ईसीजी
- सीएमआरआई
- ब्लड टेस्ट
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी का इलाज
पीसीएम का इलाज मरीजों की गंभीरता पर किया जाता है-
- दवाएं: हार्ट की कार्यक्षमता में सुधार के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
- ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है।
- हार्ट ट्रांसप्लांट: गंभीर स्थिति में हार्ट ट्रांसप्लांट आवश्यक हो सकता है।
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी से बचाव
हालांकि पीसीएम को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपायों से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है-
- प्रसव पूर्व देखभाल: गर्भावस्था के दौरान नियमित चेकअप महत्वपूर्ण हैं।
- स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तंबाकू और शराब से परहेज करें।
- वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव कम हो सकता है।
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी एक गंभीर स्थिति है जिसका समय पर निदान और इलाज जरूरी है। यदि आप गर्भवती हैं या हाल ही में प्रसव किया है और आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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