मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है। जिसमें आपकी सेंस (संवेदनाएं) ठीक से काम नहीं करती हैं। यह दिमाग में किसी असामान्य इलेक्ट्रिकल गतिविधि से जुड़ा होता है। इस दौरान व्यक्ति अपना होश खो बैठता है। आमतौर पर मिर्गी के मरीजों की पहचान लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है क्योंकि इसके दौरे पड़ते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिर्गी के लिए एक टेस्ट भी किया जाता है, जिसका नाम लंबर पंक्चर या स्पाइनल टैप (Spinal Tap) टेस्ट है। इस टेस्ट में आपकी रीढ़ के आसपास जमा हुए द्रव (लिक्विड) को एक सुई के द्वारा निकाल कर इसका परीक्षण करने के लिए लैब में भेज दिया जाता है। तुलसी हेल्थ केयर के मनोचिकित्सक और निदेशक डॉ गौरव गुप्ता बताते हैं कि मिर्गी के दौरे पड़ने के अलावा मेनिनजाइटिस और इन्सेफ्लाइटिस जैसे इंफेक्शन का पता लगाने के लिए ये टेस्ट किया जाता है। स्पाइनल टेस्ट (Spinal Tap) के द्वारा इन इंफेक्शन को आपके शरीर से बाहर निकाला जाता है। इस टेस्ट के द्वारा मिर्गी के अलावा आपके अन्य भी कई डिसऑर्डर के बारे में पता लग सकता है। जिसमें अंगों के आस पास क्रोनिक इन्फ्लेमेशन शामिल होता है। गुलियन बर्रे सिंड्रोम और बिना कारण पता होने वाले सिर दर्द का भी इस टेस्ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है।
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क्यों किया जाता है लंबर पंक्चर या स्पाइनल टैप टेस्ट?
आपकी स्पाइनल कॉर्ड से जो द्रव (फ्लूइड) निकाला जाता है उसे सीएसएफ कहा जाता है। उसमें ग्लूकोज, प्रोटीन और कुछ अन्य ऐसे तत्त्व होते हैं जो हमारे खून में पाए जाते हैं। इस फ्लूइड का परीक्षण करने से आपकी व्हाइट ब्लड सेल्स (White Bloid Cells) का प्रकार, आपका ग्लूकोज लेवल और आपके खून में मौजूद प्रोटीन के प्रकार और मात्रा आदि के बारे में पता चल जाता है।
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स्पाइनल टैप टेस्ट को करने के कारण
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स्पाइनल टेस्ट को निम्न कारणों की वजह से भी किया जा सकता है-
- मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड के आसपास का प्रेशर चेक करने के लिए।
- सिर से प्रेशर कम करने के लिए
- स्पाइनल एनेस्थीसिया देने के लिए।
- दवाइयां देने के लिए।
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लंबर पंक्चर (स्पाइनल टैप) टेस्ट से पहले आपको क्या तैयारियां करनी चाहिए?
- अगर आप खाने से संबंधी सवाल पूछें तो आपको अपना नियमित डाइट्री रूटीन ही पालन करना है। आपको किसी तरह की खाने पीने की पाबंदी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- अपने डॉक्टर से अल्कोहल पाबंदी, एस्पिरिन प्रोडक्ट्स का सेवन करने और ब्लड थिनिंग दवाइयां आदि खाने से जुड़े सवालों के बारे में एक बार जरूर पूछ लें।
- अपने डॉक्टर से एक बार पूछें कि आप लेटेक्स से एलर्जिक तो नहीं हैं।
- अपने ट्रांसपोर्टेशन का इंतजाम कर लें।
- आपको टेस्ट कराने के तुरंत बाद कहीं नहीं जाना है।
लंबर पंक्चर (स्पाइनल टैप) टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान क्या करें?
- आपको इस प्रक्रिया के दौरान अपनी साइड के बल लेट जाना है और अपने घुटनों को अपनी छाती के करीब लाने की कोशिश करें।
- इस दौरान आपकी ठुड्ढी आपकी छाती की ओर होनी चाहिए और आपकी बाजू और सिर एक टेबल पर रखे जायेंगे।
- आपकी कमर को एक एंटी सेप्टिक द्वारा क्लीन करने के बाद, आपकी कमर के आस पास स्टेराइल ड्रॉप्स लगा दी जायेंगी।
- आपकी कमर को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा। आपको थोड़ी बहुत जलन महसूस होगी। जब आपकी कमर सुन्न हो जायेगी तो आपकी लोअर बैक में एक नीडल डाल दी जाएगी।
- यह कई बार एक प्रेशर का कारण भी बनती है। इस दौरान आपकी स्पाइनल कॉर्ड नीडल द्वारा टच नहीं की जायेगी।
- इसके बाद फ्लूइड को निकाल लिया जाता है।
- लगभग 10 से 20% लोगों को स्पाइनल टैप के कारण सिर दर्द देखने को मिलता है।
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लंबर पंक्चर (स्पाइनल टैप) टेस्ट के फायदे
- इंफेक्शन का खतरा बहुत ही कम होता है।
- ब्लड डिस्चार्ज का कारण नीडल इंसर्ट करना ही होता है और इसके लिए अलग से किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
- इस दौरान अधिक दर्द भी नहीं होता है।
अगर आपको स्पाइनल टैप के बाद बुखार, ब्लड डिस्चार्ज, सिर दर्द या दर्द का और अधिक गंभीर हो जाना आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं तो आप को अपने डॉक्टर के पास तुरंत चले जाना चाहिए।
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