LAM Postpartum Contraception : घर में बच्चे का जन्म हर कपल के लिए किसी सपने की तरह ही होता है। बच्चे के जन्म के साथ ही कपल माता-पिता बनता है। पेरेंट्स बनना न सिर्फ एक खूबसूरत एहसास है, यह कई चुनौतियों और उत्साह से भरा होता है। प्यार, खुशी और एहसास से भरे इस सफर के दौरान कपल एक चीज को नजरअंदाज करना नहीं करना चाहते हैं, वो है बर्थ कंट्रोल यानी की गर्भनिरोधक। डिलीवरी के तुरंत बाद नई मां अक्सर गर्भनिरोधक को लेकर चिंतित रहती है। कई महिलाएं बर्थ कंट्रोल के लिए दवाएं, कॉपर टी, डायाफ्राम, सर्वाइकल कैप का सहारा लेती हैं। वहीं, पुरुष कंडोम के जरिए गर्भनिरोधक का चयन करते हैं। हालांकि गर्भनिरोध के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह सभी चीजों का प्रयोग थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बच्चे के जन्म के तुरंत बाद गर्भनिरोधक का सबसे बेस्ट तरीका है लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड। इसे एलएएएम या लैम भी कहा जाता है। आज इस लेख में गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की गायनोकॉलोजिस्ट आस्था दयाल से जानेंगे लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड क्या है और यह गर्भनिरोधक में किस तरह से काम करता है।
लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड क्या है?- What is Lactational Amenorrhea Method?
डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि लैक्टेशनल एमेनोरिया विधि (एलएएम) गर्भावस्था को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए अस्थायी रूप से मदद करने के लिए स्तनपान कराने का एक सही तरीका है। इस मेथड को आसान भाषा में समझें तो यह है कि डिलीवरी के बाद महिला का शरीर सही तरीके से दूध बना रहा है और एमेनोरिया का मतलब है कि आपको पीरियड्स नहीं हो रहे हैं। एलएएम के जरिए महिलाओं के शरीर में होने वाले ओव्यूलेशन के प्रोसेस को रोकने को रोकने में मदद करता है। जब महिला बच्चे को स्तनपान करवाती है तो उसके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं जो ओवरी से एग को रिलीज करने से रोक सकते हैं। इस प्रक्रिया गर्भनिरोध की तरह काम करता है।
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लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड कैसे काम करता है?- How Lactational Amenorrhea Method Works
डॉक्टर की मानें तो लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड मुख्य रूप से तीनों तरीकों पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवाना- गर्भनिरोध के इस तरीके में सिर्फ नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवाई जाती है। इस प्रक्रिया में नई मां अपने शिशु को सिर्फ स्तनपान करवाती है। इसमें नवजात को किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ और पानी नहीं दिया जाता है। शिशु को जब भी भूख और प्यास लगती है, तो मां उसको अपना दूध पिलाती है।
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शिशु की उम्र - डॉक्टर की मानें तो लैक्टेशनल एमेनोरिया की प्रक्रिया डिलीवरी के 6 महीने तक प्रभावी होता है। इस अवधि में लगातार स्तनपान करवाने से गर्भधारण नहीं होता है।
पीरियड्स न होने पर- बच्चे को जन्म देने के बाद महिला को पीरियड्स नहीं होने चाहिए, यदि स्तनपान करवाने के दौरान या बच्चे को जन्म देने के बाद महिला को रक्तस्राव होता है तो इससे ओव्यूलेशन फिर से शुरू हो जाता है।
अगर आप लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध करवाएंगी।
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