
What is Hypokalemia: आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में, डाइट और फिटनेस का ध्यान ज्यादातर लोग नहीं दे पाते हैं। खानपान में गड़बड़ी और बढ़ते तनाव की वजह से लोग बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। हार्ट अटैक, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, आदि की बात करें या छोटी समस्याएं, सभी के पीछे एक ही कारण होता है- खान-पान से जुड़ी गड़बड़ी और अनियमित जीवनशैली। खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण ही आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी होती है। शरीर में पोटेशियम की कमी भी एक गंभीर समस्या है। इसे हाइपोकैलेमिया कहते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं हाइपोकैलेमिया के बारे में।
हाइपोकैलेमिया क्या है?- What is Hypokalemia in Hindi
शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम होने की स्थिति को मेडिकल टर्म में हाइपोकैलेमिया कहते हैं। इस स्थिति में आपके खून में पोटेशियम की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "पोटेशियम शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो सामान्य रूप से मांसपेशियों, हृदय के सही कामकाज के लिए आवश्यक होता है। हाइपोकेलेमिया का मतलब है कि आपके शरीर में पोटेशियम की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है, जिससे शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।"
हाइपोकैलेमिया के लक्षण- Symptoms Of Hypokalemia in Hindi
हाइपोकेलेमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- मांसपेशियों में कमजोरी
- थकान और कमजोरी
- दिल की धड़कन अनियमित होना
- उंगलियों और हाथ पैर में छाले
- पेट में दर्द या अत्यधिक पेट में गैस
- यूरिन से जुड़ी समस्याएं
इसे भी पढ़ें: शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कैसे बचें? जानें पूरा करने के टिप्स
हाइपोकैलेमिया के कारण- What Causes Hypokalemia in Hindi
हाइपोकेलेमिया के कुछ मुख्य कारण इस तरह से हैं-
खान-पान में कमी: पोटेशियम की कमी आहार में कम समय तक खाना खाने, ज्यादा कॉफी और अल्कोहल का सेवन करने, या ज्यादा खाने के कारण हो सकती है।
पुरानी बीमारियां: रोग जैसे कि डायबिटीज, किडनी की समस्याएं, उल्टी, आदि भी हाइपोकेलेमिया के कारण बन सकते हैं।
दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं का नियमित सेवन भी पोटेशियम की कमी का कारण बन सकता है।
हाइपोकैलेमिया से बचाव- Tips To Prevent Hypokalemia in Hindi
हाइपोकैलेमिया से बचाव के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
संतुलित आहार: पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इनमें केले, संतरे, पालक, आलू, टमाटर, मछली और दूध शामिल हैं। संतुलित आहार से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और पोटेशियम की कमी नहीं होती।
पर्याप्त पानी पिएं: पानी की उचित मात्रा का सेवन करें, लेकिन अत्यधिक पानी पीने से बचें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हम सही मात्रा में पानी का सेवन करें।
किडनी की देखभाल: किडनी की सेहत का ध्यान रखें। यदि आपको कोई किडनी संबंधी समस्या है, तो नियमित चिकित्सकीय जांच और परामर्श से इस स्थिति से बचा जा सकता है।
व्यायाम और पसीना: अत्यधिक व्यायाम और पसीने से बचें। यदि आप अधिक व्यायाम करते हैं, तो पोटेशियम युक्त पेय या खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
मल्टीविटामिन सप्लिमेंट्स: यदि आपको पोटेशियम की कमी का जोखिम है, तो मल्टीविटामिन सप्लिमेंट्स का सेवन चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार करें।
इसे भी पढ़ें: क्या वाकई पोषक तत्वों की कमी से वजन बढ़ सकता है? जानें बचाव
हाइपोकेलेमिया एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके लक्षणों को पहचानना और समय रहते उचित उपचार और रोकथाम करना जरूरी है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी का सेवन, और नियमित जांच से इस स्थिति से बचा जा सकता है।
(Image Courtesy: freepik.com)
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version