World Cancer Day: कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही 10 में से 9 लोगों के दिमाग में एक डर बैठ जाता है। बदलती लाइफस्टाइल, खानपान और कई कारणों से आज लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे ज्यादातर लोग इस बात को पहले ही मान लेते हैं कि उनके जीवन की रेखाएं खत्म हो चुकी हैं। हालांकि हकीकत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं। कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से एक है ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer in Hindi)। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर हैं। आंकड़ों के मुताबिक हर साल दुनियाभर में 2.1 मिलियन से ज्यादा महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होती हैं। ब्रेस्ट कैंसर क्या है और किन सर्जरी की मदद से इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है इसके बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम के सीके बिरला हॉस्पिटल में ब्रेस्ट कैंसर के लीड कंसल्टेंट एंड एचओडी डॉक्टर रोहन खंडेलवाल से बातचीत की। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े सभी सवालों के जवाब।
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के स्तन से शुरू होता है। डॉक्टर के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत तब होती है, जब स्तन की कोशिकाएं ज़रूरत से ज्यादा बढ़ने लगती है। स्तन कैंसर की कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं जिसे एक्स-रे पर देखा जा सकता है या आप इसे एक गांठ के रूप में भी महसूस कर सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के जो आम लक्षण माने जाते हैं उनमें निम्न शामिल हैंः
- ब्रेस्ट में गांठ हो जाना या मोटा हो जाना
- ब्रेस्ट के साइज, शेप और उसके रूप में बदलाव आना
- स्तनों के बगल में सूजन आना
- निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना
- ब्रेस्ट के ऊपर की त्वचा में बदलाव आना जैसे लक्षण अगर किसी महिला को दिखाई दें तो ये ब्रेस्ट कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
किन कारणों से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट कैंसर हेरिडिटरी भी होता है यानी अगर परिवार में पहले किसी ब्रेस्ट कैंसर रहा हो तो इसके होने की संभावना ज्यादा रहती है। इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल, शराब का सेवन, स्मोकिंग, वजन का बढ़ना, तनाव और पोषण युक्त खाना न खाने की वजह से भी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण शरीर में पनप सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि आजकल की लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में भी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़ रहा है।
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ब्रेस्ट कैंसर का पता कैसे चलता है?
डॉक्टर रोहन खंडेलवाल का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती स्टेज का पता लगाने के लिए मैमोग्राम भी कराए जाते हैं लेकिन कंडीशन का सही पता लगाने के लिए बायोप्सी की जरूरत पड़ती है। बायोप्सी से ये सुनिश्चित हो जाता है कि कैंसर सेल्स ब्रेस्ट में मौजूद हैं या नहीं। बायोप्सी अलग-अलग तरीकों से की जाती है।
फाइन नीडल एस्पिरेशन कायटोलॉजी (एफएनएसी)
ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाने वाला ये सबसे कॉमन टेस्ट है। इसमें गांठ के अंदर सुई लगाई जाती है और उससे सेल्स निकाले जाते हैं जिनका फिर टेस्ट किया जाता है।
ट्रू-कट नीडल बायोप्सी
ये एफएनएसी का विकल्प होती है। इसे अल्ट्रासाउंड के साथ या उसके बिना, दोनों तरह से किया जा सकता है। इस बायोप्सी से ज्यादा बेहतर रिजल्ट आता है।
इन दोनों ही बायोप्सी के जरिए कैंसर को समझने में मदद मिलती है। इसके दौरान होने वाले दर्द को सहन किया जा सकता है और इसमें ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट का वक्त लगता है। बायोप्सी के बाद एक सिर्फ एक टेबलेट खाने से दर्द खत्म हो जाता है और कई बार तो एक टैबलेट की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। भारत में आम जनता के बीच कई गलत धारणाओं के चलते ब्रेस्ट कैंसर के मामलों के स्टेज और कैटेगरी अन्य देशों की तुलना में अधिक हैं। कीमोथेरेपी या अन्य तकनीकों के बारे में जागरूकता की कमी है जिसके चलते वे समय पर इलाज नहीं करा पाते।
ब्रेस्ट कैंसर से छुटकारा पाने के लिए कौन सी सर्जरी की जाती है?
डॉक्टर रोहन खंडेलवाल का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर से मरीज से राहत दिलाने के लिए कई सर्जरी की जाती है। ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी मरीज की हालात और कैंसर के स्टेज पर निर्भर करती है। ब्रेस्ट कैंसर का इलाज निम्नलिखित सर्जरी से किया जाता हैः
- रेडियोथेरेपी
- कीमोथेरेपी
- हार्मोन थेरेपी
- बायोलॉजिकल थेरेपी (टारगेटेड थेरेपी) की जाती है।
कुछ मामलों में ब्रेस्ट कैंसर को ठीक करने के लिए इनमें से एक से ज्यादा प्रक्रिया का भी इस्तेमाल किया जाता है।
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क्या कैंसर ब्रेस्ट से दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है?
डॉक्टर का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स शरीर के बाकी हिस्सों तक फैल जाएं इसकी संभावना बहुत ज्यादा है। अगर ब्रेस्ट कैंसर के सेल्स शरीर के बाकी हिस्सों में फैलते हैं तो इस स्थिति में 2 तरह की सर्जरी करवाई जाती है। 1। ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी और 2। मास्टेक्टॉमी सर्जरी। आइए जानते हैं इन दोनों के बारे में।
ब्रेस्ट कंजर्विंग सर्जरी
इस प्रक्रिया में ब्रेस्ट के अंदर मौजूद ट्यूमर को हटाया जाता है, लेकिन ट्यूमर का साइज कितना है, किस तरह का है, उसकी कितनी मात्रा है, ये सब चीजें देखकर सर्जरी की जाती है। इसमें लंपैक्टोमी (ट्यूमर के साथ उसके आसपास के कुछ टिशू को भी हटाया जाता है) या पार्शियल मास्टेक्टॉमी सर्जरी की जाती है। कुछ मामलों में सर्जरी के बाद रेडियोथेरेपी भी की जाती है जिससे बचे हुए कैंसर के सेल्स को मारा जा सके।
मास्टेक्टॉमी
इस प्रक्रिया में पूरे स्तन को शरीर से अलग कर दिया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इसके बाद ब्रेस्ट की जगह शेप को उभारने के लिए रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जाती है। कुछ मामलों में ये दोनों प्रक्रियाएं एक साथ ही पूरी कर ली जाती हैं, लेकिन कई बार रिकंस्ट्रक्शन बाद में कर लिया जाता है। इसमें या तो ब्रेस्ट इंप्लांट किया जाता है या फिर शरीर के किसी दूसरे हिस्से को लेकर ब्रेस्ट क्रिएट करने के लिए लगाया जाता है।
डॉक्टर का कहना है कि वक्त के साथ ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी का इलाज बहुत ही आसान हो गया है। नई तकनीक, गैजेट्स की मदद से ब्रेस्ट कैंसर की जंग से जीता जा सकता है।
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