सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक ऐसी समस्या है जिसका प्रभाव गर्दन से शुरू होकर कंधों तक पहुंच जाता है। यह दर्द गर्दन के निचले हिस्से से दोनों कंधों, कॉलर बोन और कंधों के जोड़ तक पहुंचता है। इससे गर्दन घुमाने में काफी परेशानी और दर्द होता है। इसके साथ ही मांसपेशियों में कमजोरी के कारण बांहों को हिलाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस (Cervical spondylosis) उन लोगों को ज्यादा परेशान करती है जो लोग घंटों दफ्तरों में बैठकर गर्दन झुकाकर लगातार काम करते रहते हैं।
दफ्तरों में घंटों काम करने पर अक्सर लोगों को दर्द होना शुरू होता है। लेकिन हम हमेशा ये सोचते हैं कि आज ज्यादा देर तक काम कर लिया जिसकी वजह से दर्द हो रहा है और अगले दिन फिर से उसी तरह से काम करते हैं। ये दर्द एक समय में आपके साथ ही बंध जाता है। इससे आपकी गर्दन और कंधों में हमेशा दर्द रहने लगता है और अकडऩ भी महसूस होती है। ये दर्द सिर्फ कंधों तक ही नहीं रहता बल्कि लापरवाही करने पर ये आपकी रीढ़ की हड्डी को भी अपनी चपेट में लेता है जो आपको काफी परेशान करने का काम करती है।
सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस के कारण
वैसे तो इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन दफ्तर में काम करने वालों के लिए ज्यादा देर तक काम करना ही है। एक ही मुद्रा में लंबे समय तक सर्वाइकल वर्टिब्रा के प्रयोग और व्यायाम न करने से दर्द होने लगता है। इसे स्पांडिलाइटिक चेंज भी कहते हैं। आपको बता दें कि इसका सही समय पर इलाज न कराने से स्नायुओं पर दबाव बढ़ जाता है। जिससे हाथों में भी दर्द होने लगता है और कुछ भी काम करने में काफी दर्द महसूस होता है। इसके अलावा क्रोनिक चोट और ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण ये समस्या पैदा होती है।
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क्या है सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस के लक्षण?
वैसे तो सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस (Cervical spondylosis) होने के कई लक्षण हो सकते हैं, जैसे गर्दन में दर्द होना, गर्दन में दर्द के साथ बाजू में दर्द होना तथा हाथों का सुन्न हो जाना। सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस का शुरुआत में पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, क्योंकि ये लोगों को आम दर्द की तरह ही महसूस होता है। इसके साथ ही गर्दन की सात हड्डियों में से किसी भी हड्डी में गैप बढऩे से या हड्डी के घिस जाने से इस दर्द को महसूस किया जा सकता है।
सर्वाइकल स्पांडिलाइसिस से कैसे बचें?
- आप अगर दफ्तर में घंटों काम करते हैं तो आप सबसे पहले आप लगातार घंटों तक बैठने की आदत को त्याग दें। आप दफ्तर में कुछ देर काम करने के बाद ही अपनी सीट से उठकर कहीं बाहर जाएं और अपने हाथ और पैर की अच्छी तरह से मूवमेंट करें।
- रोजाना सुबह एक्सरसाइज की आदत डालें
- लांग ड्राइविंग से बचें, अगर जरूरी हो तो थोड़ा बीच में आराम कर लें।
- लगातार सिलाई मशीन पर काम न करें, न ही टीवी लगातार देखें।
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इसके साथ ही अगर आपको गर्दन का दर्द लगातार महसूस रहता है तो आप तुरंत इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप इसमें कोई लापरवाही करते हैं तो इससे आपको काफी दिक्कत हो सकती है।
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