What Causes Early Perimenopause In Hindi: मेनोपॉज होने पहले इसके शुरुआती चरण को हम पेरिमेनोपॉज (Perimenopause Kya Hai) के नाम से जानते हैं। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं। कई बार पेरिमेनोपॉज का चरण काफी लंबा हो जाता है। यह कई महीनों से लेकर, सालों तक भी पहुंच सकता है। हालांकि, यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। हर महिला को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पेरिमेनोपॉज होने पर हॉट फ्लैशेज, इररेगुलर पीरियड्स, कभी हैवी ब्लीडिंग आदि होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार शरीर में हो रहे इतने बदलाव महिला के मूड को भी प्रभावित कर बैठते हैं। असल में, पेरिमेनोपॉज के कारण शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिस वजह से मूड स्विंग्स भी काफी ज्यादा होते हैं। बहरहाल, एक्सपर्ट्स की मानें तो मेनोपॉज के 8 से 10 साल पहले भी पेरिमेनोपॉज शुरू हो सकता है। लेकिन, आजकल देखने में आता है कि महिलाओं को अर्ली एज में भी यह समस्या हो रही है। सवाल है, ऐसा क्यों है? आइए, वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं।
कम उम्र में पेरिमेनोपॉज होने के क्या कारण हो सकते हैं?- Causes Of Early Perimenopause
कम उम्र में पेरिमेनोपॉज होने के कई कारण हो सकते हैं। इन्हें जानकर महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान जरूर रखना चाहिए-
स्मोकिंग करनाः आजकल महिलाएं कभी मॉडर्निटी के चलते, तो कभी कूल दिखने की चाह के कारण स्मोकिंग करती हैं। आपको बता दें कि स्मोकिंग करना न सिर्फ पुरुषों के लिए, बल्कि महिलाओं के लिए भी जानलेवा है। स्मोकिंग करने से कैंसर का जोखिम बढ़ता है। यहां तक कि इसकी वजह से कई महिलाओं को पेरिमेनोपॉज भी हो रहा है। विशेषज्ञों की मानें, तो जो महिलाएं स्मोकिंग करती है, उन्हें स्मोकिंग न करने वाली महिलाओं की तुलना में पेरिमेनोपॉज का खतरा अधिक होता है।
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फैमिली हिस्ट्रीः कई बार उन महिलाओं को पेरिमेनोपॉज से अर्ली एज में गुजरना पड़ता है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में अर्ली पेरिमेनोपॉज की शिकायत रही है। इसका मतलब है कि अगर किसी महिला की मां को अर्ली पेरिमेनोपॉज हुआ है, तो उन्हें भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
कैंसर ट्रीटमेंटः कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसका ट्रीटमेंट कई तरह से और स्तरों पर चलता है। कई बार कैंसर का ट्रीटमेंट ले रही महिलाओं को पेरिमेनोपॉज हो सकता है। हालांकि, इसे ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट के तौर पर देखा जाता है। अगर किसी महिला के साथ ऐसा हो रहा है, तो उन्हें अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
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लाइफस्टाइल फैक्टरः कहने की जरूरत नहीं है कि अगर आपकी आदतें सही नहीं हैं, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतते हैं और अक्सर खानपान के लिए बुरी चीजों को चुनते हैं। यही नहीं, आपके सोने-जागने का कोई फिक्स समय नहीं है और बिल्कुल फिजिकल एक्टिविटी नहीं करती हैं। इस तरह की चीजें भी पेरिमेनोपॉज का कारण हो सकती हैं।
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि पेरिमेनोपॉज के लिए कोई एक कारक जिम्मेदार नहीं होता है। इसमें लाइफस्टाइल से लेकर, बुरी आदतें महिला के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। जिस वजह से उन्हें पेरिमेनोपॉज की शिकायत हो सकती है।
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