
डायबिटीज लाइफ स्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो कि शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है। डायबिटीज की शुरुआत भले ही पैंनक्रियाज खराब होने से हो पर ये दिल, पेट, लिवर, किडनी, ब्रेन, आंख, स्किन और यहां तक कि हाथ-पांव के काम काज को भी प्रभावित करता है। पर आज हम बात डायबिटीज में पैर सुन्न पड़ने (feet numbness in diabetes) की करेंगे। असल में इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षण (diabetic neuropathy symptoms in feet) के रूप में देखा जाता है जिसमें पैर में कई लक्षण नजर आते हैं। जैसे कि बार-बार पैरों में अकड़न, पैरों में जलन और पैर सुन्न पड़ना। दरअसल, इसके पीछे कई कारण हैं जिसके बारे में हमने डॉ. आर वी एस भल्ला (Dr. RVS Bhalla), निदेशक और आंतरिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद से बात की। डॉ. आर वी एस भल्ला कहते हैं कि डायबिटीज में असंतुलित ब्लड शुगर डायबिटिक न्यूरोपैथी का कारण है। ऐसे में हमें इसके बारे में जानना चाहिए और इससे बचाव के उपायों (prevention tips feet numbness)को अपनाना चाहिए।
डायबिटीज में पैर सुन्न पड़ने का कारण-Causes of numb feet in diabetes
1. नर्व डैमेज
डायबिटीज में पैर की नसें संकुचित हो जाती हैं और उनमें सूजन आ जाता है। पर जब हमारा ब्लड शुगर लंबे समय के लिए अनियंत्रित रहता है तो ये उन नसों को डैमेज करने लगता है। इस वजह से ब्रेन का आपकी उन नसों से संबंध कम होने लगता है। इससे कई बार हमारे रिफलेक्स एक्टिविटी प्रभावित हो जाती है या फिर हमें समझ नहीं आता है कि हमारी तंत्रिकाओं में हो क्या रहा है। ऐसे में आप नर्व डैमेज के कारण बार-बार पैरों में अकड़न, पैरों का सुन्न पड़ने और ठंडे या गर्म तापमान का पता नहीं लगा पाते हैं।
2 . ब्लड सप्लाई की कमी के कारण
डायबिटीज के मरीजों में समय के साथ ब्लड वेसेल्स संकुचित हो कर डैमेज होने लगते हैं। जो ब्लड वेसेल्स संकुचित हो जाती हैं उनमें प्लॉक जमने के कारण ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है। इस वजह से पैर बार-बार सुन्न पड़ जाते हैं।
3. विटामिन डी की कमी के कारण
विटामिन डी की कमी पैरों की नसों को भी प्रभावित करती है। दरअसल, कैल्शियम के ऑब्जर्शन के लिए विटामिन डी जरूरी होता है और इससे नर्व के अंदर का इंपल्स ट्रांसपोर्टेशल सही रहता है। जब डायबिटीज के साथ शरीर में विटामिन डी की कमी रहती है तब ये परेशानी ज्यादा परेशान करने लगती है।
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डायबिटीज में पैर की देखभाल कैसे करें-Diabetes foot care tips in hindi
1. अपने पैरों को रोज चेक करें
डायबिटीज में अपने पैरों को रोज चेक करना बेहद जरूरी है। नहीं तो हल्की सी चोट भी फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकती है या फिर किसी बड़े घाव के रूप में बदल सकती है। इसलिए रोजाना अपने पैरों को चेक करते रहें कि कहीं कोई चोट न आई हो। अगर चोट लगी भी हो तो उसका सही समय पर इलाज करवा लें।
2. पैरों की साफ सफाई का रखें खास ध्यान
डायबिटीज में पैरों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसा ना करने पर पेरिफेरल न्यूरोपैथी के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए
- -रोजाना अपने पैरों को अच्छी तरह से साफ करें।
- -नाखूनों को खासतौर पर चेक करें।
- -नहाने के बाद या पैर धोने के बार अपने पैरों को अच्छी तरह से पोंछ कर सूखाएं।
- -पैरों को फिर नरिश करें और इसके लिए पेट्रोलियम जेली या किसी क्रीम का इस्तेमाल करें।
- -अगर कहीं नमी के कारण खुजली महसूस हो रही हो तो उस जगह पर तुरंत एंटी फंगल क्रीम लगाएं। नहीं तो ये इंफेक्शन बढ़ सकता है।
3. जूते शाम को खरीदें
डायबिटीज के मरीजों को इस बात पर खास ध्यान देना चाहिए कि उन्हें अपने जूते शाम को ही खरीदना चाहिए। दरअसल, इसके पीछे कारण ये है कि शाम को आपके पैर पूरी तरह से फैल जाते हैं और तब आप अपने लिए सही साइज का जूता ले पाते हैं। डायबिटीज में जूतों का आरामदायक होना बेहद जरूरी है। ऐसे में आपको जूता खरीदते समय या पहनते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि
- -आगे से चौड़े या फैले हुए जूते खरीदें।
- -जूते अंदर से आरामदायक होना चाहिए ताकि पैरों पर कोई प्रेशर ना हो।
- -कभी भी अचनाक से नए जूते पहनना ना शुरू कर दें। इन्हें पहले थोड़े -थोड़े समय तक पहन कर आरामदायक बना दें फिर लंबे समय के लिए पहनें।

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4. नंगे पांव ना चलें
नंगे पांव चलने से आपके पैर गंदे हो सकते हैं, इनमें चोट लग सकती है और संक्रमण फैल सकता है। ये डायबिटीज में गंभीर होता है क्योंकि ऐसे पैर जल्दी ठीक नहीं होते। तो, इसलिए डायबिटीज के रोगियों को नंगे पांव ना चलने की सलाह दी जाती है। आप घर में भी आरामदायक चप्पल पहन कर चलें।
5. पैरों को गर्म पानी में ना रखें या फिर आग के पास लंबे समय तक ना बैठें
डायबिटीज में हमारे नर्व धीमे-धीमे डैमेज हो रहे होते हैं और इसलिए कई बार हमें सही तापमान का अंदाजा नहीं लग पाता है। जैसे कि डायबिटीज रोगी अगर गर्म पानी में पैर रख कर लंबे समय तक बैठे तो उसके पैरों को नुकसान हो सकता है और पैर जल सकते हैं। साथ ही आग से पास बैठने से भी उनके साथ ऐसा हो सकता है। इसलिए पहले किसी और सही तापमान चेक करवाएं, तभी इन दोनों में से कोई काम करें।
डायबिटीज में हमें स्मोकिंग करना इन स्थितियों को और खराब कर सकता है। इसलिए स्मोकिंग से बचें। इसके अलावा विटामिन डी की कमी के बचें और शुगर, ब्लड प्रेशर और अपने कोलेस्ट्ऱॉल लेवल को समय-समय पर चेक करें और इसे संतुलित रखने की कोशिश करें।
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