डिस्लेक्सिया सीखने संबंधी खास किस्म की अक्षमता है जो लिखित और बोलचाल की भाषा समझने की दिमागी क्षमता को प्रभावित करती है। आम तौर पर इसे पढ़ने की अक्षमता माना जाता है पर डिस्लेक्सिया से लिखने, स्पेलिंग समझने और बोलने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है। यह समस्या आजीवन रहती है परंतु डिस्लेक्सिया पीड़ितों की मदद के लिए पढ़ाने की विभिन्न पद्धतियों और कार्य नीतियों का विकास किया गया है ताकि वे इस समस्या से उबर कर सफल और सार्थक जीवन का आनंद लें। इस लेख में मॉम्स बिलीफ की चीफ चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर रोमा कुमार से डिस्लेक्सिया के बारे में विस्तार से जानें...
डिस्लेक्सिया के क्या कारण हैं?
डिस्लेक्सिया कई प्रकार के होते हैं और विभिन्न प्रकार के डिस्लेक्सिया के कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि डिस्लेक्सिया के परिवारिक समस्या होने की संभावना रहती है और शोधों से पता चला है कि प्राइमरी डिस्लेक्सिया आनुवांशिक कारणों से हो सकता है। कुछ शोधकर्ताओं ने कुछ खास जीन की पहचान की है जो उनकी राय में डिस्लेक्सिया के लक्षणों और संकेतों को बढ़ावा देते हैं। ये जीन भाषा समझने और पढ़ने की मानसिक क्षमता को प्रभावित करते हैं।
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डिस्लेक्सिया के लक्षण
छोटे बच्चों में डिस्लेक्सिया का संकेत देने वाले कई लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:
- कोई बात कहने में ज्यादा समय लेना
- नए शब्द सीखने में धीमापन
- अक्षर, अंक और रंग याद रखने या उनके नाम बताने में परेशानी
- सही से शब्द संरचना करने में कठिनाई
- नर्सरी राइम याद करने में कठिनाई
स्कूल के बच्चों में डिस्लेक्सिया के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे:
- जो सुना उसे प्रॉसेस करने (उस पर प्रतिक्रिया देने) और समझने में कठिनाई
- पढ़ने का ज्ञान उम्र के हिसाब से बहुत कम
- सवालों का जवाब सोचने या सही शब्द ढूंढ़ने में कठिनाई
- चीज़ों का सही क्रम याद रखने में कठिनाई
- अक्षरों और शब्दों में समानता और अंतर देखने या सुनने में कठिनाई
- स्पेलिंग समझने में कठिनाई
- किसी अनजान शब्द का उच्चारण करने में अक्षम
- पढ़ने से बचने की प्रवृत्ति
- किशोर या वयस्क लोगों में भी स्कूल के बच्चों वाले डिस्लेक्सिया के लक्षण होते हैं।
डिस्लेक्सिया का क्या निदान है?
यदि किसी बच्चे के माता-पिता यह देखते हैं कि वह केजी या पहली कक्षा तक पढ़ने की क्षमता का विकास नहीं कर पाता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। डॉक्टर बच्चे के विकास, मेडिकल हिस्ट्री और स्कूल में बच्चे के सामने आई कठिनाइयों के बारे में पूछेंगे। बच्चे के शिक्षकों (यदि बच्चा स्कूल में पढ़ता हो) से भी उसके बारे में जानकारी लेंगे। मुमकिन है बच्चे से एक टेस्ट देने कहा जाए ताकि पढ़ने और भाषा समझने की उसकी क्षमता का पता चले। इसके अतिरिक्त उसके देखने, सुनने और दिमाग के काम करने की क्षमता की जांच की जाएगी।
घर पर बच्चे की दिनचर्या के बारे में भी प्रश्न पूछे जाएंगे। यह जानने के लिए कि क्या किसी घबराहट या डिप्रेशन की वजह से बच्चे के पढ़ने की क्षमता प्रभावित हो गई है उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया जा सकता है।
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डिस्लेक्सिया का क्या चिकित्सा उपचार है?
डिस्लेक्सिया का उपचार दवाइयों से नहीं होता है। आम तौर पर शिक्षा की विशेष तकनीकियों और विशेष माध्यमों का उपयोग कर डिस्लेक्सिया की समस्याओं से निपटने में बच्चों की मदद की जाती है। उदाहरण के लिए बच्चे को सिखाया जा सकता है कि पढ़ने की क्षमता की कमी दूर करने के लिए अन्य संज्ञान का उपयोग करे जैसे सुनना और स्पर्श करना। कई बच्चों के लिए पढ़ना सीखने में सहायक विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है। हालांकि डिस्लेक्सिया एक आजीवन समस्या है। यह अस्थायी समस्या नहीं है।
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