
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों के प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है, जो अखरोट के आकार का एक ग्लैंड है। यह ग्लैंड रेक्टम के ठीक नीचे होता है। इन दिनों कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पूरे सितंबर माह को प्रोस्टेट कैंसर के जागरूकता माह के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोग ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। प्रोस्टेट कैंसर को दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा फैलने वाला कैंसर कहा जाता है। कैंसर के अलावा इस अंग में इंफ्लेमेशन और इंफेक्शन या इस अंग के बड़े हो जाने की समस्याओं से भी अक्सर पुरुष जूझते हैं। इसलिए इस संबंध में खास जानकारी जरूरी है। कैंसर को समय से मात देने के लिए उसके लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों के बारे में।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
वैसे तो यह काफी आम कैंसर है लेकिन फिर भी बहुत सारे लोग इसे नजर अंदाज कर जाते हैं, जिस कारण यह ज्यादा फैल जाने पर खतरनाक हो जाता है। इसके आम लक्षण इस प्रकार हैं-
- पेशाब करने में दिक्कत होना
- पेशाब की धार में तेजी न होना
- हड्डी में दर्द होना
- बिना किसी कारण के अचानक से वजन कम हो जाना
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन होना
- पेशाब में खून आना
- सीमन में खून आना
- पेशाब करते समय जलन महसूस होना
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किसी भी उम्र में हो सकता है प्रोस्टेट कैंसर
बहुत सारे पुरुष इस कैंसर की ओर इसलिए भी ध्यान नहीं देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस प्रकार का कैंसर वृद्ध पुरुषों को ज्यादा होता है। हालांकि यह बात सच है कि इस कैंसर के ज्यादातर केस 65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में पाए जाते हैं, लेकिन इन दिनों जवान पुरुषों में भी ये बीमारी काफी ज्यादा सामने आ रही है। अब धीरे-धीरे यह कैंसर 50 से कम उम्र के लोगों में भी तेजी से फैलने लगा है। अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति जैसे आपके पिता या भाई को यह कैंसर हो गया था, तो आपको अतिरिक्त ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ऐसे केस में आपको कैंसर होने का रिस्क भी बढ़ जाता है।
किन्हें होता है प्रोस्टेट कैंसर का ज्यादा खतरा?
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में कंसलटेंट यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर नीरज शर्मा के मुताबिक जिन लोगों के परिवार में किसी व्यक्ति को यह कैंसर रह चुका हो, उन्हें ज्यादा चौकन्ना होने की जरूरत है। वैसे तो बुजुर्गों को इसका रिस्क ज्यादा है लेकिन बहुत से लोगों की अन्य हरकतें जैसे खान पान की गलत आदत, लाइफस्टाइल आदि भी इस बीमारी के रिस्क को बढ़ा सकती है, फिर चाहे आपकी उम्र कितनी भी क्यों न हो। जो लोग ज्यादा मीट खाते हैं या जो ज्यादा हाई फैट डेयरी का सेवन करते हैं, उनको इसका रिस्क और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए इन चीजों का सेवन भी सीमित ही रखें।
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प्रोस्टेट कैंसर का इलाज
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज इसके फैलाव पर निर्भर करता है। इसके अलावा लक्षणों पर भी इसका इलाज निर्भर करता है। कुछ अन्य फैक्टर्स जैसे मरीज की हेल्थ हिस्ट्री, कुछ एंटीजन, उसकी उम्र और लाइफस्टाइल भी इलाज को प्रभावित कर सकती है। कुछ दवाइयों या फिर रेडिकल सर्जरी के द्वारा इसका इलाज करना भी संभव है। इसलिए अगर इस कैंसर की समस्या है, तो ज्यादा घबराएं न, बल्कि डॉक्टर की कंसल्टेशन में अपना इलाज कराएं।
कैंसर का नाम सुनते ही लोग बहुत घबरा जाते हैं लेकिन इस समय आपको शांति और धैर्य से काम लेना जरूरी है और अगर आप इसे जल्दी पहचान लेते हैं, तो आप आसानी से ठीक हो कर वापिस स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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