Early Sign Of Brain Stroke: काम के लगातार दबाव और अनियमित जीवनशैली के कारण कई तरह के रोग का जोखिम बढ़ जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक शारीरिक गतिविधियों में बदलाव के कारण दिमाग के कार्य भी प्रभावित होते हैं। जिसकी वजह से माइग्रेन व कुछ मामलों में ब्रेन स्ट्रोक की संभावना भी बढ़ जाती है। ब्रेन स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति हैं, इसमें व्यक्ति के दिमाग के अंदर खून की आपूर्ति करने वाली नसों में ब्लॉकेज व लिकेज होने लगती है। हर साल लाखों लोगों को ब्रेन स्ट्रोक की समस्या का साममा कराना पड़ता है, जबकि कई लोग ब्रेन स्ट्रोक की वजह से अपनी जान गवां बैठते हैं। लेकिन, यदि ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न किया जाए इससे होने वाली गंभीरता को कम किया जा सकता है। ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को जानने के लिए हमने बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल न्यूरोलॉजी विभागे के प्रधान निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मन मोहन मेहंदीरत्ता से बात की। आगे जानते हैं इस समस्या में किस तरह के शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण - Causes Of Brain Stroke In Hindi
जिस प्रकार से हार्ट में रक्त की आपूर्ति कम होने पर हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ठीक उसी तरह से ब्रेन स्ट्रोक के भी दो मुख्य कारण माने जाते हैं। इसके सामान्य कारणों में इस्केमिक स्ट्रोक को शामिल किया जाता है। यह तब होता है जब ब्रेन में रक्त की आपूर्ति में किसी तरह की समस्या आने लगती है। ब्रेन में ब्लड की सप्लाई में आने वाली बाधा टिश्यू को डैमेज कर सकती है।
इसके अलावा रक्त को ब्रेन में तक पहुंचाने वाली फटने के कारण भी ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। स्ट्रोक जोखिम कारकों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज मेलेटस, धूम्रपान, हाई कोलेस्ट्रोल, शराब का अधिक सेवन करना और शारीरिक गतिविधियों में कमी आदि को शामिल किया जाता है।
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ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण - Early Symptoms Of Brain Stroke In Hindi
डॉक्टर के अनुसार ब्रेन स्ट्रोक के व्यक्ति को आगे बताए गए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- बोलने में कठिनाई होना।
- व्यक्ति को धुंधला और कम दिखाई देना।
- अचानक सिर में तेज दर्द होना।
- चक्कर आना।
- हाथों-पैरों में झनझनाहट महसूस होना,
- चेहरा की बनावट में बदलाव होना, चेहरा झुक जाना आदि।
स्ट्रोक के लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में कुछ टेस्ट के बाद डॉक्टर स्ट्रोक के संभावित खतरे को पहचान कर, तुरंत इलाज शुरु करवा सकते हैं। यदि, समय रहते स्ट्रोक का इलाज किया जाए तो रोग के जोखिम कम किया जा सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक का इलाज - Brain Stroke Treatment In Hindi
डॉक्टर के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक के कारण के आधार पर उसका इलाज किया जा सकता है। आगे जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक इलाज कैसे किया जाता है।
- ब्रेन में ब्लड क्लॉट (इस्कैमिक स्ट्रोक) के कारण ब्लड सप्लाई में रुकावट के लिए दवाएं दी जाती हैं। इसमें डॉक्टर दवाओं के उपयोग से ब्लड फ्लों को ठीक कर सकता है।
- ब्रेन और उसके आसपास के हिस्से में अंदुरुनी रुप से रक्त का बहना (haemorrhagic stroke)। इसमें डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार सर्जरी का विकल्प भी चुन सकते हैं।
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ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर उन्हें अनदेखा न करें। समय रहते ब्रेन स्ट्रोक का इलाज शुरू करने से जान के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही, रोग की गंभीरता को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।