ब्रेकफास्ट करना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार ब्रेकफास्ट हमारे पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। नाश्ता करने से आपको पूरे दिन अन्य कामों को करने लिए एनर्जी मिलती है दिन को ऊर्जा मिलती है, पाचन तंत्र में सुधार होता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम होता है। नाश्ता करने से आपका दिल स्वस्थ रहता है साथ ही साथ ही शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहता है। वहीं, अगर आप ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है (Side Effects Of Skipping Breakfast In Hindi)।
जब ब्रेकफास्ट की बात आती है, तो आप ब्रेकफास्ट में किन फूड्स (Foods Having In Breakfast) का सेवन कर रहे हैं इसकी भी अहम भूमिका होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार सवलिया (बीएएमएस आयुर्वेद) बताती हैं कि आयुर्वेद के अनुसार हमेशा नाश्ते में कुछ गर्म फूड्स का सेवन करना चाहिए (Why Should Eat Warm Breakfast In Hindi ), क्योंकि नाश्ते में कुछ ठंडा खाना आपके पूरे दिन को खराब कर सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे आपको नाश्ते में गर्म चीजें (Warm Breakfast Health Benefits in Hindi) क्यों खानी चाहिए और नाश्ते में ठंडी चीजें खाने के नुकसान।
आयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में कुछ गर्म क्यों खाना चाहिए (Warm Breakfast Health Benefits as per Ayurveda in Hindi)
डॉ. दीक्षा भावसार सवलिया के अनुसार हम में से ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत सीरियल्स में ठंडा दूध या दही मिलाकर खाना पसंद करते हैं, या नाश्ते में फल खाते हैं। लेकिन आयुर्वेद हमेशा नाश्ते में गर्म भोजन करने की सलाह देता है, क्योंकि इससे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारी पाचन अग्नि (Digestive Fire) को अपनी ऊर्जा सूर्य से मिलती है। सूर्य हमारे चयापचय का स्रोत है। दिन भर में हमारी पाचन क्षमता सूर्य की शक्ति, स्थिति और गति पर निर्भर करती है।
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सुबह के समय सूरज उगता है। सुबह के समय सूर्य अपनी इष्टतम क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर रहा होता है। ठीक ऐसा ही हमारी पाचन अग्नि के साथ होता है। इसलिए पूरे दिन भोजन को पचाने में सक्षम होने और हमारे पेट को तैयार करने के लिए, हल्का और गर्म नाश्ता करना सबसे अच्छा है क्योंकि यह पचाने में हल्का है,और आपके पेट पर ज्यादा दबाव नहीं डालता है। आयुर्वेद के अनुसार गर्म नाश्ता करना आपकी पाचन अग्नि और पेट के लिए एक वार्म-अप व्यायाम की तरह है, जिसे हम अपने शरीर को दोपहर के भोजन को पचाने के लिए तैयार करने के लिए करते हैं, जिसके लिए अधिक ताकत की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद भारी दोपहर का भोजन 12 से 2 बजे के बीच करने का सुझाव देता है क्योंकि यही वह समय होता है जब सूर्य आकाश में अपने चरम पर होता है (सबसे शक्तिशाली) और हमारी पाचन क्षमता भी इसी तरह इष्टतम होती है।
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नाश्ते में ठंडी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए (Why Should Avoid Cold Breakfast In Hindi)
डॉ. दीक्षा के अनुसार नाश्ते में ठंडी चीजों का सेवन करना जलती आग पर पानी डालने जैसा है। जो आपकी पाचन अग्रि को बढ़ाने के बजाए उल्टा इसके ठंडा करने का काम करता है। इसलिए आयुर्वेद सुझाव देता है कि नाश्ते में ताजा पका हुआ दलिया, उबले हुए फल (सेब या नाशपाती), अलग-अलग चीला (पेनकेक्स), उबली हुई फलियां (मूंग, छोले) या सिर्फ उबली हुई सब्जी का सूप जैसे गर्म और हल्के फूड्स का सेवन करें।
नाश्ते में ठंडी चीजें खाने के नुकसान (Cold Breakfast Side Effects In Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार नाश्ते में ठंडी चीजें खाने से पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेट में सूजन, ब्लोटिंग और ऐंठन, कब्ज। साथ ही आपके पेट में मौजूद आंत अत्यंत गर्मी के प्रति संवेदनशील है, ऐसे में जब आप ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो इससे पूरे शरीर को झटका लगता है। इसके चलते आपको पाचन संवेदनशीलता, थकान और साइनस संक्रमण जैसी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार ठंडा नाश्ता केवल उच्च पित्त वाले लोगों के लिए है। दूसरों के लिए गर्म नाश्ता सबसे अच्छा है।
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