
जहां एक तरफ दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने-अपने देश लौटने के लिए परेशान हैं। वहीं एक भारतीय डॉक्टर ने दुनिया के सामने मानवीयता और चिकित्सीय कर्तव्यों की एक मिसाल पेश की है। भारत के मध्यप्रदेश के रतलाम शहर के डॉक्टर अमीश व्यास ने दुनिया को बताया कि भारतीय अपनी जान की परवाह किए बिना भी अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटते हैं। दरअसल डॉ. अमीश व्यास 2014 से चीन के हांगझाऊ शहर में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं। इसी साल जब चीन में कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ और वहां बड़ी संख्या में लोगों के मरने की खबरें सामने आने लगीं, तो डॉ. अमीश की मां ने भी उनसे भारत वापस आने का अनुरोध किया। मगर डॉ. अमीश ने अपने कर्तव्यों से न हटने की बात कही और मां को समझाया कि ऐसे कठिन समय में रोगियों की मदद करना ही उनका धर्म है।
न हमारे निगलने की स्थिति है, न उगलने की स्थिति है: डॉ. अमीश की मां
एक मां के लिए अपने बच्चे की सेहत से जरूरी दुनिया की कोई दूसरी चीज नहीं हो सकती है। डॉ. अमीश की मां कविता व्यास कहती हैं कि अपने बेटे की जिद के आगे वो बेबस हैं, मगर खुश भी हैं। उन्होंने कहा कि, "बच्चे से रोज तो बात होती है। न तो हमारे निगलने की स्थिति है, न उगलने की स्थिति है। पर बच्चे का जुनून है और उसका संकल्प ही यही है कि मैं सेवा करूं। चाहे रक्षा से संबंधित हो या स्वास्थ्य से संबंधित हो, मगर आज अगर बच्चे का जुनून है, तो कहीं न कहीं उसे हमें ही प्रमोट करना पड़ेगा।"
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युद्ध में सिपाही देश छोड़कर नहीं जाते- डॉ. अमीश
आज सुबह भी मैंने बोला उसको। लेकिन उसने यही कहा कि अगर देश में युद्ध हो, तो सिपाही क्या देश को छोड़कर भाग जाएगा? तो फिर मैं कुछ भी नहीं बोल पाई उसके शब्दों के आगे। डॉ. अमीश ने चीन में ही मेडिकल की पढ़ाई की है और वहां एक प्लास्टिक सर्जन के तौर पर पिछले 6 सालों से काम कर रहे हैं।
किसी इंफेक्शन से नहीं लगता डर- डॉ. अमीश
डॉ. अमीश से जब पूछा गया कि क्या उन्हें इंफेक्शन से डर नहीं लगता है या उनका जवाब बिल्कुल स्पष्ट था। उन्होंने कहा, "देखिए, एक डॉक्टर के तौर पर मुझे किसी तरह के इंफेक्शन से डर नहीं लगता है। ये मेरा धर्म है और मैं लोगों का इलाज कर रहा हूं। मैंने इससे भी खतरनाक बीमारियों और स्थितियों वाले मरीजों का इलाज किया है। मुझे लगता है कि इस स्थिति में ज्यादातर डॉक्टर्स और सर्जन्स की भी फीलिंग वही होंगी, जो मेरी हैं। मेरी अपने साथी डॉक्टरों और फिजीशियन्स को एक ही सलाह है कि आप जो कर रहे हैं, बिना डरे बस करते रहें। मैं इस समय सिर्फ हॉस्पिटल में ही नहीं, बल्कि कम्यूनिटी सेंटर में भी एक्स्ट्रा टाइम कर रहा हूं। मेरी पत्नी भी डॉक्टर हैं और वो भी लगातार काम कर रही हैं"
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चीन में कोरोना वायरस से बुरी है स्थिति
कोरोना वायरस की शुरुआत चीन से हुई थी और अब तक सबसे ज्यादा बुरी स्थिति भी चीन में ही है। इस वायरस की चपेट में जहां चीन में अब तक 80,000 से ज्यादा लोग आ चुके हैं, वहीं इससे होने वाली मौतों की संख्या 3000 पार कर गई है। ऐसी स्थिति में भी जब उनके पास भारत वापस लौटने के सभी विकल्प खुले थे, तब डॉ. अमीश ने चीन में रुकने का और बीमारों का इलाज करने का फैसला लिया है। इसीलिए वो हम सभी के लिए एक मिसाल बन गए हैं।
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