आप भी बढ़ती उम्र के साथ अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहते हैं? अगर आप अपनी आंखों को हमेशा स्वस्थ रखना चाहते हैं तो, इसके लिए जरूरी है स्वस्थ खानपान। आंखों को स्वस्थ रखने और बेहतर रोशनी के लिए विटामिन ए और विटामिन के से भरपूर भोजन लेना बहुत जरूरी है।
शोधकर्ताओं ने पाया की जो लोग रेड मीट, फ्राइड फूड और हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं उनकी आंखों पर इसका सीधा असर पड़ता है। ये आंखों के रेटिना को डेमैज करने का काम करता है साथ ही आंखों की रोशनी पर भी असर डालता है।
इस स्थिति को ऐज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) कहा जाता है। इससे आपकी आंखों की रोशनी पर असर धीरे-धीरे पड़ता है। न्यूवैस्कुलर(ऐज रिलेटेड मैक्युलर डिजेनेरेशन) AMD काफी महंगा है और जियोग्राफिक ऐट्रोफी में इसका कोई इलाज नहीं है। अगर AMD का दूसरा रूप देखें तो वो ये है की उससे आपकी आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
यूएस की यूनिवर्सिटी में श्रुति धीगे के द्वारा किए गए शोध के मुताबाकि, AMD से बचने के लिए हमे इसके लिए पहले से तैयार होने की जरूरत है और अगर हम पहले से ही इस समस्या को पकड़ लेंगे तो ये हमारे लिए फायदेमंद होगा।
धीगे और उनके साथियों ने 66 अलग-अलग खाने की चीजों पर डेटा का प्रयोग किया जो लोगों ने साल 1987 और 1995 के बीच सेवन किया। इसमें दो तरह के डाइट की पहचान की गई। इनमें दो तरह के डाइट शामिल थे एक वेस्टर्न और हेल्दी, जिनके बीच में काफी ज्यादा अंतर पाया गया।
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अध्ययन के लेखक ऐम्मी मिलेन जो कि यूनिवर्सिटी के बफैलो में प्रोफेसर है, उनके मुताबिक अध्ययन में पाया गया था की जिन लोगों को AMD नहीं है और जिन्हें AMD से पहले उन्होंने ज्यादा मात्रा में अनहेल्दी फूड का सेवन किया जिससे उनकी आंखों की रोशनी के कम होने का खतरा बढ़ गया।
AMD से पहले वाली स्थिति को अस्यमपटोमेटिक कहा जाता है, जो कि किसी को भी इसका पता नहीं होता। AMD से पहले आंखों में नए ब्लड वैसल्स बनते हैं जिसे मैक्युला से जाना जाता है।
मैक्युलर डिजनरेशन क्या है?
आंखों में मैक्युला पैनी और केंद्रीत नजरों के लिए जरूरी होता है। ये रेटिना के पास एक छोटे से रूप में दिखाई देता है। जिससे हमारी आंखों के सामने आने वाली किसी भी चीज को देखने में मदद करता है। मैक्युलर डिजनरेशन इसी मैक्युला के खराब होने के कारण ही मैक्युलर डिजनरेशन होता है। इससे कई लोगों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।
टॉप स्टोरीज़
- मैक्युलर डिजनरेशन के लक्षण
- आंखें लाल होना या दर्द होना
- आंखों के सामने बार-बार कालापन आना
- धुंधला दिखाई देना
- कोई भी चीज ज्यादा छोटी दिखना
- नजर की चमक में बदलाव
- नजदीक की चीजों को देखने में परेशानी
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बढ़ती उम्र का असर शरीर के बाकि हिस्सों की तरह ही आंखों पर भी असर पड़ता है। ऐसे में अगर एएमडी के कारण आंखों की रोशनी चले जाए तो उन्हें परिवार पर या उनकी देखभाल करने वालों पर एक्टिव रहना पड़ता है। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर आप तुरंत डॉक्टर से जाकर संपर्क करें।
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