टैनिंग से बचाने वाला आपका सनस्क्रीन त्वचा के लिए है खतरनाक, जानें एक्सपर्ट की राय

जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक हालिया अध्ययन से चौंका देने वाली जानकारी सामने आने के बाद से सनस्क्रीन को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। सनस्क्रीन का अगर लगातार प्रयोग किया जाए तो वह हमारे ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर सकती है।   
  • SHARE
  • FOLLOW
टैनिंग से बचाने वाला आपका सनस्क्रीन त्वचा के लिए है खतरनाक, जानें एक्सपर्ट की राय

जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक हालिया अध्ययन से चौंका देने वाली जानकारी सामने आने के बाद से सनस्क्रीन को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। एसोसिएशन का कहना है कि सनस्क्रीन का अगर लगातार प्रयोग किया जाए तो वह हमारे ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर सकती है। अध्ययन से सामने आया है कि सनस्क्रीन से शरीर में जो केमिकल की मात्रा पहुंचती है वह अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की अनुमत स्तर के मुकाबले कई गुना अधिक है। वहीं त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि धूप में सनस्क्रीन का प्रयोग जरूरी है ताकि शरीर को यूवी किरणों से बचाया जा सके।

दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजी विभाग के सलाहकार डॉ. गौरव भारद्वाज का कहना है कि घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है, जिससे शरीर यूवी किरणों से बचाई जा सके। सन स्क्रीन का प्रयोग सूर्य की पराबैगनी किरणों से बचाने के लिए किया जाता है।

वहीं श्री बालाजी ऐक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के डर्मेटोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विजय सिंघल ने बताया कि यूवी किरणों का प्रभाव हर त्वचा पर पड़ता है। कई बार धूप से बचने के साधारण उपाय अपनाने के बाद भी त्वचा प्रभावित हो जाती है मौसम चाहे कोई भी हो, घर या घर से बाहर निकलते वक्त सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का इस्तेमाल करना अवश्यक है । सनस्क्रीन क्रीम का इस्तेमाल आप दिन में 3 बार कर सकते हैं।

सनसक्रीन का प्रयोग क्यों करें

  • एक शोध के अनुसार, उम्र से पहले त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियां, फाइन लाइंस, त्वचा का फटना, रंगत पर प्रभाव, झांइयों का सबसे बड़ा कारण यूवी किरणें होती हैं। ज़्यादा देर तक धूप में रहने से न सिर्फ त्वचा पर कालापन आ जाता है, बल्कि त्वचा के स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
  • स्किन के मुताबिक ही सनस्क्रीन लगानी चाहिए। अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो जेल या स्प्रे वाली सनस्क्रीन खरीदें, इससे आपकी स्किन ज्यादा ऑयली नहीं दिखेगी। अगर आपकी स्किन रूखी है, तो लोशन या क्रीम वाली सनस्क्रीन लगाएं, इससे आपकी स्किन को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा मिलेगी।

सन स्क्रीन के अलावा दूसरा विकल्प

  • सन स्क्रीन के अलावा हम पीने का पानी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करके अपनी त्वचा का ख्याल रख सकते हैं, एवं घर से बाहर निकलते वक्त पूरी बाज़ूओ के कपड़े पहन कर त्वचा का ख्याल रखा जा सकता है।
  • सन स्क्रीन के अलावा आप अपने खान-पान पर ध्यान दें और यदि कहीं धूप में निकले तो अपने चेहरे ढक कर निकलें। आप अपनी त्वचा की सफाई और टोनिंग जैसी चीजों का सहारा लें।

इसे भी पढ़ेंः चेहरे की झाइयों को दूर करने के ये हैं 10 आसान उपाय, मिलेगा मेकअप वाला निखार

 सनसक्रीन लगाने से समस्याएं

  • सनसक्रीन लगाने से त्वचा पर इचिंग एवं रिएक्शन जैसी समस्याएं हो सकती है ।
  • धूप से बचाने वाली कुछ सनस्क्रीन में घातक रसायन पाए जाते हैं जो त्वचा पर जलन, रैश, खुजली और ब्रेस्ट कैंसर भी पैदा सकते हैं। सनस्क्रीन लोशन लगाने के कुछ छोटे मोटे साइड इफेक्ट्स तो अकसर सामने देखने को मिलते ही हैं लेकिन जब यह विकराल रूप ले लेते हैं तो आपको तुरंत ही चिकित्सक की सहायता लेनी चाहिये।

सनसक्रीन का प्रयोग क्यों करें

लगातार धूप में रहने से त्वचा पर भूरे धब्बे, महीन रेखाएं और झुर्रियां पड़ जाती हैं और त्वचा ढीली हो जाती है। सूर्य की किरणें त्वचा को समय से पहले बूढ़ा बना देती हैं। इनसे कोलेजन और लचीले उतकों को भी नुकसान पहुंचता है। सनस्क्रीन का नियमित रूप से प्रयोग करने से त्वचा मुलायम और एकसमान टोन वाली रहती है। घर में रहें तो 15 एसपीएफ  वाला सनस्क्रीन लगाएं घर से बाहर निकलें तो एसपीएफ  30 वाला सनस्क्रीन लगाएं। साबुन के स्थान पर फेसवॉश का उपयोग करें, यह चेहरे को साफ कर देगा और उसकी नमी भी नहीं चुराएगा। नियमित रूप से मायस्चरॉइजर का इस्तेमाल करें, इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी।

इसे भी पढ़ेंः खूबसूरत त्वचा के लिए अपने ग्रूमिंग रूटीन में इन 9 तरीकों से शामिल करें एक्टिवेटेड चारकोल

जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्ययन के मुताबिक, 24 लोगों ने चार दिन तक अपने शरीर के 75 फीसदी भाग पर स्प्रे, लोशन, क्रीम सहित चार सनस्क्रीन का प्रयोग किया। जिसके सात दिनों बाद उनके रक्त में अवशोषित केमिकल के स्तर को जांचने के लिए उन लोगों के रक्त की जांच की गई। 

इस जांच के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्हें यूएस फूड एंड ड्रग्स एडमिनस्ट्रेश्न (एफडीए) की अनुमत सीमा से अधिक प्लाज्मा कंसन्ट्रेशन के प्रभावों का पता नहीं चला इसलिए आगे और अध्ययन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से पहले त्वचा रोग विषेशज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

Read More Articles On Skin Care in Hindi

Read Next

उम्र बढ़ने के साथ चेहरे पर आने वाले दाग-धब्बों यानी 'एज स्पॉट्स' को कैसे छुपाएं?

Disclaimer