हाइजीन की कमी और थोड़ी सी असावधानी, इस पीड़ा को आपका पता दे सकती है। घर हो या बाहर आप कहीं भी इसकी जद में आ सकते हैं। कुछ लोग साफ सफाई के मामले में थोड़ा लापरवाह होते हैं। लेकिन वे यह नहीं जाते हैं कि उनकी ये लापरवाही उन्हें गंभीर बीमारीका शिकार बना सकती है। उन्हीं में से एक है यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन रोग। पुरुष हो या महिला, उम्र के किसी भी दौर में यह संक्रमण शिकंजे में ले सकता है। मनुष्य शरीर में यूरीनरी ट्रैक्ट वह सिस्टम है जहां मूत्र बनता भी है और इसी के द्वारा शरीर से बाहर भी निकलता है। इस मायने से यह पूरा सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण काम करता है। ब्लेडर और किडनी भी इस सिस्टम का हिस्सा होते हैं। जब किसी भी साधन से कोई जर्म इस तंत्र में आ जाता है तो संक्रमण पनप जाता है।
ज्यादातर यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शंस ब्लेडर को शिकार बनाते हैं लेकिन यदि समय पर इनका इलाज न हो तो यह किडनी तक भी पहुंच सकते हैं। महिलाएं, पुरुषों की तुलना में इसकी ज्यादा शिकार होती हैं क्योंकि महिलाओं में यूरेथ्रा नामक अंग की संरचना छोटी होती है जिसके जरिए इन्फेक्शन उन तक पहुंचता है।
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ये लोग हो सकते हैं आसान शिकार
- डायबिटीज, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस या स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी आदि के पीड़ित
- बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि वाले
- गर्भवती महिलाएं एवं बुजुर्ग लोग
- किडनी स्टोन्स के पीड़ित
- ऐसे नवजात जिनमें पेशाब का रास्ता किसी वजह से ब्लॉक हो रहा हो या जो यूरीनरी ट्रैक्ट के किसी विकार के साथ ही जन्में हों
- वे लोग जो किसी कारण से कैथेटर (मूत्र की थैली) का प्रयोग कर रहे हों
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले
- हाइजीन व स्वच्छता का ध्यान न रखने वाले, आदि
इस इन्फेक्शन के मामले में स्वच्छता, हाइजीन और त्वरित इलाज बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इसलिए इन तीनों का ही ध्यान रखें। याद रखिए, यह इन्फेक्शन ध्यान न देने पर गंभीर भी हो सकता है और बार-बार लौटकर भी आ सकता है। इसलिए सजगता जरूरी है।
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इन बातों का रखें खास ख्याल
- बच्चों या बड़ों में बुखार, उल्टी, पेशाब में जलन, बार-बार बाथरूम जाने की इच्छा होना, पेशाब की मात्रा का कम होना, मूत्र में रक्त निकलना या तेज बदबू आना, पेट या कमर में दर्द आदि जैसे लक्षणों के लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। बच्चों के मामले में अधिकांशत: जलन का लक्षण गौण होता है, इसलिए दूसरे लक्षणों को ध्यान से देखें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। साथ ही अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने का प्रयास करें
- चाहे घर हो या बाहर, बाथरूम को साफ रखें, अधोवस्त्रों की सफाई का ध्यान रखें और अपने प्राइवेट पार्ट की भी।
- घर से बाहर गंदे बाथरूम या यूरिनल्स का प्रयोग करने से बचें
- इन्फेक्शन की स्थिति में खास सतर्क रहें और दवाइयों का नियमित सेवन करें
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